बिलासपुर: छत्तीसगढ़ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और विधायक शैलेश पांडेय ने एक ही मुद्दे पर अलग-अलग बयान दिए हैं. जिसके बाद से राजनीतिक हलचल हो रही है. कांग्रेस के अंदर खीचतान की बात भी सामने आ रही है. दरअसल नवंबर महीने के शुरुआती दिनों में पुलिस थाना सरकंडा और तारबाहर के नवनिर्मित थाने के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद गृह मंत्री ने कहा था कि आप अपनी भावनाओं को काबू में रखें जो भी शिकायत है लिखित में दें इस पर जांच की जाएगी.
शनिवार को बिलासपुर पहुंंचे गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन में पुलिस विभाग के ऊपर लगाए गए आरोपों की किसी तरह की लिखित या मौखिक शिकायत विधायक की ओर से मिलने की बात से इंकार किया. तो दूसरी ओर विधायक शैलेश पांडेय ने आरोपों को सही बताया. साथ ही कहा कि उनके आरोपों के बाद गृह मंत्री ने दोषी पुलिसकर्मी के ऊपर कार्रवाई करते हुए तबादला किया गया है. जबकि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इससे साफ इंकार किया.
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गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि अभी तक शैलेश पांडे ने पुलिस विभाग पर लगाए आरोपों की न तो अभी तक लिखित शिकायत की है और न ही मौखिक शिकायत ऐसे में जांच और फिर कार्रवाई का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है.
क्या कहा था शैलेश पांडेय ने
विधायक शैलेश पांडेय ने बिलासपुर पुलिस पर मंच सीधा हमला बोल था. उन पर किए गए FIR को लेकर पुलिस को घेरने की कोशिश की थी. उनका कहना था कि एक समय था जब इसी थाने में उनके खिलाफ एफआईआर लिखी गई थी और आज थाने के बाहर उनका नाम लिख रहे हैं. इसके अलावा जबरन वसूली जैसे आरोप लगाए थे. शैलेश पांडे ने पुलिसिंग व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए थे. जिसके बाद गृह मंत्री ने कहा था कि उन्हें इसकी लिखित या मौखिक शिकायत दें. ताकि मामले की जांच कराई जा सके और दोषियों पर कार्रवाई की जा सके. लेकिन फिलहाल दोनों ओर से अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं.
CM ने दी नसीहत
सीएम भूपेश बघेल ने बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी ही सरकार के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी से बचना चाहिए. सीएम ने कहा कि यदि कुछ समस्या या शिकायत है तो पार्टी फोरम से चर्चा करनी चाहिए.