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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छत्तीसगढ़ में भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़े जाएंगे कैदी

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश का पालन करते हुए अब छत्तीसगढ़ के जेलों में बंद कैदियों को भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अंडर सेकेट्री श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक गुरुवार को पहले चरण में लगभग 3 हजार के आस-पास कैदियों की रिहाई हो सकती है.

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Published : May 13, 2021, 4:19 PM IST

Updated : May 13, 2021, 4:45 PM IST

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रायपुर केंद्रीय जेल

बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को जल्द ही पैरोल पर रिहा किया जाएगा. हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है. इस मीटिंग में कमेटी के सदस्य ACS सुब्रत साहू, डीआईजी जेल केके गुप्ता उपस्थित मौजूद रहे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छत्तीसगढ़ में भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़े जाएंगे कैदी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अमल

पहले चरण में करीब 3 हजार कैदियों की रिहाई हो सकती है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट पिछले दिनों कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत में कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था. अब छत्तीसगढ़ की जेलों में बंद कैदियों को भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

90 दिनों के लिए कैदी किए जाएंगे रिहा

हाई पावर कमेटी की बैठक में सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश पर पिछले साल छोड़े गए ऐसे कैदी जिन्हें अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया था. उन कैदियों को 90 दिनों के लिए फिर छोड़ने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अंडर सेकेट्री श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक गुरुवार को पहले चरण में लगभग 3 हजार के आसपास कैदियों की रिहाई हो सकती है.

दुर्ग केंद्रीय जेल में कोरोना विस्फोट, दो कैदियों की मौत, 32 संक्रमित

कैदियों को छोड़ने के लिए मापदंड तैयार

इसके अलावा प्रदेश के जेलों में बंद अन्य कैदियों को भी छोड़ने हाईपावर कमेटी ने मापदंड तैयार कर लिया है.

  • 7 वर्ष के अवधि के कारावास से दंडनीय अपराधों में निरूद्ध कैदी.
  • धारा 304 बी आईपीसी के निरुद्ध बंदी.
  • 60 वर्षीय या उससे अधिक के बंदी जो 10 वर्ष तक की सजा से दंडनीय अपराध में निरुद्ध हैं.
  • अन्य मापदंडों के अनुसार कैदियों को छोड़ने का फैसला लिया गया है.

छत्तीसगढ़ में 1 मई 2021 तक करीब 100 कैदी संक्रमित, 5 की मौत

बता दें कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के चलते पिछले साल कई कैदियों की जान चली गई थी. दूसरी लहर में भी तिहाड़ समेत देश की कई जिलों में कैदियों के कोरोना संक्रमित होने और मौत के मामले सामने आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ के जेल डीआईजी के के गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की जेलों में कोरोना की दूसरी लहर के बीच 1 मई 2021 तक लगभग 100 कोरोना संक्रमित बंदी सामने आ चुके हैं. जिनका लगातार उपचार किया गया. गुप्ता के अनुसार रायपुर केंद्रीय जेल में जनवरी से लेकर 11 मई तक 21 बंदी कोरोना संक्रमित हुए थे, जो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. फिलहाल रायपुर जेल में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है. 5 बंदियों की मौत अब तक इस महामारी से हो चुकी है. जिन 5 बंदियों की मौत हुई है उसमें दो दुर्ग, एक अंबिकापुर और दो रायपुर के बंदी शामिल हैं. डीआईजी ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न जेलों में लगभग 18 हजार 500 बंदी हैं. यह बंदी प्रदेश की जेलों की क्षमता से थोड़े अधिक हैं. रायपुर जेल में भी लगभग 3000 से ज्यादा बंदी हैं.

उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा ?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य पिछले साल जारी निर्देश का पालन करें. जिन कैदियों को पिछले साल छोड़ा था, उनकी फिर अंतरिम रिहाई हो. जिनको पेरोल मिली थी, उन्हें फिर 90 दिन के लिए छोड़ा जाए. कोर्ट ने इसके साथ ही ये भी साफ किया है कि बहुत जरूरी मामलों में ही गिरफ्तारी होनी चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नियुक्त कमेटी से कहा है कि नए कैदी जो सशर्त रिहाई की योग्यता रखते हैं, उनकी रिहाई पर भी विचार हो.

बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को जल्द ही पैरोल पर रिहा किया जाएगा. हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है. इस मीटिंग में कमेटी के सदस्य ACS सुब्रत साहू, डीआईजी जेल केके गुप्ता उपस्थित मौजूद रहे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छत्तीसगढ़ में भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़े जाएंगे कैदी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अमल

पहले चरण में करीब 3 हजार कैदियों की रिहाई हो सकती है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट पिछले दिनों कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत में कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था. अब छत्तीसगढ़ की जेलों में बंद कैदियों को भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

90 दिनों के लिए कैदी किए जाएंगे रिहा

हाई पावर कमेटी की बैठक में सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश पर पिछले साल छोड़े गए ऐसे कैदी जिन्हें अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया था. उन कैदियों को 90 दिनों के लिए फिर छोड़ने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अंडर सेकेट्री श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक गुरुवार को पहले चरण में लगभग 3 हजार के आसपास कैदियों की रिहाई हो सकती है.

दुर्ग केंद्रीय जेल में कोरोना विस्फोट, दो कैदियों की मौत, 32 संक्रमित

कैदियों को छोड़ने के लिए मापदंड तैयार

इसके अलावा प्रदेश के जेलों में बंद अन्य कैदियों को भी छोड़ने हाईपावर कमेटी ने मापदंड तैयार कर लिया है.

  • 7 वर्ष के अवधि के कारावास से दंडनीय अपराधों में निरूद्ध कैदी.
  • धारा 304 बी आईपीसी के निरुद्ध बंदी.
  • 60 वर्षीय या उससे अधिक के बंदी जो 10 वर्ष तक की सजा से दंडनीय अपराध में निरुद्ध हैं.
  • अन्य मापदंडों के अनुसार कैदियों को छोड़ने का फैसला लिया गया है.

छत्तीसगढ़ में 1 मई 2021 तक करीब 100 कैदी संक्रमित, 5 की मौत

बता दें कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के चलते पिछले साल कई कैदियों की जान चली गई थी. दूसरी लहर में भी तिहाड़ समेत देश की कई जिलों में कैदियों के कोरोना संक्रमित होने और मौत के मामले सामने आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ के जेल डीआईजी के के गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की जेलों में कोरोना की दूसरी लहर के बीच 1 मई 2021 तक लगभग 100 कोरोना संक्रमित बंदी सामने आ चुके हैं. जिनका लगातार उपचार किया गया. गुप्ता के अनुसार रायपुर केंद्रीय जेल में जनवरी से लेकर 11 मई तक 21 बंदी कोरोना संक्रमित हुए थे, जो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. फिलहाल रायपुर जेल में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है. 5 बंदियों की मौत अब तक इस महामारी से हो चुकी है. जिन 5 बंदियों की मौत हुई है उसमें दो दुर्ग, एक अंबिकापुर और दो रायपुर के बंदी शामिल हैं. डीआईजी ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न जेलों में लगभग 18 हजार 500 बंदी हैं. यह बंदी प्रदेश की जेलों की क्षमता से थोड़े अधिक हैं. रायपुर जेल में भी लगभग 3000 से ज्यादा बंदी हैं.

उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा ?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य पिछले साल जारी निर्देश का पालन करें. जिन कैदियों को पिछले साल छोड़ा था, उनकी फिर अंतरिम रिहाई हो. जिनको पेरोल मिली थी, उन्हें फिर 90 दिन के लिए छोड़ा जाए. कोर्ट ने इसके साथ ही ये भी साफ किया है कि बहुत जरूरी मामलों में ही गिरफ्तारी होनी चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नियुक्त कमेटी से कहा है कि नए कैदी जो सशर्त रिहाई की योग्यता रखते हैं, उनकी रिहाई पर भी विचार हो.

Last Updated : May 13, 2021, 4:45 PM IST
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