बिसालपुर: छत्तीसगढ़ की सड़कों पर स्पीड ब्रेकर के कारण हो रही दुर्घटनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई है.
बिलासपुर के सरकंडा में रहने वाले डीडी आहूजा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ की लगभग सभी सड़कों पर अनाधिकृत और मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं. याचिका में कहा गया है कि स्पीड ब्रेकर बनाने में निर्धारित मापदंडों का भी पालन नहीं किया गया है. जगह-जगह बनाए गए स्पीड ब्रेकर के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए संकेतक भी नहीं लगाए गए हैं. इसके कारण ये ब्रेकर्स जानलेवा साबित हो रहा है.