जीपीएम: जीपीएम जिले के पेंड्रा और मरवाही में दुर्लभ प्रजाति के सांप और मछली मिले हैं. जिसे शोषल मीडिया में अलग अलग कहानियों के साथ वायरल किया जा रहा है. प्रदेश में यह ऐसी पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई दुर्लभ प्रजातियों के जीव यहां मिल चुके हैं.
सोशल मीडिया सांप और मछली की तस्वीर जमकर वायरल: पहला मामला पेंड्रा ब्लॉक के नवागांव का है. जहां पर महामाया मंदिर के पास स्थित बगीचे में एक सांप ग्रीन वाइन वाइपर मिला है. यह सांप अन्य सांपों की तरह जहरीला नहीं होता है. इस सांप की प्रजाति जिले से लगे मध्यप्रदेश और मैकल पर्वत श्रंखला क्षेत्र में भी कई बार देखी गई है. वहीं दूसरी मामला मरवाही ब्लॉक के लोहारी गांव से सामने आया है. जहां गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने तालाब में मछली पकड़ने के लिए जाल लगया हुआ था. इसी दौरान ग्रामीणों के जाल में एक सकरमाउथ कैटफिश मछली फंस गई. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है.
ग्रमीणों ने मछली कों संभालकर रखा हुआ है: ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही उन्होंने तालाब में जाल डाला. अन्य साधारण मछलियों के साथ ही एक अलग सी दिखने वाली यह अजीबो-गरीब मछली भी जाल में फस गई. यह देखते ही लोग चौंक गए और मछली को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. जब लोगों ने मछली के बारे में गूगल पर सर्च किया तो पता चला कि इस मछली का नाम सकरमाउथ कैटफीश है. हमने मछली को अपने घर में सुरक्षित रखा हुआ है. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर इस दुर्लभ सांप और मछली की तस्वीर जमकर चर्चा हो रही है.
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गरियाबंद में मिली भी मिली थी दुर्लभ मछली: इसी महीने 12 जनवरी को गरियाबंद के पैरी और सोधुर नदी के संगम स्थल पर मछुआरे के जाल में अमेरिका में पाए जाने वाली मछली टाइगर फिश फंसी थी. मछली यहां कैसे पहुंची इसका पता तो अभी तक नहीं चल पाया है. 6 साल पहले भी इसी तरह यह मछली गरियाबंद में मिली थी. टाइगर फिश की चार आंख होती हैं और यह मांसाहारी किस्म की होती है.