बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में लगातार कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही (Cancer patients in bilaspur) है. पिछले 2 सालों में मरीजों की संख्या 3 गुना बढ़ गई है. लगातार मुंह और गले के कैंसर से पीड़ित मरीजों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी हैरत में है. सिम्स मेडिकल कॉलेज में 2 साल पहले तक 50 से 60 कैंसर मरीज महीने में इलाज कराने पहुंते थे. अब लगभग 150 से 170 मरीज कैंसर का इलाज कराने यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में कैंसर पीड़ितों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग को भी इनके इलाज की व्यवस्था करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा (Increase cancer patients in Bilaspur Cims Medical College) है.
दो साल में तीन गुना बढ़े मरीज: नशे की लत ने अब अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है. सिगरेट, तंबाकू, गुटखा और शराब के साथ ही अन्य नशे के उत्पाद का उपयोग हानिकारक बनता जा रहा है. इससे लोगों की जान आफत में है. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में 2 साल के अंदर कैंसर के मरीजों की संख्या 3 गुना बढ़ गई है. इन आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग और सिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को चौंका दिया है. आलम यह है कि अब वार्ड में मरीजों को भर्ती करने के लिए बिस्तर की कमी होने लगी है. जिसकी वजह से कैंसर पीड़ितों को ईएनटी वार्ड में भी भर्ती किया जा रहा है.
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नशा करने से कैंसर मरीज की संख्या बढ़ी: ये तो सभी जानते हैं कि गुटखा और सिगरेट से कैंसर होता है. इसके बावजूद जिले के युवाओं में सिगरेट पीने और गुटखा खाने की लत बढ़ती जा रही है. कॉलेज पहुंचने तक 35 फीसद युवक गुटखा और सिगरेट के आदी हो जाते हैं. इससे कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सिम्स में 2 साल में हर माह कैंसर से पीड़ित करीब 60 मरीज आते थे. लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या 170 तक पहुंच गई है. अस्पताल आने वाले ज्यादातर मरीजों की हिस्ट्री ली गई तो पता चला कि वह लंबे समय से सिगरेट, गुटखा, शराब और गुड़ाखू जैसे नशा का उपयोग करते आ रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें मुंह या फिर गले के कैंसर की शिकायत हो रही है.
कैंसर वार्ड में बिस्तर की कमी: सिम्स मेडिकल कॉलेज में कैंसर पीड़ित मरीजों की जांच करने के साथ उनका इलाज भी किया जाता है. सिम्स में कैंसर मरीजों के लिए एक वार्ड तैयार करके रखा गया है, लेकिन लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या ने सिम्स प्रबंधन को दुविधा में डाल दिया है. भर्ती मरीजों के लिए वार्ड में बिस्तर कम पड़ रहे हैं. यही वजह है कि यहां ईएनटी वार्ड में भी कैंसर के मरीजों की भर्ती की जा रही है. इस समय लगभग 25 से 30 मरीज भर्ती होकर सिम्स में अपना इलाज करा रहे हैं. इससे दोगुनी संख्या में मरीज महीने में जांच कराने और दवाई लेने पहुंचते हैं.
मरीजों की संख्या में इजाफा: सिम्स मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरीटेंडेंट नीरज शिंदे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया, "इस समय लगातार कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ज्यादातर नशा करने वाले मरीज की पहचान हुई है. मरीज जब आते हैं तो उनकी जांच करने के बाद उनकी स्थिति का जायजा लेते हुए उन्हें चार कैटेगरी में रखा जाता है. कैंसर की चार कैटेगरी होती हैं, जिसमें स्टेज वन, स्टेज टू, स्टेज थ्री और स्टेज फोर होता है. स्टेज के हिसाब से दवाई, कीमोथेरेपी, ऑपरेशन और रेडिएशन से इलाज किया जाता है. लगातार बढ़ रहे कैंसर पीड़ितों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है."
कैंसर मरीजों की संख्या साल दर साल:
साल | आईपीडी | ओपीडी |
---|---|---|
2018 | 1080 | 1440 |
2019 | 1532 | 1898 |
2020 | 1200 | 1950 |
2021 | 885 | 2672 |
साल 2022 में अब तक 161 कैंसर मरीजों का पंजीयन हुआ है.