बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर ने सड़कों की खराब स्थिति के मुद्दे पर सुनवाई की. खराब सड़कों की स्थिति को लेकर लगी जनहित याचिका पर कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया. कोर्ट ने पूरे प्रदेश की खराब सड़कों की स्थिति को गंभीर मुद्दा माना है और कोर्ट ने हाइकोर्ट की रजिस्ट्री को कहा है कि पूरे प्रदेश के लिए नया जनहित याचिका दायर किया जाए.
आवश्यक पक्षकारों की लिस्ट की तैयारी
सुवो मोटिव इन डिफरेंस रोड ऑफ छत्तीसगढ़ के नाम से याचिका दायर करें. इसमे सभी न्यायमित्रों को निर्देशित किया है कि नगर निगम ,पीडब्लूडी, नेशनल हाईवे जैसे सभी को आवश्यक पक्षकारों की लिस्ट में शामिल कर लिस्ट तैयार करें. कोर्ट में पूरे प्रदेश की सड़कों की लिस्ट बनाने के लिए न्यायमित्रों को कहा. ताकि प्रदेश की खराब सड़कों पर चलने को मजबूर राहगीरों को इससे निजात मिल सके.
न्यायमित्रों की समिति गठित करने के निर्देश
बिलासपुर नगर निगम की सीमा में आने वाले सड़कों की खस्ताहालत पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर की थी. PWD सेक्रेटरी और आयुक्त नगर निगम को 16 सितंबर को कोर्ट में बुलाकर कड़ाई के साथ सड़कों को समयबद्ध तरीके से सुधारने का आदेश दिया दिया था. साथ ही PWD और नगर निगम के कार्यों की समीक्षा कर सड़कों की स्थिति से कोर्ट को अवगत कराने अधिवक्ताओं के न्यायमित्रों की समिति गठित करते हुए विवेकरंजन तिवारी, गगन तिवारी और पंकज अग्रवाल अधिवक्ताओं को उक्त समिति के साथ सड़क सुधार कार्य की प्रगति का निरीक्षण करने का आदेश दिया.
खराब सड़कों की लिस्ट तैयार करने के आदेश
इस मामले में शनिवार को न्यायमित्रों ने शहर की सड़कों का जायजा भी लिया था और अपनी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की. इसमें एक्टिंग चीफ जस्टिस (Acting Chief Justice) प्रशांत मिश्रा और जस्टिस रजनी दुबे की डिविजन बेंच ने बड़ा आदेश दिया है. छत्तीसगढ़ की खराब सड़कों की लिस्ट (List of Bad Roads of Chhattisgarh) बनाने न्यायमित्र प्रतीक शर्मा, राजीव श्रीवास्तव और राघवेंद्र प्रदान को निर्देशित किया है कि वे पूरे प्रदेश की खराब सड़कों की लिस्ट तैयार करें और आवश्यक पक्षकार जैसे नगर निगम, नेशनल हाइवे, पीडब्लूडी को लिस्ट में शामिल करें. कोर्ट ने इस मामले में 29 सितंबर को अगली सुनवाई रखी है.
दायर की जनहित याचिका
हिमांक सलूजा ने बिलासपुर नगर निगम (Bilaspur Municipal Corporation) की सीमा के भीतर सड़कों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें सड़क सुधारने के लिए निश्चित तिथि बताते हुए सेक्रेटरी एवं आयुक्त को शपथ पत्र प्रस्तुत करने एवं कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था. तब अधिकारी कोर्ट में पेश हुए थे. DB ने कहा कि शहर के लोग सड़क की दुर्दशा से त्रस्त हैं और खराब सड़कों पर चलने को मजबूर हैं. जिससे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है.