गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: मरवाही विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी घोषणा के बाद सरपंच संघ ने इसका विरोध किया है. स्थानीय आदिवासियों ने बगावत के बोल शुरू कर दिए हैं. इनका कहना है कि मरवाही में कांग्रेस के प्रत्याशी बनाने के लिए जिन नामों को पैनल में भेजा गया था, उन नामों के लोग अगर नहीं आते हैं तो सरपंच संघ अपना अलग प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगा.
कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर भी एक नया विवाद छिड़ गया है. विवाद इस बात का है कि मरवाही में स्थानीय कांग्रेसी के नाम को पैनल में भेजा गया था, लेकिन उस सूची से हटकर पार्टी ने दूसरे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है.
सूची में से ही तय करना होगा नाम: सरपंच संघ
सरपंच संघ का आरोप है कि पार्टी ने स्थानीय व्यक्ति की बजाये किसी बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया है. सरपंच संघ का कहना है कि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश चुनाव समिति से एक सिंगल नाम हाईकमान को स्वीकृति के लिए भेजा है. वह नाम क्षेत्र में पिछले 20 सालों से सेवा कर रहे डॉक्टर केके ध्रुव का है. डॉक्टर केके ध्रुव का नाम हालांकि कांग्रेस ने भी अधिकृत रूप से घोषित नहीं किया है, लेकिन जिस तरीके से खबरें आ रही है उससे लगभग यह माना जा रहा है कि डॉक्टर केके ध्रुव ही कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार होंगे.
निर्दलीय प्रत्याशी उतारने को होंगे मजबूर
पेंड्रा, गौरेला, मरवाही विकासखंडों के सभी सरपंचों और आदिवासी संगठनों का कहना है कि कांग्रेस को आदिवासी नेता को टिकट देना चाहिए न कि एक नौकरी पेशा व्यक्ति को. जो बाहर से आकर यहां नौकरी कर रहा है. सरपंच संघ का कहना है कि पार्टी ने यदि स्थानीय व्यक्ति को टिकट दिया तो हम सहमत होंगे, लेकिन यदि किसी बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाएंगे तो हमें मजबूरन निर्दलीय प्रत्याशी उतारना पड़ेगा.