बिलासपुर: बिलासपुर स्मार्ट सिटी और नगर निगम के संयुक्त प्रयास से अब शहर में प्लास्टिक के प्रदूषण को कम करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. खाली बोतल और प्लास्टिक थैली निगम अब खरीदने की तैयारी कर रही है. इसके लिए घरों से निकलने वाले प्लास्टिक के कचरे को निगम खरीद कर उसके बदले पैसे या जूट की थैली देगी. निगम इसके लिए जोन स्तर पर वेडिंग मशीन लगाएगी. मशीन में तौल के हिसाब से पैसे या छोटी बड़ी साइज की जूट की थैली जाएगी. हालांकि निगम ने अभी कीमत तो तय नहीं की है, लेकिन जल्द ही इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा.
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सिंगल यूज प्लास्टिक के साथ घरों से निकलने वाले प्लास्टिक के कचरे को खत्म करने के लिए नगर निगम नई पहल शुरू करने जा रहा है. नगर निगम घरों में कचरे के रूप में निकलने वाले प्लास्टिक को खरीदेगा और इसके बदले पैसे या जूट की थैली देगा. यह काम जोन स्तर पर किया जाएगा. हालांकि अभी जगह का चयन नहीं किया गया है, लेकिन निगम वेंडिंग मशीन लगाकर काम किया जाएगा. किलो के हिसाब से प्लास्टिक की खरीदी की जाएगी, इसके बदले में प्लास्टिक कचरा लाने वाले को इनाम के तौर पर पैसे या थैली दी जाएगी. निगम इस योजना पर काम भी शुरू कर चुका है. इसके लिए इस समय जोन स्तर पर वेंडर जोन स्थापित करने के लिए जगह का चयन किया जा रहा है. अभी जगह तो निश्चित नहीं की गई है, लेकिन बाद में निगम कर्मी इन दुकानों का संचालन करेंगे. यह सुविधा नवंबर के अंत तक शुरू कर दी जाएगी.
1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए ही इसे पूरी तरह से खत्म करने की योजना नगर निगम बना रही है. प्लास्टिक कैसी भी हो वह किसी न किसी स्तर पर नुकसान पहुंचाती है. वही प्लास्टिक खरीदने की निगम की प्रक्रिया शुरू होने के बाद निगम को बड़ी मात्रा में प्लास्टिक मिल सकेगी. इसके बाद जो रिसाइकिल हो सकता है, उसे छांट कर अलग किया जाएगा, वहीं नुकसान पहुंचाने वाली प्लास्टिक का निपटान भी किया जाएगा.
क्लीन सिटी की अवधारणा पर होगा काम: बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर कुणाल दुदावत ने बताया कि "क्लीन सिटी की अवधारणा पर प्लास्टिक खत्म करने का काम शुरू किया जा रहा है. इसमें घरों से निकलने वाले कचरे को जिस में सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक की खाली बोतल होंगी. उसे लेंगे और इसके एवज में इसे लाने वालों को पैसे या फिर थैली दी जाएगी. इससे एक तरफ जहां लोगों में प्लास्टिक के नुकसान की जानकारी होगी, वही उन्हें जूट की थैली का उपयोग करने की आदत होगी, जिससे प्लास्टिक को खत्म किया जा सकेगा और पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जाएगा. लोगों में प्लास्टिक कम उपयोग करने की एक आदत भी बनेगी. इस वजह से ही इस योजना को धरातल पर लाया जा रहा है, और जल्द ही इस पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा."