बिलासपुर: शासकीय वकील की नियुक्ति के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अधिवक्ता उत्तम पांडेय ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में विधि विधायी विभाग के तय किए जाने वाले मापदंडों का पालन नहीं हुआ है.
वकील उत्तम पांडेय की याचिका के अनुसार राज्य शासन के निर्देश पर विधि विधायी विभाग ने जिन वकीलों की नियुक्ति की है, उसमें मापदंडों और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हुआ है. नियम अनुसार शासकीय वकील की नियुक्ति के लिए सात वर्ष की प्रैक्टिस अनिवार्य है, लेकिन कई वकीलों की नियुक्तियों में सात साल की वकालत के अनुभव के बजाय चार से पांच साल तक के अनुभव वाले वकीलों को भी शासकीय अधिवक्ता बना दिया गया है.
याचिकाकर्ता ने यह भी शिकायत दर्ज कराई गई है कि कुछ ऐसे वकीलों को भी शासकीय वकील बना दिया है जिनके खिलाफ पुलिस में जुर्म दर्ज है और मामला चल रहा है.