बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी के मामले में जांच अधिकारी को कोर्ट ने तलब किया और मामले में जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि इससे जनता में पुलिस की मजबूती और निष्पक्ष होने का संदेश पहुंचेगा.
मामला रायपुर जिले का है जिसमे कुछ महीने पहले सुनियोजित ढंग से अभियुक्त तेज कुमार पुरी और उसके साथियों ने क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर कई लोगों से निवेश करवाया और पैसे अपने खाते में जमा कराएं. इस मामले में पीड़ित लोगों में से कुछ ने अभियुक्त पुरी के खिलाफ रायपुर, महासमुंद थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
कमाई का लालच देकर कराया इन्वेस्ट: इसी मामले में एक महिला ललिता सोना का भी नाम आया. ललिता सोना का खुद का व्यापार है. उसे 1 सितंबर 2022 को मोबाइल पर 9827262080 नंबर से सरायपाली, महासमुंद के तेज कुमार पुरी ने कॉल किया और क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने पर 6 महीने में रकम दोगुना करने का झांसा दिया. साथ ही कमीशन और एक्स्ट्रा कमाई का वादा भी किया. इसके बाद वह लगातार पैसा निवेश करने के लिए कहता रहा. इस दौरान तेज कुमार ने 6 सितंबर 2022 को वीआईपी चौक के ट्रिटोन होटल में उस प्रोजेक्ट के संबंध में साथियों के साथ मिलकर सेमिनार आयोजित करने की जानकारी देकर महिला को बुलाया.
ललिता सेमिनार में शामिल होने पहुंची. वहां तेज कुमार पुरी के साथ पिथौरा के समीर कुमार मिश्रा, सत्यवती दुबे, किशोर कुमार, प्रेमलाला प्रधान, बालेश्वर प्रधान, चैतन कुमार साहू, घासीदास मानिकपुरी, तेजराम देवांगन, अरखीत दास, राकेश गुप्ता मौजूद थे. सभी से तेजकुमार ने महिला का परिचय कराया. 18 अक्टूबर को फिर से उसी होटल में बुलाकर तेज कुमार पुरी, समीर कुमार मिश्रा, सत्यवती दुबे ने नेट बैंकिंग के माध्यम से तेज कुमार पुरी के इंडियन बैंक के खाते में 4 लाख 50 हजार रुपए आरटीजीएस कराया. आरोपियों ने मिलकर 27 दिसंबर 2022 तक किश्तों में नकद और अलग-अलग बैंक खातों में कुल 30 लाख 25 हजार रुपये जमा करा लिए. दिसंबर में तेजकुमार ने निवेश किया गया पैसा दोगुना वापस लौटाने की गारंटी देते हुए आइडीबीआई और एसबीआई के चार-चार चेक दिए थे. दिसंबर में महिला ने जब चेक बैंक में जमा कराए तो चेक बाउंस हो गए. इसके बाद महिला ने आरोपियों को कॉल किया, तो सभी के मोबाइल स्विच्ड ऑफ मिले.
महिला और कई लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी से ठगी मामले की शिकायत पुलिस में की. कई दिन बीतने के बाद भी मामले में कोई खास जांच नहीं हो सकी. इस दौरान ये भी खुलासा हुआ कि इस पूरे मामले में शामिल क्रिप्टोकरेंसी की कथित मार्केटिंग करने वाले समीर मिश्रा, देवांगन और एक अन्य ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. जिसके बाद पीड़ितों ने कोर्ट का सहारा लिया. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पुलिस को अपना कर्तव्य याद दिलाया और निष्पक्ष होकर जांच करने सहित जांच में तेजी लाने की बात कही. जस्टिस एन के व्यास ने रायपुर पुलिस की महिला उप निरीक्षक को निर्देशित किया कि जनता के बीच पुलिस प्रशासन के मजबूत व निष्पक्ष होने का संदेश जाना चाहिए. आप लोग इस मामले में इन्वेस्टिगेशन को तेज करें और दोषियों को जल्द गिरफ्तार करें.