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MGM आई इंस्टीट्यूट में कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका खारिज

मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट में की जा रही कार्रवाई की रोक को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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हाईकोर्ट बिलासपुर
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Published : Feb 7, 2020, 10:10 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 10:25 PM IST

बिलासपुर : मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट, एमजीएम आई इंस्टिट्यूट की शासन की ओर से की जा रही जांच पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने के निर्देश भी दिए हैं. इस ट्रस्ट के संचालक निलंबित IPS मुकेश गुप्ता हैं.

हाईकोर्ट बिलासपुर

राज्य शासन ने मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट MGM आई इंस्टिट्यूट में अनियमितता की शिकायत पर जांच शुरू की है. इस जांच के खिलाफ ट्रस्ट ने याचिका दायर कर कहा कि 'सुनवाई का मौका दिए बना परेशान करने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है'. याचिका में शिकायत की कॉपी उपलब्ध कराए जाने के बाद कार्रवाई कराए जाने की मांग की गई थी और तब तक जांच और कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

विधिक प्रावधान के अनुसार हुई कार्रवाई
शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेकरंजन तिवारी और उप महाधिवक्ता चंद्रेश श्रीवास्तव ने जवाब पेश कर कहा कि कार्रवाई रजिस्टार पब्लिक न्यास अधिनियम की परिधि में की जा रही है. इसमें याचिकाकर्ता से जानकारी मांगी गई थी, जिसे याचिकाकर्ता बेवजह छिपा रहे हैं. इस संबंध में अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार को जानकारी मांगने का अधिकार है. विधिक प्रावधान के विपरीत कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है. याचिका शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए पेश की गई है.

खारिज हुई याचिका
जस्टिस पीसेम कोशी ने कार्रवाई में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं पाई है. कोर्ट ने कहा कि 'शासन, न्यास अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. याचिकाकर्ता को कार्रवाई में पूरा सहयोग करने का निर्देश देते हुए याचिका को खारिज कर दिया है'.

बिलासपुर : मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट, एमजीएम आई इंस्टिट्यूट की शासन की ओर से की जा रही जांच पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने के निर्देश भी दिए हैं. इस ट्रस्ट के संचालक निलंबित IPS मुकेश गुप्ता हैं.

हाईकोर्ट बिलासपुर

राज्य शासन ने मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट MGM आई इंस्टिट्यूट में अनियमितता की शिकायत पर जांच शुरू की है. इस जांच के खिलाफ ट्रस्ट ने याचिका दायर कर कहा कि 'सुनवाई का मौका दिए बना परेशान करने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है'. याचिका में शिकायत की कॉपी उपलब्ध कराए जाने के बाद कार्रवाई कराए जाने की मांग की गई थी और तब तक जांच और कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

विधिक प्रावधान के अनुसार हुई कार्रवाई
शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेकरंजन तिवारी और उप महाधिवक्ता चंद्रेश श्रीवास्तव ने जवाब पेश कर कहा कि कार्रवाई रजिस्टार पब्लिक न्यास अधिनियम की परिधि में की जा रही है. इसमें याचिकाकर्ता से जानकारी मांगी गई थी, जिसे याचिकाकर्ता बेवजह छिपा रहे हैं. इस संबंध में अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार को जानकारी मांगने का अधिकार है. विधिक प्रावधान के विपरीत कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है. याचिका शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए पेश की गई है.

खारिज हुई याचिका
जस्टिस पीसेम कोशी ने कार्रवाई में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं पाई है. कोर्ट ने कहा कि 'शासन, न्यास अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. याचिकाकर्ता को कार्रवाई में पूरा सहयोग करने का निर्देश देते हुए याचिका को खारिज कर दिया है'.

Intro:मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा शासन की ओर से की जा रही जांच पर रोक लगाने पेश याचिका को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।Body:बता दे की राज्य शासन ने आईपीएस मुकेश गुप्ता द्वारा संचालित मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट एमजीएम आईं इस्टिटूयूट में अनियमितता की शिकायत पर जांच प्रारम्भ की है। इसके खिलाफ ट्रस्ट ने याचिका दाखिल कर कहा कि सुनवाई का अवसर दिए बिना व् शिकायत की जानकारी नही देकर परेशान करने निरीक्षण किया जा रहा है। याचिका में शिकायत की प्रति उपलब्ध कराए जाने के बाद कार्रवाई कराये जाने की मांग की गई थी। तब तक समस्त जांच कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेकरंजन तिवारी व् उप महाधिवक्ता चंद्रेश श्रीवास्तव ने जवाब प्रस्तुत कर कहा कि समस्त कार्रवाई रजिस्टार पब्लिक न्यास अधिनियम की परिधि में की जा रही है। इसमें याचिकाकर्ता से जानकारी चाही गई है। इसे याची द्वारा बिना किसी वजह के छुपाया जा रहा है। इस संबंध में अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार को जानकारी मांगने का अधिकार है। विधिक प्रावधान के विपरीत कोई भी कार्रवाई नही की जा रही है। याचिका शासकीय कार्य में बाधा पहुचाने के लिए प्रस्तुत की गयी है। जस्टिस पी सेम कोशी ने कार्रवाई में किसी प्रकार का अवैधानिकता नही पाई। कोर्ट ने कहा कि शासन , न्यास अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। Conclusion:याचिकाकर्ता को कार्रवाई में पूरा सहयोग करने का निर्देश देते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
Last Updated : Feb 7, 2020, 10:25 PM IST
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