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corruption in buying e rickshaw: जीपीएम में ई रिक्शा खरीदी का मामला गरमाया, विभाग पर लगा घपले का आरोप - परियोजना अधिकारी पीडी खूंटे

जीपीएम में स्वच्छ भारत मिशन के तहत खराब क्वालिटी के ई रिक्शा की खरीदी का आरोप लगा है. जनपद पेंड्रा के पंचायत इंस्पेक्टर ने बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. जिला पंचायत डीआरडीए पर दबाव में आकर ई रिक्शा खरीदने का आरोप भी है.gpm latest news

corruption in buying e rickshaw
ई-रिक्शा खरीदने में भ्रष्टाचार
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Published : Mar 3, 2023, 3:25 PM IST

जीपीएम में स्वच्छ भारत मिशन को झटका

जीपीएम: पेंड्रा जनपद पंचायत के 23 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ई रिक्शा खरीदी की गई है. इस खरीदी प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. घटिया और निम्न दर्जे का ई रिक्शा खरीदी का आरोप लगाया गया है. आरोप जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी पर लगा है. स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जिले में प्रत्येक पंचायतों को दो ई-रिक्शा खरीदने का दबाव बनाने का आरोप है.

यह है पूरा मामला: पेंड्रा जनपद कार्यालय में 2 दिन पहले 46 ई रिक्शा अचानक उतारने पर यह मामला सामने आया. जनपद पंचायत पेंड्रा के पंचायत इंस्पेक्टर ने अपने जनपद के ग्राम पंचायतों के सचिव से पड़ताल की. यह पता चला कि जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी ने कुछ महीने पहले जिला पंचायत में सभी सचिवों की डीएससी लेकर बैठक में आने की सूचना भेजी और अपने कार्यालय से पंचायतों में ई रिक्शा खरीदी का ऑर्डर करा दिया गया. 2 रिक्शा की कीमत ₹10,5964 रुपए के दर से भुगतान भी जय एसोसिएट इंडस्ट्रीज के नाम से कर दिया.

ई रिक्शा का दाम बाजार से दोगुना: जब पंचायत इंस्पेक्टर ने खुद ई-रिक्शा का बाजार में कोटेशन मंगा कर सत्यापन किया तो पाया कि ऐसे रिक्शे बाजार में 20 से 25 हजार के बीच बड़ी आसानी से मिल रहे हैं. जो भी रिक्शे आए हैं, वे खराब और घटिया दर्जे के हैं. पंचायत इंस्पेक्टर ने जब अपने सचिवों से पड़ताल की तो पाया कि लगभग 23 पंचायतों के लिए 46 रिक्शा मंगा लिए गए हैं. उनसे पेमेंट भी डीएससी के माध्यम से ले लिए गए हैं. खरीदी के लिए ना ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव लिए गए और ना ही कोटेशन मंगाए गए हैं. यानी खरीदी नियमों का पालन नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ें: AIIMS in Bilaspur: बिलासपुर में एम्स खोले जाने का मुद्दा उठा, सिंहदेव ने दिया यह जवाब

अधिकारी ने कही ये बात: इस मामले में जब हमने जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी पीडी खूंटे से पूछा तब उन्होंने बताया कि "पूरी खरीदी ई टेंडर के माध्यम से की गई है. जिसमें पूर्ण रूप से पारदर्शिता बरती गई है." वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष कन्हैया राठौर ने कहा कि "खरीदी प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. खुद जनपद पंचायत के अधिकारी मामले में गड़बड़झाला बता रहे हैं. खरीदी में लाखों रुपयों का गोलमाल हुआ है."

जीपीएम में स्वच्छ भारत मिशन को झटका

जीपीएम: पेंड्रा जनपद पंचायत के 23 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ई रिक्शा खरीदी की गई है. इस खरीदी प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. घटिया और निम्न दर्जे का ई रिक्शा खरीदी का आरोप लगाया गया है. आरोप जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी पर लगा है. स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जिले में प्रत्येक पंचायतों को दो ई-रिक्शा खरीदने का दबाव बनाने का आरोप है.

यह है पूरा मामला: पेंड्रा जनपद कार्यालय में 2 दिन पहले 46 ई रिक्शा अचानक उतारने पर यह मामला सामने आया. जनपद पंचायत पेंड्रा के पंचायत इंस्पेक्टर ने अपने जनपद के ग्राम पंचायतों के सचिव से पड़ताल की. यह पता चला कि जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी ने कुछ महीने पहले जिला पंचायत में सभी सचिवों की डीएससी लेकर बैठक में आने की सूचना भेजी और अपने कार्यालय से पंचायतों में ई रिक्शा खरीदी का ऑर्डर करा दिया गया. 2 रिक्शा की कीमत ₹10,5964 रुपए के दर से भुगतान भी जय एसोसिएट इंडस्ट्रीज के नाम से कर दिया.

ई रिक्शा का दाम बाजार से दोगुना: जब पंचायत इंस्पेक्टर ने खुद ई-रिक्शा का बाजार में कोटेशन मंगा कर सत्यापन किया तो पाया कि ऐसे रिक्शे बाजार में 20 से 25 हजार के बीच बड़ी आसानी से मिल रहे हैं. जो भी रिक्शे आए हैं, वे खराब और घटिया दर्जे के हैं. पंचायत इंस्पेक्टर ने जब अपने सचिवों से पड़ताल की तो पाया कि लगभग 23 पंचायतों के लिए 46 रिक्शा मंगा लिए गए हैं. उनसे पेमेंट भी डीएससी के माध्यम से ले लिए गए हैं. खरीदी के लिए ना ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव लिए गए और ना ही कोटेशन मंगाए गए हैं. यानी खरीदी नियमों का पालन नहीं किया गया है.

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अधिकारी ने कही ये बात: इस मामले में जब हमने जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी पीडी खूंटे से पूछा तब उन्होंने बताया कि "पूरी खरीदी ई टेंडर के माध्यम से की गई है. जिसमें पूर्ण रूप से पारदर्शिता बरती गई है." वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष कन्हैया राठौर ने कहा कि "खरीदी प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. खुद जनपद पंचायत के अधिकारी मामले में गड़बड़झाला बता रहे हैं. खरीदी में लाखों रुपयों का गोलमाल हुआ है."

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