बिलासपुर : लिंगियाडीह के गरीब परिवारों पर बेदखली की कार्रवाई और तहसीलदार के नोटिस के विरोध में झुग्गी झोपड़ी रहवासियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया. घेराव के दौरान क्षेत्रवासियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए आवासीय पट्टा देने और बेदखली के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की. मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को मांग पत्र भी सौंपा है. इससे पहले भी राजश्व विभाग ने इन्हें क्षेत्र खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था. तब भी इसका विरोध हुआ था. उस समय प्रशासन ने चुप्पी साध ली थी.लेकिन एक बार फिर नोटिस जारी हुआ है और फिर विरोध हुआ है.
शहर को कब्जा मुक्त कर रहा प्रशासन : कुछ समय से जिला प्रशासन और नगर निगम बेजा कब्जा और अतिक्रमण पर लगातार कार्रवाई कर रही है. प्रशासन ने बिलासपुर के लिंगियाडीह क्षेत्र में शासकीय जमीन पर कब्जा करके कई लोग सालों से रह रहे हैं.इन लोगों को जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. प्रशासन ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में बेजाकब्जा धारियों को भी नोटिस जारी किया है. जिला प्रशासन ने लिंगियाडीह क्षेत्र में 300 परिवारों को बेदखली का नोटिस दिया है. जिसे लेकर लिंगियाडिह के लोग लामबंद हो गए हैं. वो नोटिस के विरोध में सैकड़ों क्षेत्रवासियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया.
क्या है क्षेत्रवासियों का आरोप : लिंगियाडीह में रह रहे लोगों ने बताया कि वे प्रशासन के पास कई बार मकान दिए जाने की मांग कर चुके हैं. उन्हें मकान नहीं मिला. वे चाहते हैं कि वे जिस जगह रह रहे हैं. उन्हें स्थाई रूप से वहां का पट्टा दिया जाए. घेराव के दौरान क्षेत्रवासियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए नोटिस और कार्रवाई का विरोध जताया है. क्षेत्रवासियों का कहना है कि राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत गरीब परिवारों को आवास दिया जाना है. जिसके लिए लिंगियाडीह में गरीब परिवारों का सर्वे भी किया गया है. लेकिन प्रशासन की उपेक्षा के कारण पट्टा का वितरण नहीं किया जा रहा है.
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क्षेत्रवासी मांग रहे हैं पट्टा : प्रशासन ने लिंगियाडीह में गरीब परिवारों को बेदखल करने का नोटिस जारी किया है. लंबे समय से ये लोग क्षेत्र में रह रहे हैं.गरीब किसी तरह से अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अब इनकी मांग आवासीय पट्टे की है.साथ ही साथ रहवासी बेदखली के नोटिस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.जिसके लिए सीएम से लेकर कलेक्टर तक गुहार लगाई जा चुकी है.