बिलासपुर : झीरम घाटी मामले में जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच आयोग में सुनवाई हुई. न्यायिक आयोग के समक्ष सैय्यद सत्तार अली, चंद्रभान और अवधेश गौतम का प्रतिपरीक्षण हुआ.
मामले में आगामी सुनवाई 1 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. सुनवाई के दौरान आयोग ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार समेत जिसे भी शपथ पत्र पेश करना है वो 1 अक्टूबर तक ही दे सकते हैं, बाद में शपथ पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा.
'पर्याप्त सुविधा नहीं थी उपलब्ध'
सुनवाई के दौरान पीसीसी के तरफ से पीसीसी सचिव विवेक वाजपेयी ने मामले में जांच के 9 नए बिंदुओं के संबंध में शपथ पत्र पेश किया. इसके अलावा नंद कुमार पटेल के पूर्व में ड्राइवर रह चुके दीपक वर्मा ने भी शपथ पत्र पेश करते हुए कहा कि, 'उन दिनों जितनी उन्हें सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत थी वो तत्कालीन सरकार ने उपलब्ध नहीं कराई थी'.
जांच के लिए बना है न्यायिक आयोग
दरअसल, बस्तर क्षेत्र की झीरम घाटी में 25 दिसंबर 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेसी दल पर हमला किया था, जिसमें दर्जनों कांग्रेसी मारे गए थे, जिसकी जांच को लेकर न्यायिक आयोग का गठन किया गया है.