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सीएसईबी ने बिजली बिल सुधार की बदली व्यवस्था, उपभोक्ताओं के सिर नई मुसीबत

CSEB Changed System छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के साथ अब कई नियम और योजनाओं में बदलाव शुरू हो गया है. जिन योजनाओं को आम उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया था उन्हें अब पेचीदा किया जा रहा है .जिससे अब आम उपभोक्ता परेशान होंगे. वर्तमान में ऐसे ही नियम में बदलाव किया गया है. Electricity Bill Correction

CSEB changed system of electricity bill correction
सीएसईबी ने बिजली बिल सुधार की बदली व्यवस्था
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 27, 2023, 7:58 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने अब बिजली बिल सुधार के अपने नियम में बदलाव किया है. इस बदलाव की वजह से बिजली उपभोक्ताओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. उपभोक्ताओं को बिजली बिल सुधार के लिए बिजली ऑफिस के चक्कर काटने पड़ेंगे. विभाग ने ओवर रीडिंग, जमा रीडिंग, खराब मीटर, लंबे समय तक रीडिंग नहीं होना, गलत बिलिंग, गलत सरचार्ज, हाफ बिल की छूट नहीं मिलना, स्लैब की छूट नहीं मिलना, गलत पोस्टिंग की शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए नया नियम बनाया है.

क्या हुए हैं बदलाव ? : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय ने एक आदेश जारी कर जेई, एई के हाथों के पावर छीन लिए हैं. जिसमें जेई को बिजली बिल सुधार का किसी प्रकार का अधिकार नहीं दिया गया है. एई सिर्फ 5000 तक बिल सुधार कर सकेगा. इसलिए उनका बिल ईई को भेजना होगा. इसमें समय लगना तय है, तब तक उपभोक्ताओं को बिजली ऑफिस का चक्कर काटना पड़ेगा.इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से तकलीफ से गुजरना होगा.नई व्यवस्था प्रदेश के सभी जिलों के सभी जोन में लागू कर दी गई है. इसके साथ उपभोक्ताओं की परेशानी शुरू हो गई है. मीटर खराब होने पर खपत से अधिक औसत बिल आने पर सुधार के लिए प्रकरण कार्यालय भेजे जाने जा रहे हैं.

नए नियम में किसे कितना अधिकार : नए आदेश में जेई को बिजली बिल सुधार का किसी प्रकार का अधिकार नहीं मिला है. उनको 5000 बिल सुधार करने के बाद एई से अनुमोदन लेना होगा. वहीं जेई और ईई को 10 हजार का सुधार कर उसकी समीक्षा प्रस्तावना और सुधार के लिए एसई से प्रस्ताव पास भेजना होगा.जहां से उसका अनुमोदन होगा.वहीं 30 हजार से अधिक का बिल होने पर ईई को उक्त प्रकरण एसी के पास भेजना होगा. 50 हजार से अधिक का बिल सुधार होने पर एसी को सीई के पास अनुमोदन के लिए भेजना होगा.

क्या है अफसर का कहना ? : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के बिलासपुर के एसई सुरेश कुमार जांगड़े ने कहा इस नियम के बदलाव के पीछे का कारण बिजली बिल घोटाले के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसमें अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. ऐसे कई मामले में लोग जेल भी जा चुके हैं, इसके बाद भी गड़बड़ी किसी न किसी माध्यम से जारी है. इसको ध्यान में रखते हुए कंपनी मुख्यालय ने बिजली बिल सुधार सिस्टम में सुधार कर गड़बड़ी रोकने का प्रयास किया है. इस नए नियम की वजह से उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी, बल्कि उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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क्या हुए हैं बदलाव ? : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय ने एक आदेश जारी कर जेई, एई के हाथों के पावर छीन लिए हैं. जिसमें जेई को बिजली बिल सुधार का किसी प्रकार का अधिकार नहीं दिया गया है. एई सिर्फ 5000 तक बिल सुधार कर सकेगा. इसलिए उनका बिल ईई को भेजना होगा. इसमें समय लगना तय है, तब तक उपभोक्ताओं को बिजली ऑफिस का चक्कर काटना पड़ेगा.इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से तकलीफ से गुजरना होगा.नई व्यवस्था प्रदेश के सभी जिलों के सभी जोन में लागू कर दी गई है. इसके साथ उपभोक्ताओं की परेशानी शुरू हो गई है. मीटर खराब होने पर खपत से अधिक औसत बिल आने पर सुधार के लिए प्रकरण कार्यालय भेजे जाने जा रहे हैं.

नए नियम में किसे कितना अधिकार : नए आदेश में जेई को बिजली बिल सुधार का किसी प्रकार का अधिकार नहीं मिला है. उनको 5000 बिल सुधार करने के बाद एई से अनुमोदन लेना होगा. वहीं जेई और ईई को 10 हजार का सुधार कर उसकी समीक्षा प्रस्तावना और सुधार के लिए एसई से प्रस्ताव पास भेजना होगा.जहां से उसका अनुमोदन होगा.वहीं 30 हजार से अधिक का बिल होने पर ईई को उक्त प्रकरण एसी के पास भेजना होगा. 50 हजार से अधिक का बिल सुधार होने पर एसी को सीई के पास अनुमोदन के लिए भेजना होगा.

क्या है अफसर का कहना ? : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के बिलासपुर के एसई सुरेश कुमार जांगड़े ने कहा इस नियम के बदलाव के पीछे का कारण बिजली बिल घोटाले के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसमें अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. ऐसे कई मामले में लोग जेल भी जा चुके हैं, इसके बाद भी गड़बड़ी किसी न किसी माध्यम से जारी है. इसको ध्यान में रखते हुए कंपनी मुख्यालय ने बिजली बिल सुधार सिस्टम में सुधार कर गड़बड़ी रोकने का प्रयास किया है. इस नए नियम की वजह से उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी, बल्कि उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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