बिलासपुरः प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को पेंड्रा-गौरेला-मरवाही को बिलासपुर जिले से अलग कर एक नए जिले बनाने की मांग को पूरा कर क्षेत्रवासियों को एक नई सौगात दी है. इसके बाद से ही कोरबा जिले के दूरस्थ वनांचल के 105 गांवों ने नए जिले से जुड़ने की मांग की है. ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने अपने नजदीकी नवघोषित जिले में शामिल करने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है.
105 गांव की मांग
कोरबा जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर ग्राम पसान समेत आस-पास के लगभग 42 से अधिक ग्राम पंचायतों के लगभग 105 गांवों के लोग नए घोषित जिले शामिल करने की मांग कर रहे हैं. जिला मुख्यालय से 110 किलोमाटर दूर और ब्लॉक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा से लगभग 85 किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीणों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी से निजात पाने के लिए स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों ने गांव को नए जिले से जोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि नया जिला मुख्यालय से उनके गांव की दूरी महज 28 से 30 किलोमीटर है.
बुनियादी चीजों का है अभाव
ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय कोरबा से गांव की दूरी ज्यादा होने वजह से उन्हें सभी छोटे-बड़े कामों के लिए दिनभर का समय निकालना पडता है, जिससे आर्थिक और शारीरिक दोनों प्रकार से परेशानी उठानी पड़ती है. स्वास्थ्य सेवा के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. मरीज के गंभीर होने के हालत में तुरंत पेंड्रा के एनसीएच अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. वनाचंल क्षेत्र होने के कारण गांव विकास से कोसों दूर है.इन समस्याओं को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि सर्वदलीय बैठक कर इन गांव को नए जिले में शामिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करने में लगे हैं.