बिलासपुर: बिलासपुर को न्यायधानी कहा जाता है. इस जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 3 सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि दो पर कांग्रेस और एक सीट पर जेसीसीजे का कब्जा है. बिलासपुर की बेलतरा विधानसभा सीट हमेशा से ही भाजपा का गढ़ रही है. साल 2008 में बेलतरा विधानसभा सीट अस्तित्व में आई है. 2008 से लेकर अब तक भाजपा का ही इस सीट पर कब्जा रहा है.
बेलतरा विधानसभा को जानिए: बिलासपुर जिले का बेलतरा विधानसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है. यहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक है. ओबीसी के बाद एससी समाज की संख्या भी अच्छी खासी है. यहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या लगभग 33.66 फीसद है. एससी मतदाता 28 फीसद हैं. अनुसूचित जनजाति 2 फीसद और जनरल मतदाता 36.34 फीसद हैं. इनमें ठाकुर, ब्राम्हण, यादव, सतनामी, साहू, कौशिक और कुछ संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं. बेलतरा में पार्टियों का फोकस साहू, कौशिक, ब्राम्हण और एससी समाज पर अधिक रहता है.
बेलतरा विधानसभा में कितने मतदाता हैं: बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता की कुल संख्या 248613 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 125740 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 122839 है. वहीं, थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 34 है.
क्या हैं बेलतरा के मुद्दे और समस्याएं: बेलतरा विधानसभा सीट, बिलासपुर शहर से लगा हुआ क्षेत्र है. यहां कई समस्याएं हैं, जैसे ग्रामीण इलाकों में बिजली, पानी और साफ-सफाई. बेलतरा के कुछ इलाकों में सड़कें इतनी बदहाल हैं कि, बारिश में गांव टापू बन कर रह जाता है. आवारा मवेशियों के सड़कों पर घूमने से दुर्घटनाएं बढ़ रही है. बिजली की समास्या के साथ ही सुरक्षा के लिहाज से इस क्षेत्र में दो थाने हैं. एक सरकंडा और दूसरा कोनी. लेकिन कुछ गांवों से इनकी दूरी इतनी अधिक है कि, घटना के बाद यहां पुलिस देर से पहुंचती है. क्षेत्र की सबसे बड़ी योजनाओं का ग्रामीणों को लाभ न मिल पाना भी बड़ी समस्या है.
2018 में कैसी रही बेलतरा की स्थिति : बेलतरा विधानसभा सीट पर साल 2018 में भाजपा के रजनीश सिंह ने चुनाव जीता. भाजपा के रजनीश सिंह को 49601 मत यानी 34 फीसद वोट मिले. कांग्रेस के राजेन्द्र साहू को 43342 वोट यानी 30 फीसदी वोट मिले. जेसीसीजे के अनिल टाह को 38308 वोट यानी 27 फीसद वोट मिले. इस बार के चुनाव में बात अगर कांग्रेस के प्रत्याशी चयन की करें तो, ये काफी मुश्किल काम होगा. क्योंकि राज्य गठन के बाद लगातार दो बार कांग्रेस से भुनेश्वर यादव को टिकट मिलता रहा है. इसके बाद राजेंद्र साहू को टिकट मिला था. दोनों ही प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस में कई दावेदार हैं. ये सभी अपने आकाओं तक टिकट पाने की दौड़ लगा रहे हैं. कहा जाता है कि, भाजपा इसे अपना गढ़ बना चुकी है. ऐसे में कांग्रेस को इस सीट पर कब्जा करने के लिए अलग से जोड़ लगाना पड़ेगा.
कौन तय करता है जीत और हार :बेलतरा विधानसभा सीट में सामान्य वर्ग के लोग ज्यादा हैं. यहां से लगातार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बद्रीधर दीवान दो बार और अविभाजित सीपत विधानसभा से एक बार जीत दर्ज कर चुके हैं. बद्रीधर दीवान लगातार तीन बार भाजपा से जीत दर्ज कर चुके हैं. अब यहां भाजपा के ही रजनीश सिंह विधायक हैं. सामान्य वर्ग की बहुलता वाले बेलतरा विधानसभा में अब तक कांग्रेस के उम्मीदवार ओबीसी वर्ग के रहे हैं.