बिलासपुर: स्काई अस्पताल के संचालक डॉ. प्रदीप अग्रवाल के अपहरण में अस्पताल में ही कार्यरत डॉक्टर और टेक्नीशियन ने अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था. यह बात डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने पुलिस को बताई. वहीं पुलिस अब सभी पांच फरार आरोपियों की तलाश कर रही है.
इस प्रकार है मामला
19 सितंबर की रात 10: 40 बजे स्काई हॉस्पिटल के मैनेजर राकेश गर्ग ने सरकंडा थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सूर्या विहार रोड के रहने वाले स्काई हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप अग्रवाल, 19 सितंबर की शाम करीब 4 से 5 बजे बिना बताए कहीं चले गए हैं. रात करीब 7 बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रदीप अग्रवाल की कार में आकर उनकी चेक बुक को अस्पताल के स्टाफ से मांगकर ले गया और डॉ. प्रदीप अग्रवाल घर वापस नहीं आए हैं. इसके साथ ही उनका मोबाइल बंद हो गया.
सूचना पर सरकंडा थाना में गुमशुदगी कायम कर जांच शुरू की गई. मामले में पुलिस ने अस्पताल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे और अस्पताल के अधिकारी कर्मचारियों से पूछताछ की, तो पता चला कि उनके व्यवसाय से संबंधित लेन देन संबंधी विवाद की जानकारी सामने आई है. जिसमें पहले अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर शैलेंद्र मसीह, डॉ. मो. आरिफ और टेक्नीशियन फिरोज खान की डॉ. प्रदीप अग्रवाल से पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद होने की जानकारी मिली.
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पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि मो. आरिफ और फिरोज खान मुख्य रुप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले हैं. इस मामले में पुलिस ने जांच करवाई. इसके बाद यह जानकारी मिली कि 20 तारीख की रात करीब 12 बजे सभी आरोपी डॉ. प्रदीप अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़कर फरार हो गए. डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने अपने परिजनों और बिलासपुर पुलिस से संपर्क कर प्लेन से मंगलवार सुबह रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे. जहां पुलिस और परिजनों डॉ. प्रदीप अग्रवाल को साथ लेकर बिलासपुर आए और उनके पूछताछ की.
पुलिस के मुताबिक 19 सितंबर की शाम को डॉ. प्रदीप अग्रवाल हॉस्पिटल से अपने निजी काम से राजकिशोर नगर सैलून गए थे. सैलून से वापस लौटते समय डॉ. शैलेंद्र मशीह, डॉ. आरिफ, टेक्नीशियन फिरोज और उनके दो साथी रिजवान और आरिफ मिलकर उन्हें जबरन डरा धमकाकर गाड़ी में बिठा और मौपका बाईपास होते रतनपुर लेकर गए. इस दौरान सभी आरोपियों ने डॉ. प्रदीप अग्रवाल को जान से मारने की धमकी देते हुए उनके साथ मारपीट की. इसके साथ ही आरोपियों ने उनके स्टाफ को फोन लगाकर चेक देने की बात कहलवाई और उन्हें गाड़ी में बैठाकर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर ले गए. आरोपी वहां भी डॉ. प्रदीप से पैसों की मांग करते रहे.
इसी बीच पुलिस के सक्रिय हो जाने पर 16 चेक और इकरारनामा स्टांप सहित कोरे कागज पर डॉ. प्रदीप अग्रवाल के हस्ताक्षर कराकर आरोपी फरार हो गए. जिस पर आरोपियों के खिलाफ अपहरण का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है. विवेचना टीम की ओर से आरोपियों के ठिकानों पर लगातार दबिश देकर पता तलाश की जा रही है. लेकिन पुलिस मामले में एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.