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रेणु जोगी के खिलाफ दायर चुनाव याचिका हाईकोर्ट से खारिज - बिलासपुर हाईकोर्ट

रेणु जोगी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका को रद्द कर दिया है.

Election petition filed against MLA Renu Jogi dismissed
रेणु जोगी को हाईकोर्ट से राहत
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Published : Mar 18, 2020, 4:26 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर ने जेसीससीजे विधायक रेणु जोगी के खिलाफ दायर चुनाव याचिका को रद्द कर दिया है. शंभू प्रसाद शर्मा ने रेणु जोगी के खिलाफ याचिका दायर की थी. आपको बता दें कि शंभू प्रसाद शर्मा ने रेणु जोगी के खिलाफ कोटा विधानसभा सीट से भारत भूमि पार्टी के प्रत्याशी थे.

रेणु जोगी को हाईकोर्ट से राहत

क्या है पूरा मामला

विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के घोषणा पत्र को आधार बनाकर शंभू प्रसाद शर्मा ने याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि ये मतदाताओं को जागरूक करने के लिए होते हैं, लेकिन अधिकांश घोषणा पत्रों में चुनाव जीतने के लिए प्रलोभन दिया जाता है.

एडवोकेट शंभू प्रसाद शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका प्रस्तुत कर दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से चुनाव से पहले घोषणा पत्र जारी करने का प्रावधान निर्धारित किया है. लेकिन अधिकांश राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्रों के जरिए मतदाताओं को प्रलोभन देने का काम कर रहे हैं. ऐसे घोषणापत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने वाले अधिकांश राजनीतिक दल और प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद अपने दावे पूरे भी नहीं करते. याचिका में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक रेणु जोगी के चुनाव के नतीजों को निरस्त करने की मांग की गई थी. जिसे हाईकोर्ट खारिज कर दिया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर ने जेसीससीजे विधायक रेणु जोगी के खिलाफ दायर चुनाव याचिका को रद्द कर दिया है. शंभू प्रसाद शर्मा ने रेणु जोगी के खिलाफ याचिका दायर की थी. आपको बता दें कि शंभू प्रसाद शर्मा ने रेणु जोगी के खिलाफ कोटा विधानसभा सीट से भारत भूमि पार्टी के प्रत्याशी थे.

रेणु जोगी को हाईकोर्ट से राहत

क्या है पूरा मामला

विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के घोषणा पत्र को आधार बनाकर शंभू प्रसाद शर्मा ने याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि ये मतदाताओं को जागरूक करने के लिए होते हैं, लेकिन अधिकांश घोषणा पत्रों में चुनाव जीतने के लिए प्रलोभन दिया जाता है.

एडवोकेट शंभू प्रसाद शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका प्रस्तुत कर दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से चुनाव से पहले घोषणा पत्र जारी करने का प्रावधान निर्धारित किया है. लेकिन अधिकांश राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्रों के जरिए मतदाताओं को प्रलोभन देने का काम कर रहे हैं. ऐसे घोषणापत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने वाले अधिकांश राजनीतिक दल और प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद अपने दावे पूरे भी नहीं करते. याचिका में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक रेणु जोगी के चुनाव के नतीजों को निरस्त करने की मांग की गई थी. जिसे हाईकोर्ट खारिज कर दिया है.

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