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नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के सचिव को हाईकोर्ट का नोटिस

बिलासपुर हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है. दोनों सचिवों के खिलाफ सरकारी फंड के गैरकानूनी और शासकीय राशि के दुरुपयोग का मामला चल रहा था.

issues contempt notice
अवमानना नोटिस जारी
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Published : Jan 5, 2020, 12:03 AM IST

बिलासपुरः हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उनसे अवमानना के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जाए इस पर स्पष्टीकरण मांगा है. आरटीआई कार्यकर्ता राज कुमार मिश्रा ने विभाग सचिव अलरमेलमंगई डी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई है.

बता दें कि राज्य सरकार ने चिरमिरी नगर पालिका निगम जिला कोरिया को गौरव पथ निर्माण के लिए 4.55 करोड़ की राशि जारी की थी. राशि में से 2 करोड़ 50 लाख का यूटीआई शेयर तत्कालीन प्रभारी आयुक्त प्रमोद शुक्ला और आरपी सोनकर ने खरीदा था. जो कि गैरकानूनी और शासकीय राशि के दुरुपयोग का मामला है.

अपील का निराकरण नहीं होने पर याचिका लगाई
विभागीय जांच में मामले की पुष्टि हुई है. जिसके लिए विभाग ने आरोपी प्रमोद शुक्ला पर 2 वेतन वृद्धि रोकने और 5 लाख 82 हजार और आरपी सोनकर पर भी दो वेतन वृद्धि रोकने समेत 6 लाख 14 हजार का आर्थिक दंड लगाया है. दंड के खिलाफ आरोपियों ने अपील प्रस्तुत की है, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी अपील का निराकरण नहीं किया गया है. इसे लेकर राजकुमार मिश्रा ने याचिका लगाई थी.

आदेश के बाद भी प्रकरण का निराकरण नहीं
प्रकरण की सुनवाई पर कोर्ट ने 16 अप्रैल 2019 को आदेश जारी कर नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के विशेष सचिव को तीन माह में प्रकरण के निराकरण किए जाने का निर्देश दिया था, लेकिन तय समय सीमा में कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर यह अवमानना याचिका लगाई गई है. याचिका में बताया गया है कि 16 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट के दिए आदेश के बाद भी प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया. लिहाजा अवमानना की कार्रवाई की जाए. पूरे मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा की गई है.

बिलासपुरः हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उनसे अवमानना के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जाए इस पर स्पष्टीकरण मांगा है. आरटीआई कार्यकर्ता राज कुमार मिश्रा ने विभाग सचिव अलरमेलमंगई डी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई है.

बता दें कि राज्य सरकार ने चिरमिरी नगर पालिका निगम जिला कोरिया को गौरव पथ निर्माण के लिए 4.55 करोड़ की राशि जारी की थी. राशि में से 2 करोड़ 50 लाख का यूटीआई शेयर तत्कालीन प्रभारी आयुक्त प्रमोद शुक्ला और आरपी सोनकर ने खरीदा था. जो कि गैरकानूनी और शासकीय राशि के दुरुपयोग का मामला है.

अपील का निराकरण नहीं होने पर याचिका लगाई
विभागीय जांच में मामले की पुष्टि हुई है. जिसके लिए विभाग ने आरोपी प्रमोद शुक्ला पर 2 वेतन वृद्धि रोकने और 5 लाख 82 हजार और आरपी सोनकर पर भी दो वेतन वृद्धि रोकने समेत 6 लाख 14 हजार का आर्थिक दंड लगाया है. दंड के खिलाफ आरोपियों ने अपील प्रस्तुत की है, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी अपील का निराकरण नहीं किया गया है. इसे लेकर राजकुमार मिश्रा ने याचिका लगाई थी.

आदेश के बाद भी प्रकरण का निराकरण नहीं
प्रकरण की सुनवाई पर कोर्ट ने 16 अप्रैल 2019 को आदेश जारी कर नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के विशेष सचिव को तीन माह में प्रकरण के निराकरण किए जाने का निर्देश दिया था, लेकिन तय समय सीमा में कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर यह अवमानना याचिका लगाई गई है. याचिका में बताया गया है कि 16 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट के दिए आदेश के बाद भी प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया. लिहाजा अवमानना की कार्रवाई की जाए. पूरे मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा की गई है.

Intro:हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिवको अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। आरटीआई कार्यकर्ता आज कुमार मिश्रा ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग सचिव अलरमेलमंगई डी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई है।Body:बता दें कि राज्य सरकार द्वारा चिरमिरी नगर पालिका निगम जिला कोरिया को गौरव पथ निर्माण के लिए 4.55 करोड़ की राशि जारी की गई थी।राशि में से 2 करोड़ 50 लाख का यूटीआई शेयर तत्कालीन प्रभारी आयुक्त प्रमोद शुक्ला व आरपी सोनकर द्वारा खरीद लिया गया। जो कि गैरकानूनी व शासकीय राशि का दुरुपयोग का मामला है। विभागीय जांच में भी इसकी पुष्टि हुई वह आरोपी प्रमोद शुक्ला पर 2 वेतन वृद्धि रोकने व 5.82 व आरपी सुनकर पर दो वेतन वृद्धि रोकने समेत 6.14 लाख का आर्थिक दंड लगाया गया।दंड के खिलाफ आरोपियों द्वारा अपील प्रस्तुत की गई पर 4 साल बीत जाने के बाद भी अपील का निराकरण नहीं किया गया है। इसे लेकर राजकुमार मिश्रा ने याचिका लगाई थी।Conclusion:प्रकरण की सुनवाई पर कोर्ट ने 16 अप्रैल 2019 को आदेश जारी कर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के विशेष सचिव को तीन माह में प्रकरण के निराकरण किए जाने का निर्देश दिया था।लेकिन तय समय सीमा में कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर प्रस्तुत अवमानना याचिका लगाई गई है।याचिका में बताया गया है कि 16 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट के दिए आदेश के बाद भी प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया। लिहाजा अवमानना की कार्यवाही की जाए। पूरे मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा की गई।
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