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पेंड्रा-गौरेला-मरवाही जिले से जुड़ने के लिए 105 गांवों ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन - कोरबा जिला मुख्यालय

कोरबा जिले के दूरस्थ वनांचल के 105 गांवों ने पेंड्रा-गौरेला-मरवाही जिले से जोड़ने की मांग की है. ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने अपने नजदीकी नवघोषित जिले में गांवों को शामिल करने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.

नए जिले पेंड्रा-गौरेला-मरवाही से जुड़ने के लिए 105 गांवों ने प्रशासन को सौंप ज्ञापन
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Published : Aug 22, 2019, 10:19 AM IST

बिलासपुरः प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को पेंड्रा-गौरेला-मरवाही को बिलासपुर जिले से अलग कर एक नए जिले बनाने की मांग को पूरा कर क्षेत्रवासियों को एक नई सौगात दी है. इसके बाद से ही कोरबा जिले के दूरस्थ वनांचल के 105 गांवों ने नए जिले से जुड़ने की मांग की है. ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने अपने नजदीकी नवघोषित जिले में शामिल करने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है.

105 villages submit memorandum

105 गांव की मांग
कोरबा जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर ग्राम पसान समेत आस-पास के लगभग 42 से अधिक ग्राम पंचायतों के लगभग 105 गांवों के लोग नए घोषित जिले शामिल करने की मांग कर रहे हैं. जिला मुख्यालय से 110 किलोमाटर दूर और ब्लॉक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा से लगभग 85 किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीणों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी से निजात पाने के लिए स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों ने गांव को नए जिले से जोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि नया जिला मुख्यालय से उनके गांव की दूरी महज 28 से 30 किलोमीटर है.

बुनियादी चीजों का है अभाव
ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय कोरबा से गांव की दूरी ज्यादा होने वजह से उन्हें सभी छोटे-बड़े कामों के लिए दिनभर का समय निकालना पडता है, जिससे आर्थिक और शारीरिक दोनों प्रकार से परेशानी उठानी पड़ती है. स्वास्थ्य सेवा के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. मरीज के गंभीर होने के हालत में तुरंत पेंड्रा के एनसीएच अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. वनाचंल क्षेत्र होने के कारण गांव विकास से कोसों दूर है.इन समस्याओं को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि सर्वदलीय बैठक कर इन गांव को नए जिले में शामिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करने में लगे हैं.

बिलासपुरः प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को पेंड्रा-गौरेला-मरवाही को बिलासपुर जिले से अलग कर एक नए जिले बनाने की मांग को पूरा कर क्षेत्रवासियों को एक नई सौगात दी है. इसके बाद से ही कोरबा जिले के दूरस्थ वनांचल के 105 गांवों ने नए जिले से जुड़ने की मांग की है. ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने अपने नजदीकी नवघोषित जिले में शामिल करने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है.

105 villages submit memorandum

105 गांव की मांग
कोरबा जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर ग्राम पसान समेत आस-पास के लगभग 42 से अधिक ग्राम पंचायतों के लगभग 105 गांवों के लोग नए घोषित जिले शामिल करने की मांग कर रहे हैं. जिला मुख्यालय से 110 किलोमाटर दूर और ब्लॉक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा से लगभग 85 किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीणों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी से निजात पाने के लिए स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों ने गांव को नए जिले से जोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि नया जिला मुख्यालय से उनके गांव की दूरी महज 28 से 30 किलोमीटर है.

बुनियादी चीजों का है अभाव
ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय कोरबा से गांव की दूरी ज्यादा होने वजह से उन्हें सभी छोटे-बड़े कामों के लिए दिनभर का समय निकालना पडता है, जिससे आर्थिक और शारीरिक दोनों प्रकार से परेशानी उठानी पड़ती है. स्वास्थ्य सेवा के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. मरीज के गंभीर होने के हालत में तुरंत पेंड्रा के एनसीएच अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. वनाचंल क्षेत्र होने के कारण गांव विकास से कोसों दूर है.इन समस्याओं को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि सर्वदलीय बैठक कर इन गांव को नए जिले में शामिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करने में लगे हैं.

Intro:cg_bls_02_jila mang_avb_CGC10013

पेंड्रा कोरबा 15 अगस्त को जैसी ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेंड्रा गौरेला और मरवाही को मिलाकर एक नए जिले बनाने की घोषणा की वैसे ही पेंड्रा मरवाही क्षेत्र से लगे कोरबा जिले के दूरस्थ वनांचल ग्राम प्रधान समेत आसपास के 42 ग्राम पंचायतों के लगभग 105 गांवों के ग्रामीण और जनप्रतिनिधि अब अपने नजदीकी नव घोषित जिले में शामिल होने की मांग कर रहे हैं और सर्वदलीय मंच के बैनर तले इस मांग को अमलीजामा पहनाने की बात कह रहे हैं और शासन प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए पहल भी कर चुके हैं


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दरअसल 15 अगस्त को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने एक बहु प्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए बिलासपुर जिले से अलग कर पेंड्रा गौरेला और मरवाही को एक नए जिले बनाने की सौगात दी और घोषणा कर दी जिसके बाद पेंड्रा गौरेला और मरवाही की 20 सालों की मांग पूरी हुई तो वही पेंड्रा मरवाही से जुड़ा हुआ कोरबा जि ला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर ग्राम पसान समेत आसपास के लगभग 42 से अधिक ग्राम पंचायतों के लगभग 105 गांवों के लोग और यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र को 9 घोषित जिले पेंड्रा गौरेला और मरवाही में शामिल किए जाने की मांग करने लगे हैं परेशान के रहने वाले लोगों और जनप्रतिनिधियों की मानें तो उनका जिला मुख्यालय कोरबा उनके गांव से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित है जबकि ब्लॉक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा उनके गांव से दूरी 85 किलोमीटर है वहीं ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों की मानें तो पेंड्रा गौरेला की दूरी उनके गांव पर्सन और आसपास के गांव से महज 28 से 32 किलोमीटर है वही पसान के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मानें तो जिला मुख्यालय से इतनी दूरी होने के चलते इन्हें छोटे से छोटे काम के लिए कटघोरा कोरबा तो ब्लॉक मुख्यालय उपरोड़ा जाना पड़ता है जिससे समय के साथ आर्थिक बजट पर भी इसका असर पड़ता है वहीं इनकी मानें तो आसान वनांचल क्षेत्र है और विकास से कोसों दूर है जो क्षेत्र का हाल 20 साल पहले था वैसा ही आज भी है यहां तक कि स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जहां मरीजों को तो इलाज के लिए लाया जाता है पर सिर्फ व्यवस्था ना होने के कारण तत्काल पेंड्रा के एन सी एच अस्पताल रेफर कर दिया जाता है वही हाल शिक्षा का है गांव के आसपास के क्षेत्र में प्राथमिक पढ़ाई की तो व्यवस्था है पर उच्च शिक्षा के लिए उन्हें अपने बच्चों को 25 किलोमीटर दूर पेंड्रा गौरेला या फिर 90 किलोमीटर दूर कटघोरा का रुख करना पड़ता है वहीं लोगों की माने तो व्यापार के साथ-साथ सभी प्रकार की जरूरतें इनकी पेंड्रा गौरेला से ही पूरी होती है सिर्फ सरकारी कामों के लिए इन्हें कोरबा का रुख करना पड़ता है अगर उन्हें 9 घोषित जिले में शामिल कर लिया जाता है तो वह भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे वहीं स्थानीय लोगों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अब एक सर्वदलीय बैठक कर पेंड्रा गौरेला और मरवाही नए जिले में शामिल होने के लिए बैठ को का दौर के साथ प्रस्ताव और ज्ञापन शासन और प्रशासन को देते हुए हर संभव प्रयास करने में जुट गए हैं


Conclusion:cg_bls_02_jila mang_avb_CGC10013


बाइट जाफर खान स्थानीय निवासी पसान महरून शर्ट पहने हुए।

बाइक रामशरण तवर सरपंच पसान ग्राम पंचायत टी शर्ट पहने हुए

बाइट प्रकाश साहू स्थानीय पत्रकार नीली शर्ट चश्मा पहने हुए।

बाइट हरि प्रकाश शास्त्री स्थानीय निवासी गले मे साफी डाले हुए

बाइट आदित्य मिश्रा जनपद सदस्य पसान महरून रंग का शर्ट
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