बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. राजनीतिक पार्टियां भी अब इसकी तैयारियों में जुट गई हैं. बिलासपुर में भाजपा नेताओं में टिकट के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है. बिलासपुर शहर विधानसभा के लिए टिकट की दौड़ में लगे नेताओं में दूरियां बढ़ने लगी हैं. भाजपा से 20 साल तक शहर विधायक रहे अमर अग्रवाल सक्रियता दिखा रहे हैं. वहीं दूसरे गुटों के समर्थक भी टिकट के लिए दौड़ लगा रहे हैं.
भाजपा में दिख रही गुटबाजी: बिलासपुर शहर से 20 साल तक भाजपा के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल विधायक रहे हैं. उनके पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह सीट खाली है. प्रदेश के बड़े नेताओं के समर्थक इस सीट से उम्मीदवारी ठोकने में लगे हैं. यहां एक दूसरे को कम आंकने का दौर शुरू हो गया है. टिकट पाने की चाह रखने वाले नेता अब एक दूसरे से दूरियां बनाने लगे हैं. इसके साथ ही वह अपने आप को जननेता बताने में लग गए हैं. भाजपा के नेताओं में बढ़ती ये दूरियां, कहीं आने वाले समय में भाजपा के उम्मीदवार के हार का कारण न बन जाए.
भाजपा के आधा दर्जन नेताओं ने ठोका दावा: पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री और विधायक रहे अमर अग्रवाल के हार के बाद माना जा रहा है कि, उनकी टिकट कट सकती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा इस सीट पर किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है. यही कारण है कि, भाजपा के आधा दर्जन से भी ज्यादा नेता इस सीट को पाने के लिए अपनी उम्मीदवारी की ताल ठोक रहे हैं.
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गुजरात फॉर्मूला अपनाए जाने की उम्मीद: भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर खास जानकारी दी है. उन्होंने बताया है" कि इस बार टिकट वितरण गुजरात फॉर्मूला के तहत होगा, जिसमें हारे हुए या बुजुर्ग हो चुके नेताओं को टिकट मिलना मुश्किल होगा. उनकी जगह में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा". ऐसे में शहर में कई नए चेहरे टिकट की दौड़ में शामिल हो गए हैं. ये चेहरे पहले से ही प्रदेश के बड़े नेताओं की गुट में शामिल रहे हैं. इसलिए टिकट मिलने को लेकर वे आश्वस्त हैं.