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बिलासपुर में गंदे जल जमाव के कारण बढ़ रहे डायरिया के मरीज - Diarrhea patients increasing due to dirty water in Bilaspur

बिलासपुर में तारबहार (Dozens of patients from Tarbahar), तालापारा क्षेत्र में लगातार डायरिया मरीजों (Talapara area admitted in district hospital) का मिलना शुरू हो गया है. शहर में गंदे पानी के कारण डायरिया (Diarrhea increased due to dirty water in Bilaspur city) का कहर शहरवासियों की चिंता बढ़ा रही है.

increasing diarrhea patients
बढ़ रहे डायरिया के मरीज
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Published : Dec 4, 2021, 6:33 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 7:20 PM IST

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में गंदे पानी के कारण डायरिया (Diarrhea increased due to dirty water in Bilaspur city) का कहर शहरवासियों की चिंता बढ़ा रही है. जिले में तारबहार(Dozens of patients from Tarbahar), तालापारा क्षेत्र में लगातार डायरिया मरीजों (Talapara area admitted in district hospital) का मिलना शुरू हो गया है. डायरिया मरीजों को जिला अस्पताल सिम्स में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

डायरिया मरीजों को जिला अस्पताल सिम्स में भर्ती कराया गया

मितानिन घर-घर जाकर कर रहीं सर्वे

दरअसल, बिलासपुर के कई मोहल्ले इन दिनों डायरिया के चपेट में हैं. खासकर तारबाहर, तालापारा और सरकंडा क्षेत्र राजकिशोर नगर, अशोक नगर शामिल है, लेकिन डायरिया का सर्वाधिक असर तारबाहर क्षेत्र में दिख रहा है. बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में मितानिनो के द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है. जिसमें 123 घरों में मरीजों को ओआरएस, क्लोरीन टेबलेट बांटी गई है. डायरिया के बढ़ते संक्रमण को देखकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिए कैंप मोहल्ले में लगाया गया है.

संसद में गूंजा छत्तीसगढ़ धर्मांतरण मुद्दाः ईसाई मिशनरी और कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया गंभीर आरोप

तारबहार के गुरुघासीदास मंदिर के पास कैंप लगाया गया

तारबहार के गुरुघासीदास मंदिर के पास कैंप लगाया गया है, जिसमें एक डॉक्टर समेत नर्सों की टीम मौके पर मौजूद थी. जिनके द्वारा मरीजों के परिजन को तत्काल दवा दी जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार दूषित पेयजल के कारण डायरिया बीमारी फैलती है. इस इलाके की अधिकांश पाइपलाइन नाली के आसपास है, जिसके कारण अधिकांश पाइप लाइन का दूषित पानी के पीने से भारी संख्या में लोग बिमार पड़े हैं. अधिकतर लोगों में उल्टी-दस्त की शिकयत आने लगी है. इसमें कई मरीजों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उनको जिला अस्पताल, सिम्स में भर्ती कार्य गया है. इसके अलावा कुछ मरीज निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

लगातार बढ़ रहे मरीज

बात अगर जिला अस्पताल की करें तो यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हालांकि कुछ मरीज ठीक होकर वापस भी लौटे हैं. लेकिन दूषित पानी पीने से क्षेत्र में अभी और मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है. क्षेत्र में डायरिया फैलने से नगर निगम के दावों की पोल खुलने लगी है. नगर निगम शहर में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की बात कहता है, लेकिन डायरिया ने निगम के दावों को खोखला साबित कर दिया है. इलाके के लोगों ने बताया कि किस तरह उन्हें दूषित पानी पीने मजबूर होना पड़ रहा है. क्योंकि पानी की पाइप लाइन नाली के अंदर से गुजरती है. इसमें नाली का पानी भी शामिल हो जाता है, जिससे उन्हें डायरिया जैसी शिकायत आए दिन होती रहती है.

साफ-सफाई में अनदेखी बनी बड़ी वजह

नगर निगम इस वार्ड में साफ-सफाई के मामले में भी काफी पीछे है, क्योंकि वार्ड में पार्षद नहीं होने की वजह से इस तरह की समस्या वार्ड में बहुत सारी है. आने वाले नगर निगम के उपचुनाव में यही वार्ड तारबाहर है, जहां चुनाव होने वाला है. तारबहार के इलाके में डायरिया फैलने से यह बात साबित हो गई है कि निगम ने 2 साल से वार्ड में ध्यान नहीं दिया. आम जनता को परेशानियों में छोड़ दिया था. जिसका नतीजा डायरिया जैसी बीमारियां लोगों को हमेशा होती है.

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में गंदे पानी के कारण डायरिया (Diarrhea increased due to dirty water in Bilaspur city) का कहर शहरवासियों की चिंता बढ़ा रही है. जिले में तारबहार(Dozens of patients from Tarbahar), तालापारा क्षेत्र में लगातार डायरिया मरीजों (Talapara area admitted in district hospital) का मिलना शुरू हो गया है. डायरिया मरीजों को जिला अस्पताल सिम्स में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

डायरिया मरीजों को जिला अस्पताल सिम्स में भर्ती कराया गया

मितानिन घर-घर जाकर कर रहीं सर्वे

दरअसल, बिलासपुर के कई मोहल्ले इन दिनों डायरिया के चपेट में हैं. खासकर तारबाहर, तालापारा और सरकंडा क्षेत्र राजकिशोर नगर, अशोक नगर शामिल है, लेकिन डायरिया का सर्वाधिक असर तारबाहर क्षेत्र में दिख रहा है. बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में मितानिनो के द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है. जिसमें 123 घरों में मरीजों को ओआरएस, क्लोरीन टेबलेट बांटी गई है. डायरिया के बढ़ते संक्रमण को देखकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिए कैंप मोहल्ले में लगाया गया है.

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तारबहार के गुरुघासीदास मंदिर के पास कैंप लगाया गया

तारबहार के गुरुघासीदास मंदिर के पास कैंप लगाया गया है, जिसमें एक डॉक्टर समेत नर्सों की टीम मौके पर मौजूद थी. जिनके द्वारा मरीजों के परिजन को तत्काल दवा दी जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार दूषित पेयजल के कारण डायरिया बीमारी फैलती है. इस इलाके की अधिकांश पाइपलाइन नाली के आसपास है, जिसके कारण अधिकांश पाइप लाइन का दूषित पानी के पीने से भारी संख्या में लोग बिमार पड़े हैं. अधिकतर लोगों में उल्टी-दस्त की शिकयत आने लगी है. इसमें कई मरीजों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उनको जिला अस्पताल, सिम्स में भर्ती कार्य गया है. इसके अलावा कुछ मरीज निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

लगातार बढ़ रहे मरीज

बात अगर जिला अस्पताल की करें तो यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हालांकि कुछ मरीज ठीक होकर वापस भी लौटे हैं. लेकिन दूषित पानी पीने से क्षेत्र में अभी और मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है. क्षेत्र में डायरिया फैलने से नगर निगम के दावों की पोल खुलने लगी है. नगर निगम शहर में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की बात कहता है, लेकिन डायरिया ने निगम के दावों को खोखला साबित कर दिया है. इलाके के लोगों ने बताया कि किस तरह उन्हें दूषित पानी पीने मजबूर होना पड़ रहा है. क्योंकि पानी की पाइप लाइन नाली के अंदर से गुजरती है. इसमें नाली का पानी भी शामिल हो जाता है, जिससे उन्हें डायरिया जैसी शिकायत आए दिन होती रहती है.

साफ-सफाई में अनदेखी बनी बड़ी वजह

नगर निगम इस वार्ड में साफ-सफाई के मामले में भी काफी पीछे है, क्योंकि वार्ड में पार्षद नहीं होने की वजह से इस तरह की समस्या वार्ड में बहुत सारी है. आने वाले नगर निगम के उपचुनाव में यही वार्ड तारबाहर है, जहां चुनाव होने वाला है. तारबहार के इलाके में डायरिया फैलने से यह बात साबित हो गई है कि निगम ने 2 साल से वार्ड में ध्यान नहीं दिया. आम जनता को परेशानियों में छोड़ दिया था. जिसका नतीजा डायरिया जैसी बीमारियां लोगों को हमेशा होती है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 7:20 PM IST

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