बिलासपुर: एक सब इंसपेक्टर की गवाही नहीं होने से चार साल से एक युवक जेल में बंद (bilaspur high court news) है. इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में यह बताया गया कि निचली अदालत ने 45 वारंट जारी किए उसके बाद भी एसआई गवाही के लिए नहीं (SI Chetan Singh Chandrakar did not testify ) पहुंचा. उसके बाद इस केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़े पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया. जिसके बाद सरगुजा में समय समय पर एसपी के रूप में तैनात रहे तीन आईपीएस अधिकारी कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में शपथपत्र के साथ जवाब दिया. इस पूरे केस में जस्टिस सचिन सिंह राजपूत असंतुष्ट नजर ( youth in jail for four years) आए. उन्होंने पूरे मामले में नाराजगी जताई और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. अब इस केस में 22 जुलाई को सुनवाई (Chhattisgarh High Court angry) होगी.
क्या है पूरा मामला: सरगुजा में 23 जुलाई 2018 को एक युवक नशे का सामान बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोपी युवक का नाम देवेंद्र सिंह है. वह इस मामले में अब तक जेल में बंद है. इसकी वजह है कि, इस केस के जो जांच अधिकारी थे वह अब तक निचली अदालत में उपस्थित नहीं हुए हैं. जिसकी वजह से उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो पाई. आरोपी देवेंद्र ने अपने वकील के माध्यम से निचली अदालत में जमानत अर्जी लगाई थी. जिसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली. देवेंद्र सिंह की सुनवाई सरगुजा की निचली अदालत में चल रही है. स्थानीय अदालत ने कई बार विवेचना अधिकारी और तत्कालीन सब इंस्पेक्टर चेतन सिंह चंद्राकर को गवाही देने के लिए समन जारी किया. लेकिन वह एक बार भी गवाही के लिए उपस्थित नहीं हुआ. विवेचना अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया. बावजूद उसके भी वह गवाही देने नहीं पहुंचा. चेतन सिंह चंद्राकर ने मोबाइल के जरिए अपनी गिरफ्तारी वारंट को तामिल करा दिया. चेतन सिंह चंद्राकर के कोर्ट में पेश नहीं होने की वजह से युवक देवेंद्र चार साल से जेल में बंद है.
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सब इंस्पेक्टर की गवाही नहीं होने पर अटकी जमानत: इस पूरे केस में तत्कालीन जांच अधिकारी और सब इंस्पेक्टर चेतन सिंह चंद्राकर की गवाही नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से आरोपी देवेंद्र को जमानत नहीं मिल पा रही है.
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी : देवेंद्र सिंह के वकील ने हाईकोर्ट में दोबारा जमानत याचिका प्रस्तुत की. इसमें बताया गया कि चार साल से याचिकाकर्ता सिर्फ इसलिए जेल में बंद है. क्योंकि उसके केस में गवाही नहीं हो पा रही है. प्रकरण की जांच करने वाले विवेचना अधिकारी और तत्कालीन सब इंस्पेक्टर चेतन सिंह चंद्राकर को कोर्ट से 45 बार वारंट और गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है. इसके बाद भी वह गवाही देने नहीं आ रहा है. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत देने का आग्रह किया गया.
हाईकोर्ट ने सरगुजा के आला अधिकारी रहे ऑफिसर को किया था तलब: इस प्रकरण को जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने गंभीरता से लेते हुए बीते 11 जुलाई को सरगुजा जिले में 2020 से अब तक पदस्थ रहे सभी एसपी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई. इस दौरान तत्कालीन एसपी और रायपुर के माना स्थित चौथी बटालियन में पदस्थ अमित तुकाराम कांबले, कोरबा जिले के 13वीं बटालियन बांगो के कंमाडेंट व तत्कालीन एसपी आशुतोष सिंह के साथ ही वर्तमान में सरगुजा में पदस्थ एसपी भावना गुप्ता उपस्थित हुईं. उन्होंने हाईकोर्ट में शपथपत्र के साथ जवाब दिया. उनकी तरफ से बताया गया कि कोर्ट से वारंट की तामिली कराई गई है