बिलासपुर: प्रदेश में एक बार फिर बेमौसम बारिश (Unseasonal rain in Bilaspur ) ने धान खरीदी केन्द्रों में (paddy procurement centers) रखे धान को भीगा दिया है. हालांकि पिछली बार हुए बारिश से सबक लेते हुए इस बार धान खरीदी केंद्रों में पहले से ही कैप कवर होने की वजह से धान बच तो गया. लेकिन जिन केंद्रों में जमीन पर धान रखे गए हैं. वहां थोड़ा नुकसान भी हुआ है. राज्य में खरीदी के बाद उठाव के लिए खरीदे गए धान को जमा रखा गया है. बीते दो दिनों से मौसम में हुए परिवर्तन से केंद्रों में दो दिनों से धान खरीदी बंद कर दी गई है.
पहले ही हो चुका है काफी नुकसान
धान खरीदी केन्द्रों में खरीदी इसलिए भी बंद कर दी गई. क्योंकि बेमौसम बारिश से कहीं किसानों से खरीदा जाने वाला धान बर्बाद न हो जाए. धान खरीदी केंद्रों में मंगलवार को धान की खरीदी पूरी तरह बंद रही. जिले के कई खरीदी केंद्रों में किसानों को मौसम साफ होने के बाद धान बेचने की बात कही जा रही है. कई ऐसे केंद्र भी हैं. जहां धान खुले आसमान के नीचे रख दिया गया है. वहां चबूतरा भी नहीं है. ऐसी कोई व्यवस्था जिससे जमीन का पानी धान में न जा सके.
यह भी पढ़ेंः Weather Change In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 3 दिनों से जारी है बारिश का दौर, हल्की बारिश और ओलावृष्टि की संभावना
जिले में कुल 130 धान खरीदी केन्द्र
जिले के बहतराई, खमतराई, बिरकोना, सकरी, परसदा, बेलगहना, कोटा के खरीदी केंद्रों में धान खुले आसमान के नीचे रखा गया था. भले ही धान के बोरियों को कैप कवर लगाया गया. लेकिन फिर भी धान भीग गया. जिले में लगभग 130 धान खरीदी केंद्र है. इनमें ही धान की खरीदी की जा रही है. जिले के शहरीय क्षेत्रों के अलावा दूर दराज के अंचल में बनाए गए धान खरीदी केंद्रों में 30 फीसदी ऐसे धान खरीदी केंद्र हैं. जहां खुले आसमान के नीचे धान खरीदकर रखा जा रहा है. बेमौसम हुई बारिश से यहां रखे धान के भीगने और खराब होने की बात सामने (Paddy waste in paddy procurement centers in Bilaspur) आई है. इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर ने कहा है कि अभी बारिश से धान की बर्बादी का आंकलन किया जाएगा.
किसानों को सताने लगी है चिंता
किसानों को अब चिंता सताने लगी है कि कहीं मौसम में आई नमी से धान में नमी आ जाएगी तो उन्हें बेचने में परेशानी होगी. क्योंकि नमी वाले धान की खरीदी के लिए समिति में उन्हें कई तरह के पापड़ बेलने पड़ते है. तब कहीं जाकर उनके धान की खरीदी होती है.