ETV Bharat / state

गांव विभाजन के खिलाफ दायर जनहित याचिका हाईकोर्ट में खारिज

बिलासपुर हाईकोर्ट ने बस्तर के गांव 'बड़े गुदरा' के विभाजन के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया है.

author img

By

Published : Jun 1, 2020, 7:12 PM IST

chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर: सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बस्तर के गांव 'बड़े गुदरा' के विभाजन के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. 'बड़े गुदरा' बस्तर जिले में स्थित एक गांव है. कुछ समय पहले बस्तर के कलेक्टर ने आदेश जारी कर इसका विभाजन दो भागों में कर दिया था. एक 'बड़े गुदरा' दूसरा 'पंक नाचूआं' बनाया गया था. कलेक्टर के इस आदेश के खिलाफ बस्तर निवासी हिड़माराम ने जनहित याचिका दायर की थी. हिड़माराम ने अपनी याचिका में कहा था कि बस्तर कलेक्टर ने बिना ग्राम सभा के अनुमति गांव का विभाजन किया है.

पढ़ें- रायगढ़: गैस सिलेंडर फटने से मां और दो बच्चों की मौत

विभाजन का अधिकार सिर्फ गवर्नर के पास

इसके साथ राज्य के अंदर किसी क्षेत्र के विभाजन का अधिकार केवल राज्य के गवर्नर को होता है. इसलिए बस्तर कलेक्टर ने गांव का विभाजन अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किया है. इसलिए हाईकोर्ट इस फैसले पर रोक लगाये. याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा कि गवर्नर चाहे तो कलेक्टर को यह अधिकार दे सकते हैं कि वह किसी क्षेत्र का विभाजन कर सके. इस मामले में ऐसा ही किया गया है. इसलिए यह याचिका चलने योग्य नहीं है.

हाईकोर्ट ने याचिका को किया खारिज

याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने सोमवार हिड़माराम की याचिका को खारिज कर दिया है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने की है.

बिलासपुर: सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बस्तर के गांव 'बड़े गुदरा' के विभाजन के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. 'बड़े गुदरा' बस्तर जिले में स्थित एक गांव है. कुछ समय पहले बस्तर के कलेक्टर ने आदेश जारी कर इसका विभाजन दो भागों में कर दिया था. एक 'बड़े गुदरा' दूसरा 'पंक नाचूआं' बनाया गया था. कलेक्टर के इस आदेश के खिलाफ बस्तर निवासी हिड़माराम ने जनहित याचिका दायर की थी. हिड़माराम ने अपनी याचिका में कहा था कि बस्तर कलेक्टर ने बिना ग्राम सभा के अनुमति गांव का विभाजन किया है.

पढ़ें- रायगढ़: गैस सिलेंडर फटने से मां और दो बच्चों की मौत

विभाजन का अधिकार सिर्फ गवर्नर के पास

इसके साथ राज्य के अंदर किसी क्षेत्र के विभाजन का अधिकार केवल राज्य के गवर्नर को होता है. इसलिए बस्तर कलेक्टर ने गांव का विभाजन अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किया है. इसलिए हाईकोर्ट इस फैसले पर रोक लगाये. याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा कि गवर्नर चाहे तो कलेक्टर को यह अधिकार दे सकते हैं कि वह किसी क्षेत्र का विभाजन कर सके. इस मामले में ऐसा ही किया गया है. इसलिए यह याचिका चलने योग्य नहीं है.

हाईकोर्ट ने याचिका को किया खारिज

याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने सोमवार हिड़माराम की याचिका को खारिज कर दिया है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.