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बिलासपुर: गर्भवती महिलाओं के लिए बना पहला क्वॉरेंटाइन सेंटर - गर्भवती महिलाएं

विकासखंड बिल्हा के केसला गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिल्हा को गर्भवती महिलाओं के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. यह प्रदेश का पहला क्वॉरेंटाइन सेंटर है जहां सिर्फ गर्भवती महिलाएं हैं.

First quarantine center for pregnant women
गर्भवती महिलाओं के लिए बना पहला क्वॉरेंटाइन सेंटर
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Published : Jun 7, 2020, 12:42 PM IST

बिलासपुर: राज्य के बाहर से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों में शामिल गर्भवती महिलाएं भी हैं. इन महिलाओं की देखभाल के लिए जिले के विकासखंड बिल्हा के केसला गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिल्हा को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता और हाइजिन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.

केसला गांव का क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रदेश का पहला सेंटर है, जहां केवल ऐसी प्रवासी मजदूर महिलाएं रखी गई हैं जो गर्भवती हैं. वर्तमान में इस सेंटर में 8 गर्भवती महिलाएं रुकी हुई हैं, इनके लिए चाक-चैबंद व्यवस्था की गई है. इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में महिला डाॅक्टर और स्टॉफ नर्स सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क, फेसशील्ड पहनकर तैनात हैं. जो आवश्यकता होने पर इन महिलाओं को चिकित्सा सुविधा दे रही हैं.

पढ़ें:कवर्धा: गर्भवती महिलाओं के लिए मददगार साबित हुई 'संगी एक्सप्रेस'

सभी महिलाओं का स्वास्थ्य जांच और कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया है. उन्हें दो टाइम पौष्टिक भोजन, चाय, नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है. संक्रमण से दूर रखने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में 24 घंटे में तीन बार साफ-सफाई कराई जा रही है. यहां आने वाली सभी महिलाओं की कांटैक्ट हिस्ट्री और ट्रैवल हिस्ट्री भी तैयार की जा रही है, ताकि भविष्य में कोई महिला कोरोना पाॅजिटिव होती है तो उन्हें उचित इलाज मिल सके और उनके संपर्क में आये हुए व्यक्ति को ढूंढा जा सके.

गर्भवती महिलाओं को मास्क की उपयोगिता के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की समुचित देखभाल और खुद की देखभाल करने की सलाह दी जा रही है. इन महिलाओं का टीकाकरण भी किया गया है, जिससे उनके और गर्भ में पल रहे बच्चे को बीमारियों से मुक्त रखा जा सके.

बिलासपुर: राज्य के बाहर से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों में शामिल गर्भवती महिलाएं भी हैं. इन महिलाओं की देखभाल के लिए जिले के विकासखंड बिल्हा के केसला गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिल्हा को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता और हाइजिन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.

केसला गांव का क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रदेश का पहला सेंटर है, जहां केवल ऐसी प्रवासी मजदूर महिलाएं रखी गई हैं जो गर्भवती हैं. वर्तमान में इस सेंटर में 8 गर्भवती महिलाएं रुकी हुई हैं, इनके लिए चाक-चैबंद व्यवस्था की गई है. इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में महिला डाॅक्टर और स्टॉफ नर्स सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क, फेसशील्ड पहनकर तैनात हैं. जो आवश्यकता होने पर इन महिलाओं को चिकित्सा सुविधा दे रही हैं.

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सभी महिलाओं का स्वास्थ्य जांच और कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया है. उन्हें दो टाइम पौष्टिक भोजन, चाय, नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है. संक्रमण से दूर रखने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में 24 घंटे में तीन बार साफ-सफाई कराई जा रही है. यहां आने वाली सभी महिलाओं की कांटैक्ट हिस्ट्री और ट्रैवल हिस्ट्री भी तैयार की जा रही है, ताकि भविष्य में कोई महिला कोरोना पाॅजिटिव होती है तो उन्हें उचित इलाज मिल सके और उनके संपर्क में आये हुए व्यक्ति को ढूंढा जा सके.

गर्भवती महिलाओं को मास्क की उपयोगिता के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की समुचित देखभाल और खुद की देखभाल करने की सलाह दी जा रही है. इन महिलाओं का टीकाकरण भी किया गया है, जिससे उनके और गर्भ में पल रहे बच्चे को बीमारियों से मुक्त रखा जा सके.

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