बिलासपुर: बालको पावर प्लांट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कोरबा कलेक्टर को पूरे मामले में 3 महीने के भीतर जांच कर कार्रवाई करने का आदेश जारी किए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जहरीले कैमिकल से प्रभावित होने वाले पीड़ितों को मुआवजा देने और विस्थापित करने का भी आदेश कोरबा कलेक्टर को जारी किया है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने की है.
क्या है पूरा मामला?
बालको पावर प्लांट के पूर्व कर्मचारी उमेश कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बालको पावर प्लांट लगातार जहरीले रसायनों को बिना निष्पादन के वातावरण में बहा रहा है. जिसकी वजह से वातावरण प्रदूषित हो रहा है. याचिका में बताया गया था कि इन जहरीले कैमिकल्स की वजह से आस-पास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो रहा है. साथ ही उनके जीवन पर भी खतरा बना हुआ है. याचिका में बालको पावर प्लांट के खिलाफ उचित कार्यवाई की मांग हाईकोर्ट से की गई थी.
बालको प्लांट फ्लाई ऐश डंप मामले में HC ने शासन से मांगा जवाब
बालको प्लांट फ्लाई ऐश मामले पर हुई थी सुनवाई
इससे पहले 25 मार्च को बालको पावर प्लांट के खिलाफ फ्लाई ऐश मामले पर भी सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट ने बालको प्लांट से फ्लाई ऐश किसानों की जमीन पर डंप करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार से मामले में जवाब पेश करने को कहा है. याचिका में बताया गया है कि डंपिंग एरिया भर जाने के बाद अब प्लांट की ओर से फ्लाई ऐश को किसानों की जमीनों पर डालना शुरू कर दिया गया है. कई बार प्लांट की तरफ से किसानों की खड़ी फसलों पर भी अवशिष्ट डाल दिया जाता है.