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बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण का मामला, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. लगातार बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर माधवराव सप्रे स्कूल और दानी गर्ल्स स्कूल के मैदान को छोटा करने को लेकर लोग अपना विरोध जता रहे थे.

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बूढ़ातालाब मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला रखा सुरक्षित
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Published : Jul 13, 2020, 8:49 PM IST

बिलासपुर : राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें बीते कई महीने से बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण का मामला राजधानी में गरमाया हुआ था. स्थानीय लोगों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा था.

बता दें कि राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. कई दिनों पहले जलकुंभी हटाने के नाम पर शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट अचानक सौंदर्यीकरण में बदल गया. इस सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के नाम पर बूढ़ातालाब से लगे ऐतिहासिक माधवराव सप्रे स्कूल और दानी गर्ल्स स्कूल के मैदानों को छोटा किया जा रहा था. जिसके बाद प्रशासन के इस प्रोजेक्ट का विरोध स्थानीय लोगों द्वारा लगातार किया जा रहा था.

पढ़ें : बूढ़ातालाब की देखरेख के लिए होगी 10 गार्डों की नियुक्ति, महापौर एजाज ढेबर से खास बातचीत

आखिराकार यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अजित डेगवेकर की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई.याचिका में कहा गया है कि प्रोजेक्ट का काम बिना टेंडर जारी किए ही चल रहा है. साथ ही प्रोजेक्ट के कार्य को लॉकडाउन के दौरान रात में गुपचुप तरीके से कराया जा रहा है. हालांकि जांच में यह बात सही भी पाई गई कि प्रोजेक्ट का टेंडर निकाले बिना ही कार्य किया जा रहा था.

बता दें कि मामले में पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम रायपुर ने अपने शपथ पत्र में कहा था कि सौंदर्यीकरण के बाद बूढ़ा तालाब का व्यवसायीकरण नहीं करेंगे. सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.

बिलासपुर : राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें बीते कई महीने से बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण का मामला राजधानी में गरमाया हुआ था. स्थानीय लोगों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा था.

बता दें कि राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. कई दिनों पहले जलकुंभी हटाने के नाम पर शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट अचानक सौंदर्यीकरण में बदल गया. इस सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के नाम पर बूढ़ातालाब से लगे ऐतिहासिक माधवराव सप्रे स्कूल और दानी गर्ल्स स्कूल के मैदानों को छोटा किया जा रहा था. जिसके बाद प्रशासन के इस प्रोजेक्ट का विरोध स्थानीय लोगों द्वारा लगातार किया जा रहा था.

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आखिराकार यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अजित डेगवेकर की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई.याचिका में कहा गया है कि प्रोजेक्ट का काम बिना टेंडर जारी किए ही चल रहा है. साथ ही प्रोजेक्ट के कार्य को लॉकडाउन के दौरान रात में गुपचुप तरीके से कराया जा रहा है. हालांकि जांच में यह बात सही भी पाई गई कि प्रोजेक्ट का टेंडर निकाले बिना ही कार्य किया जा रहा था.

बता दें कि मामले में पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम रायपुर ने अपने शपथ पत्र में कहा था कि सौंदर्यीकरण के बाद बूढ़ा तालाब का व्यवसायीकरण नहीं करेंगे. सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.

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