मरवाही: विकास नेताओं के मुंह से ये शब्द सुनकर जितना अच्छा लगता है, इसकी हकीकत उतनी ही मायूस करने वाली है. छत्तीसगढ़ के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां जनप्रतिनिधि तो पहुंच जाते हैं, लेकिन उनके किए वादे पर अमल कभी नहीं हो पाता. मरवाही और कोटा के लोग भी ये जख्म झेल रहे हैं.
कागजों पर लिखी विकास की इबारत
ETV भारत की टीम जब विकास ढूढ़ने अजीत जोगी के विधानसभा मरवाही पहुंची, तो इलाके में बदहाली के आंसू बहा रहा था. इस इलाके में न पक्की सड़कें थी और न ही पीने योग्य साफ पानी. हैंडपंप और नल-जल योजना का हाल बेहल है, स्कूलों की हालात बद से बदतर, जो कभी भी गिर जाएं. अपने हाल पर ग्रामीण खासा नाराज दिखे. ग्रामीणों की बातों को सुनकर लगा कि विकास की इबारत कागजों पर ही लिखी गई है.
क्यों रुठ गया विकास
कोटमी गांव के लोगों ने बताया कि इलाके के लिए ITI, सड़कें, मुक्कमल स्वास्थ्य सुविधाएं और पीने के लिए साफ पानी की मांग की गई थी, लेकिन जेसीसी (जे) विधायक रेणू जोगी के विधानसभा कोटा क्षेत्र में लगता है. यहां के ग्रामीणों से विकास रुठ सा गया है. विकास घोषणा पत्र तक ही सीमित नजर आया. वहीं मामले में रेणू जोगी ने कहा कि जो समस्याएं हैं दूर की जाएंगी. वहीं जब ETV भारत की टीम मरवाही के विकास के बारे में अजीत जोगी से जानकारी ली, तो जोगी जी मुद्दे को घुमाते हुए गोलमोल जवाब देते नजर आए.
बदहाली की तस्वीरें
बहरहाल, ये जो विकास के नाम पर बदहाली की तस्वीरें देखने को मिली, वो ये कि चुनावी वादे अक्सर अधूरे रह जाते हैं. ग्रामीणों को विकास के नाम पर पहले नेता, फिर मंत्री, बचा तो जिम्मेदार डकार जाते हैं. ऐसे में ये जो विकास की तस्वीरें दिखी, वो कागजों पर ही सीमित रह जाती हैं, जो विकास के नाम पर किए गए वादों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है.