गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: कोरोना काल में जहां संक्रमितों से परिवार के सदस्य भी दूरी बना रहे हैं, ऐसे में पेंड्रा में युवाओं का एक समूह कोरोना संक्रमितों को दोनों समय का भोजन उपलब्ध करा रहा है. लॉकडाउन के समय गरमा गरम खाना पाकर लोग भी खुश हैं और युवाओं को धन्यवाद दे रहे हैं.
लॉकडाउन में उन परिवारों में ज्यादा परेशानी हो रही है जहां गृहिणी संक्रमित हो जाती हैं. ऐसे में भोजन बनाने और पकाने में काफी परेशानी होती है. पेंड्रा में भी कई परिवार इसी तरह संक्रमण के शिकार हुए हैं. उन्हें भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा. जिसके बाद वे लोग जब संक्रमण से उभरे तो अपने साथ हुई परेशानी का सामना औरों को न करना पड़े इसके लिए तुरंत ही एक समूह का गठन किया. जिसका नाम अक्षयपात्र रखा गया. समिति के सदस्यों ने आपस में अंशदान कर दाल, चावल, सब्जी, रोटी बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का फैसला लिया. इसके लिए भोजन पकाने वाले मजदूरों की व्यवस्था के साथ-साथ राशन की व्यवस्था की गई. सुबह 7 बजे से मजदूर रोज भोजन बनाना चालू कर देते हैं. समिति टाइम में 250 से 300 लोगों को भोजन पहुंचाती है. जिसके लिए युवा श्रमदान भी करते हैं.
होटल रेस्टोरेंट भी हैं बंद
लॉकडाउन लगने के बाद से भोजनालय और होटल भी बंद हैं. हालांकि होम डिलीवरी की व्यवस्था शासन ने जारी रखने की छूट दी है, लेकिन संक्रमण की वजह से लोग भोजनालय से दूरी बना कर रखे हुए हैं. ऐसे में बीमारी की चपेट में आए परिवार के सदस्यों को भोजन बनाने में काफी परेशानी होती है. संक्रमित घरों में न तो मजदूर काम करने जाते हैं, और पड़ोसी रिश्तेदार भी दूरी बना लेते हैं. उन्ही परिवारों को दोनों टाइम घर जैसा गरमा गरम भोजन पकाकर घर तक पहुंचाया जा रहा है.
'अन्नदाता' बनकर जरूरतमंदों की भूख मिटा रहा कसडोल रसोई समूह
दोनों टाइम पहुंचा रहे खाना
समिति बनने के बाद से करीब 1 महीने से लगातार युवा इसी तरह सुबह शाम का भोजन जरुरतमंदों के घर पहुंचा रहे हैं. सुबह 11 से 12 बजे के बीच प्रभावित परिवारों के घर प्रति सदस्य के हिसाब से भोजन के पैकेट युवा पहुंचा देते हैं. वैसा ही शाम को 7 से 8 बजे के बीच भोजन पहुंच जाता है. घर में घर जैसा भोजन मिलने से पीड़ित भी काफी संतुष्ट हैं.