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सरपंच-सचिव की नाली की "सफाई"...15 साल पहले बनी नाली के नाम पर उठा लिये 30 लाख - CHHATTISGARH NEWS

गौरेला पेंड्रा मरवाही के कोरजा गांव में सरपंच और सचिव ने मिलीभगत करके PMGSY के तहत 15 साल पहले बनी नाली के नाम पर 30 लाख रुपये की राशि का उठाव कर लिया. ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की है.

Embezzlement case exposed in Korja
कोरजा में उजागर हुआ गबन का मामला
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Published : Sep 27, 2021, 12:41 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 1:55 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : प्रदेश के 28वें नवगठित जिले में 15 साल पुरानी नाली के नाम पर राशि निकासी (Withdrawal In The Name of 15 Year Old Drain) का मामला सामने आया है. यहां 14वीं और 15वीं वित्त की राशि से कागजों पर फर्जी निर्माण कार्य (Fake Construction Work) दिखाकर कई फर्मों को 30 लाख से ज्यादा की राशि का भुगतान कर दिया गया. जब इस मामले की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की. अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. जबकि ग्रामीण जांच के नाम पर महज खानापूर्ति का आरोप लगा रहे हैं.

कोरजा में उजागर हुआ गबन का मामला

पिछले दिनों 5 सचिव हो चुके हैं निलंबित

पिछले दिनों 14वीं-15वीं वित्त की करोड़ों रुपये की राशि फर्जी तरीके से कई फर्मों को भुगतान करने के मामले में मरवाही जनपद पंचायत के 5 सचिवों को सस्पेंड करते हुए एफआईआर का निर्देश दिया गया है. जबकि मामले में जांच अभी भी जारी है. वहीं अब फिर गौरेला के कोरजा जनपद पंचायत में गांव के लोगों ने जिले की कलेक्टर से 14वीं-15वीं वित्त की 30 लाख से अधिक राशि का फर्जी भुगतान किये जाने की शिकायत की है.

जनसहयोग के कार्यों के बदले भी किया राशि का उठाव

गांव के लोगों ने आरोपी गांव की सरपंच सोमवती कोल और सचिव परवीन बानो पर आरोप लगाया है कि इन्होंने ग्राम पंचायत में जनसहयोग से हुए निर्माण कार्यों को भी पंचायत से किये जाने की बात कह राशि आहरित कर ली है. ऐसा ही एक काम गांव के स्कूल परिसर में बने रंगमंच का है. यह जन सहयोग से बनाया गया, लेकिन कागजों में उसे ग्राम पंचायत द्वारा बनाया जाना दिखलाकर राशि आहरित कर ली गई. इस बाबत स्कूल के शिक्षक आनन्द कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने गांव के लोगों से सहयोग लेकर रंग मंच का निर्माण कार्य कराया था.

15 साल पहले बनी नाली के नाम पर उठाया पैसा

कोरजा गांव में ग्राम पंचायत सरपंच सोमवती कोल और सचिव परवीन बानो के हौसले यही कम नहीं हुए. उन्होंने कोरजा गांव के राठौर मोहल्ले में 15 साल पहले pmgsy के तहत सड़क किनारे बनी नाली के कार्य को भी ग्राम पंचायत द्वारा बनाया जाना बताकर राशि का उठाव कर लिया. जहां नाली की जरूरत है, वहां आज भी नाली निर्माण नहीं किया गया है. इससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी है.

ग्रामीणों का आरोप-जांच के नाम पर खानापूर्ति

ग्रामीणों का कहना है कि मामले में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. ग्रामीण जांच से संतुष्ट नहीं है. अगर निष्पक्ष जांच नहीं होगी तो वे आंदोलन और धरना-प्रदर्शन करेंगे. इस मामले में जनपद पंचायत के सीईओ संजय शर्मा ने बताया कि मामले की शिकायत उन तक पहुंची है. जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

गौरेला पेंड्रा मरवाही : प्रदेश के 28वें नवगठित जिले में 15 साल पुरानी नाली के नाम पर राशि निकासी (Withdrawal In The Name of 15 Year Old Drain) का मामला सामने आया है. यहां 14वीं और 15वीं वित्त की राशि से कागजों पर फर्जी निर्माण कार्य (Fake Construction Work) दिखाकर कई फर्मों को 30 लाख से ज्यादा की राशि का भुगतान कर दिया गया. जब इस मामले की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की. अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. जबकि ग्रामीण जांच के नाम पर महज खानापूर्ति का आरोप लगा रहे हैं.

कोरजा में उजागर हुआ गबन का मामला

पिछले दिनों 5 सचिव हो चुके हैं निलंबित

पिछले दिनों 14वीं-15वीं वित्त की करोड़ों रुपये की राशि फर्जी तरीके से कई फर्मों को भुगतान करने के मामले में मरवाही जनपद पंचायत के 5 सचिवों को सस्पेंड करते हुए एफआईआर का निर्देश दिया गया है. जबकि मामले में जांच अभी भी जारी है. वहीं अब फिर गौरेला के कोरजा जनपद पंचायत में गांव के लोगों ने जिले की कलेक्टर से 14वीं-15वीं वित्त की 30 लाख से अधिक राशि का फर्जी भुगतान किये जाने की शिकायत की है.

जनसहयोग के कार्यों के बदले भी किया राशि का उठाव

गांव के लोगों ने आरोपी गांव की सरपंच सोमवती कोल और सचिव परवीन बानो पर आरोप लगाया है कि इन्होंने ग्राम पंचायत में जनसहयोग से हुए निर्माण कार्यों को भी पंचायत से किये जाने की बात कह राशि आहरित कर ली है. ऐसा ही एक काम गांव के स्कूल परिसर में बने रंगमंच का है. यह जन सहयोग से बनाया गया, लेकिन कागजों में उसे ग्राम पंचायत द्वारा बनाया जाना दिखलाकर राशि आहरित कर ली गई. इस बाबत स्कूल के शिक्षक आनन्द कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने गांव के लोगों से सहयोग लेकर रंग मंच का निर्माण कार्य कराया था.

15 साल पहले बनी नाली के नाम पर उठाया पैसा

कोरजा गांव में ग्राम पंचायत सरपंच सोमवती कोल और सचिव परवीन बानो के हौसले यही कम नहीं हुए. उन्होंने कोरजा गांव के राठौर मोहल्ले में 15 साल पहले pmgsy के तहत सड़क किनारे बनी नाली के कार्य को भी ग्राम पंचायत द्वारा बनाया जाना बताकर राशि का उठाव कर लिया. जहां नाली की जरूरत है, वहां आज भी नाली निर्माण नहीं किया गया है. इससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी है.

ग्रामीणों का आरोप-जांच के नाम पर खानापूर्ति

ग्रामीणों का कहना है कि मामले में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. ग्रामीण जांच से संतुष्ट नहीं है. अगर निष्पक्ष जांच नहीं होगी तो वे आंदोलन और धरना-प्रदर्शन करेंगे. इस मामले में जनपद पंचायत के सीईओ संजय शर्मा ने बताया कि मामले की शिकायत उन तक पहुंची है. जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 27, 2021, 1:55 PM IST
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