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Gaurela Pendra Marwahi: गौरेला पेंड्रा मरवाही में बेमौसम बारिश से किसान परेशान

गौरेला पेंड्रा मरवाही में बेमौसम बरसात की मार से किसान परेशान हैं. यहां बिन मौसम बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. गेहूं के साथ-साथ चना, मसूर, और सरसों के फसल बर्बाद हो गए.

Gaurela Pendra Marwahi
गौरेला पेंड्रा मरवाही
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Published : Apr 2, 2023, 5:13 PM IST

बेमौसम बारिश से किसान परेशान

गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पिछले 15 दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में बारिश के कारण किसानों को काफी क्षति पहुंची है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में खेतों में खड़ी गेहूं, चना, सरसों, मसूर की फसल को इस बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है.

कई फसलें हो गई काली: गेहूं की फसल पर बारिश का असर ऐसा पड़ा है कि, कई जगहों पर या तो फसल खेतों में गिर गई है या फिर फसल काली हो गई है. जिससे किसानों को इसका सही दाम मिलना मुश्किल हो गया है. यही हाल मसूर और सरसों का भी है. जो खेतों में ही बर्बाद हो रहा है. कृषि विभाग के जवाबदारों ने अब तक न तो किसानों से संपर्क किया है. न ही किसानों को राहत पहुंचाने का कोई काम किया गया है.

बेमौसम बरसात ने पहुंचाया नुकसान: पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम में आए परिवर्तन और बेमौसम बरसात ने जीपीएम के किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. 16 मार्च से गौरेला पेंड्रा मरवाही इलाके में 70 मिलीमीटर के लगभग बारिश दर्ज की गई है. यहां बेमौसम बरसात ने धान की फसल को फायदा पहुंचाया है. लेकिन पक कर तैयार गेहूं की फसल को इस बारिश से काफी नुकसान हुआ है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में तेज आंधी तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसल खेतों में ही सो गई. जिससे किसानों को न सिर्फ उपज का नुकसान होगा बल्कि, खेत में खराब हुई फसल को साफ कराने में अधिक खर्च होगा.

यह भी पढ़ें: Bhupesh Baghel: बघेल का आरोप, ईडी अपने अधिकारों का कर रही दुरुपयोग

किसानों को सही दाम मिलना मुश्किल: गेहूं की पकी फसल में बारिश की वजह से कालापन आ गया है. गेहूं की बालियां काली हो गई है, जिससे गेहूं का सही दाम किसानों को मिलना मुश्किल है. बारिश पानी की वजह से पक कर तैयार हो चुकी गेहूं की फसल को किसान काट भी नहीं पा रहे हैं. जीपीएम में चना, मसूर और सरसों का भी बुरा हाल है. बारिश की वजह से इन फसलों पर माहू रोग लग गया है.

क्या कहते हैं किसान: किसानों का कहना है कि," सरकारी मदद के बिना लागत निकलना भी मुश्किल है. कृषि विभाग ने अब तक जीपीएम के किसानों को होने वाले नुकसान का सर्वे नहीं किया है. फिर भी सवाल पूछने पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही नुकसान का आंकलन किया जाएगा."

बेमौसम बारिश से किसान परेशान

गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पिछले 15 दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में बारिश के कारण किसानों को काफी क्षति पहुंची है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में खेतों में खड़ी गेहूं, चना, सरसों, मसूर की फसल को इस बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है.

कई फसलें हो गई काली: गेहूं की फसल पर बारिश का असर ऐसा पड़ा है कि, कई जगहों पर या तो फसल खेतों में गिर गई है या फिर फसल काली हो गई है. जिससे किसानों को इसका सही दाम मिलना मुश्किल हो गया है. यही हाल मसूर और सरसों का भी है. जो खेतों में ही बर्बाद हो रहा है. कृषि विभाग के जवाबदारों ने अब तक न तो किसानों से संपर्क किया है. न ही किसानों को राहत पहुंचाने का कोई काम किया गया है.

बेमौसम बरसात ने पहुंचाया नुकसान: पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम में आए परिवर्तन और बेमौसम बरसात ने जीपीएम के किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. 16 मार्च से गौरेला पेंड्रा मरवाही इलाके में 70 मिलीमीटर के लगभग बारिश दर्ज की गई है. यहां बेमौसम बरसात ने धान की फसल को फायदा पहुंचाया है. लेकिन पक कर तैयार गेहूं की फसल को इस बारिश से काफी नुकसान हुआ है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में तेज आंधी तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसल खेतों में ही सो गई. जिससे किसानों को न सिर्फ उपज का नुकसान होगा बल्कि, खेत में खराब हुई फसल को साफ कराने में अधिक खर्च होगा.

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किसानों को सही दाम मिलना मुश्किल: गेहूं की पकी फसल में बारिश की वजह से कालापन आ गया है. गेहूं की बालियां काली हो गई है, जिससे गेहूं का सही दाम किसानों को मिलना मुश्किल है. बारिश पानी की वजह से पक कर तैयार हो चुकी गेहूं की फसल को किसान काट भी नहीं पा रहे हैं. जीपीएम में चना, मसूर और सरसों का भी बुरा हाल है. बारिश की वजह से इन फसलों पर माहू रोग लग गया है.

क्या कहते हैं किसान: किसानों का कहना है कि," सरकारी मदद के बिना लागत निकलना भी मुश्किल है. कृषि विभाग ने अब तक जीपीएम के किसानों को होने वाले नुकसान का सर्वे नहीं किया है. फिर भी सवाल पूछने पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही नुकसान का आंकलन किया जाएगा."

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