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नाबालिग के दुष्कर्मियों 30-30 साल का कारावास, अपने तरह का छग का पहला मामला - आरोपियों को दोषी मानते हुए उनकी सजा तय की

13 साल की नाबालिग की अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर तीन साल से दुष्कर्म कर रहे थे. मामले में पोक्सो एक्ट के तहत जिला सत्र न्यायालय ने दोषियों को 30-30 साल के कारावास की सजा सुनाई है.

imprisonment to the culprits
दोषियों को मिली सजा
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Published : Dec 14, 2019, 10:50 AM IST

बिलासपुर: चार आरोपियों पर डरा-धमकाकर बालिका से तीन साल तक गैंगरेप करने का आरोप साबित हो गया है. सेशन कोर्ट ने दोषियों को 30-30 साल के कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों ने बालिका का अश्लील वीडियो भी बनाया था.

तोरवा थाने में 20 फरवरी 2017 को एक 13 साल की बच्ची ने अपने परिजनों के साथ पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. शराब भट्टी में काम करने वाले चार लोग बच्ची को डरा-धमकाकर पिछले तीन साल से दुष्कर्म कर रहे थे. आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था, जिसे सार्वजनिक करने की धमकी दे रहे थे.

पाक्सो एक्ट का मामला दर्ज
तोरवा पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ पाक्सो एक्ट और धारा 376 (घ) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है. मामले के दो आरोपी चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव को पुलिस ने घटना के 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया. जबकि अन्य आरोपी नागेश्वर रजक और मनोज वाडेकर को करीब एक महीने बाद गिरफ्तार किया गया.

पढ़े:बेमेतराः पति ने पत्नी और बेटी को उतारा मौत के घाट

प्रदेश की सबसे बड़ी सजा
मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश संजीव तामक ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए उनकी सजा तय की है. सभी को 30-30 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. पोक्सो एक्ट के तहत छत्तीसगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी सजा बताई जा रही है.

बिलासपुर: चार आरोपियों पर डरा-धमकाकर बालिका से तीन साल तक गैंगरेप करने का आरोप साबित हो गया है. सेशन कोर्ट ने दोषियों को 30-30 साल के कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों ने बालिका का अश्लील वीडियो भी बनाया था.

तोरवा थाने में 20 फरवरी 2017 को एक 13 साल की बच्ची ने अपने परिजनों के साथ पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. शराब भट्टी में काम करने वाले चार लोग बच्ची को डरा-धमकाकर पिछले तीन साल से दुष्कर्म कर रहे थे. आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था, जिसे सार्वजनिक करने की धमकी दे रहे थे.

पाक्सो एक्ट का मामला दर्ज
तोरवा पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ पाक्सो एक्ट और धारा 376 (घ) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है. मामले के दो आरोपी चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव को पुलिस ने घटना के 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया. जबकि अन्य आरोपी नागेश्वर रजक और मनोज वाडेकर को करीब एक महीने बाद गिरफ्तार किया गया.

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प्रदेश की सबसे बड़ी सजा
मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश संजीव तामक ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए उनकी सजा तय की है. सभी को 30-30 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. पोक्सो एक्ट के तहत छत्तीसगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी सजा बताई जा रही है.

Intro:डरा-धमकाकर बालिका से तीन साल तक गैंगरेप करने के चार आरोपियों को बिलासपुर की सेशन कोर्ट ने तीस-तीस साल के कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों ने बालिका का अश्लील वीडियो भी बनाया था।


Body:तोरवा थाने में 20 फरवरी 2017 को एक 13 वर्षीय बालिका ने अपने परिजनों के साथ पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि शराब भट्टी में काम करने वाले चार लोग उसे डरा-धमकाकर पिछले तीन वर्षों से, उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था, जिसे वे सार्वजनिक कर देने की धमकी देते थे। पहली बार उसके साथ तब दुष्कर्म हुआ जब वह केवल 10 साल की थी।

तोरवा पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ पाक्सो एक्ट तथा धारा 376 (घ) के तहत अपराध दर्ज किया। मामले के दो आरोपियों चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव को पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया जबकि अन्य आरोपी नागेश्वर रजक व मनोज वाडेकर को करीब एक माह बाद गिरफ्तार किया गया।
Conclusion:इस मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश संजीव तामक ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए उनकी सजा तय की। सभी को 30-30 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। पाक्सो एक्ट के तहत छत्तीसगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी सजा बताई जा रही है।
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