गौरेला पेंड्रा मरवाही: मैकल पर्वत श्रृंखला के अमरकंटक की तराई में बसा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता को लेकर पूरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है. ऐसे में जिला प्रशासन और वन विभाग ने ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय बटरफ्लाई सर्वे का आयोजन किया.
यह भी पढ़ें: दर्री एनीकट बह गया, बदल गई शिवनाथ नदी की दिशा!
वन मितान जागृति कैम्प: इस कार्यक्रम के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ वन विभाग ने वन मितान जागृति कैम्प का आयोजन भी किया. इस कैंप में केंवची, आमाडोब गांवों में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों सहित अन्य स्थानीय स्कूलों के बच्चों ने भी भाग लिया. इस कार्यक्रम में बच्चे बाहर से आए पर्यटकों से रूबरू हुए. उन्होंने जैव विविधता संरक्षण और इको सिस्टम की बारिकियां समझीं.
बच्चों के साथ पर्यटकों ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित पर्यटक स्थल कबीर चबूतरा, नर्मदा उद्गम, सोनुमुड़ा, माई की बगिया, दुर्गाधारा और माई का मंडप स्थानों पर भ्रमण किया. बच्चों ने प्रकृति के संरक्षण की शपथ भी ली.