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अरपा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट: प्रशासन की कार्रवाई पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार - Municipal Corporation bilaspur

अरपा सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर के गोड़ पार इलाके से हटाए गए लोगों के मामले में दायर की गई याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

Arpa Development Project Case
अरपा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट मामला
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Published : Jun 29, 2020, 9:55 PM IST

बिलासपुर:अरपा सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत अतिक्रमण हटाए जाने के मामले में सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अरपा नदी के किनारे गोड़ पारा इलाके में रहने वाले लोगों को हटाए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट ने मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, हालांकि मामले पर हाईकोर्ट ने शासन से कहा है कि उनकी आगे की कार्रवाई केस के अंतिम निर्णय से बाधित होगी.

गुण और दोष के आधार पर की जाएगी सुनवाई

वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने शासन से याचिकाकर्ताओं को उनकी सहमति वाली जगह पर ही विस्थापित करने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सहमति नहीं मिलने पर अगर याचिकाकर्ताओं को विस्थापित किया गया तो आगे मामले में गुण और दोष के आधार पर सुनवाई की जाएगी. मामले में शासन से 3 हफ्ते में जवाब तलब किया गया है.

याचिकाकर्ताओं के पास दस्तावेज मौजूद

बता दें, नगर निगम प्रशासन के खिलाफ मामले में कोई भी दलील नहीं सुने जाने पर गोड़ पारा के 7 लकड़ी व्यापारी गजानंद अग्रवाल और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने पट्टे के लिए सरकार से जमीन खरीदी थी. जिसका उनके पास दस्तावेज भी मौजूद है. याचिकाकर्ताओं आगे कहा कि बिना सुनवाई का मौका दिए ही उनके मकान तोड़ दिए गए हैं.

मामले पर अगली सुनवाई 5 हफ्ते बाद होगी. इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में हुई.

सड़क का होना है निर्माण

गौरतलब है कि सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत अरपा के दोनों किनारे पर सड़क का निर्माण किया जाना है. जिसके लिए बिलासपुर नगर निगम अरपा नदी के किनारे रह रहे लोगों को पिछले कई दिनों से विस्थापित कर रहा है. विस्थापित करने की कार्रवाई के तहत लोगों के मकान तोड़े जा रहे हैं. निगम प्रशासन ने गोड़ पारा इलाके से तोड़फोड़ का काम शुरू किया है.

बिलासपुर:अरपा सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत अतिक्रमण हटाए जाने के मामले में सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अरपा नदी के किनारे गोड़ पारा इलाके में रहने वाले लोगों को हटाए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट ने मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, हालांकि मामले पर हाईकोर्ट ने शासन से कहा है कि उनकी आगे की कार्रवाई केस के अंतिम निर्णय से बाधित होगी.

गुण और दोष के आधार पर की जाएगी सुनवाई

वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने शासन से याचिकाकर्ताओं को उनकी सहमति वाली जगह पर ही विस्थापित करने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सहमति नहीं मिलने पर अगर याचिकाकर्ताओं को विस्थापित किया गया तो आगे मामले में गुण और दोष के आधार पर सुनवाई की जाएगी. मामले में शासन से 3 हफ्ते में जवाब तलब किया गया है.

याचिकाकर्ताओं के पास दस्तावेज मौजूद

बता दें, नगर निगम प्रशासन के खिलाफ मामले में कोई भी दलील नहीं सुने जाने पर गोड़ पारा के 7 लकड़ी व्यापारी गजानंद अग्रवाल और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने पट्टे के लिए सरकार से जमीन खरीदी थी. जिसका उनके पास दस्तावेज भी मौजूद है. याचिकाकर्ताओं आगे कहा कि बिना सुनवाई का मौका दिए ही उनके मकान तोड़ दिए गए हैं.

मामले पर अगली सुनवाई 5 हफ्ते बाद होगी. इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में हुई.

सड़क का होना है निर्माण

गौरतलब है कि सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत अरपा के दोनों किनारे पर सड़क का निर्माण किया जाना है. जिसके लिए बिलासपुर नगर निगम अरपा नदी के किनारे रह रहे लोगों को पिछले कई दिनों से विस्थापित कर रहा है. विस्थापित करने की कार्रवाई के तहत लोगों के मकान तोड़े जा रहे हैं. निगम प्रशासन ने गोड़ पारा इलाके से तोड़फोड़ का काम शुरू किया है.

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