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बीजापुर में रेत खदान के टेंडर के लिए आए ढेरों आवेदन, राजस्व में इजाफा - खनिज विभाग

इंद्रावती रेत खदानों के लिए जिले में इस बार कई आवेदन आए हैं . आवेदन से खनिज विभाग को अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व मिला है.

रेत खदान के टेंडर के लिए आए ढेरों आवेदन
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Published : Nov 16, 2019, 9:57 AM IST

Updated : Nov 16, 2019, 1:36 PM IST

बीजापुर: जिले में पहली बार इंद्रावती रेत खदान को लेकर टेंडर निकाला गया. जिसके तहत तिमेड, चंदुर के रेत खदानों की नीलामी हुई. इसके अलावा मिंगाचल नदी के रेत खदान की नीलामी भी हुई. कुल तीन नीलामी में जिले में पहली बार खनिज विभाग को 33 लाख 60 हजार रुपये का राजस्व मिला. तिमेड, चंदुर, मिंगाचल, के लिए लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया था. टेंडर प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी गई. रेत खदानों की नीलामी में भाग लेने वालों को दस हजार रुपये का चालान और दो लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट फॉर्म के साथ जमा कराया गया.

रेत खदान के टेंडर के लिए आए ढेरों आवेदन

तिमेड खदान के लिए 124, चंदुर के लिए 161 और मिंगाचल के लिए 51 फॉर्म जमा किए गए हैं. कुल 336 फार्म जमा हुए हैं जिसमें कुल 33 लाख 60 हजार रुपये का राजस्व इनकम जिला खनिज शाखा के खाते में जमा हुआ है. जिसमें चंदुर से पदमा भदौरिया, तिमेड से सतीश गुप्ता, और मिंगाचल से के साथी को टेंडर मिला.

छत्तीसगढ़ के निवासियों को प्राथमिकता
रेत खदान के टेंडर में छत्तीसगढ़ के निवासियों को ही प्राथमिकता दी गई थी. इस दौरान एक नया मामला सामने आया. तेलंगाना और महाराष्ट्र के लोगों ने छत्तीसगढ़ के लोगों को अपना साथी बना कर फार्म भरवाया गया.

बीजापुर: जिले में पहली बार इंद्रावती रेत खदान को लेकर टेंडर निकाला गया. जिसके तहत तिमेड, चंदुर के रेत खदानों की नीलामी हुई. इसके अलावा मिंगाचल नदी के रेत खदान की नीलामी भी हुई. कुल तीन नीलामी में जिले में पहली बार खनिज विभाग को 33 लाख 60 हजार रुपये का राजस्व मिला. तिमेड, चंदुर, मिंगाचल, के लिए लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया था. टेंडर प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी गई. रेत खदानों की नीलामी में भाग लेने वालों को दस हजार रुपये का चालान और दो लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट फॉर्म के साथ जमा कराया गया.

रेत खदान के टेंडर के लिए आए ढेरों आवेदन

तिमेड खदान के लिए 124, चंदुर के लिए 161 और मिंगाचल के लिए 51 फॉर्म जमा किए गए हैं. कुल 336 फार्म जमा हुए हैं जिसमें कुल 33 लाख 60 हजार रुपये का राजस्व इनकम जिला खनिज शाखा के खाते में जमा हुआ है. जिसमें चंदुर से पदमा भदौरिया, तिमेड से सतीश गुप्ता, और मिंगाचल से के साथी को टेंडर मिला.

छत्तीसगढ़ के निवासियों को प्राथमिकता
रेत खदान के टेंडर में छत्तीसगढ़ के निवासियों को ही प्राथमिकता दी गई थी. इस दौरान एक नया मामला सामने आया. तेलंगाना और महाराष्ट्र के लोगों ने छत्तीसगढ़ के लोगों को अपना साथी बना कर फार्म भरवाया गया.

Intro:जिले में पहली बार इंद्रावती रेत खदान को लेकर तिमेड, चंदुर, की नीलामी हुई इसके अलावा मिंगाचल नदी के रेत खदान की नीलामी हुई।कुल तीन नीलामी में जिले में पहली बार खदान को 33 लाख साठ हजार रुपये की राजस्व इनकम हुई है ।तिमेड,चंदुर, मिंगाचल,लाटरी सिस्टम से निकाला गया । टेंडर प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के मूल निवासी होने का प्राथमिकता दिया गया रेत खदान में भाग लेने वालों को दस हजार का चालान और दो लाख का डिमांड ड्राफ्ट फॉर्म के साथ जमा कराया गया था


Body:तिमेड खदान के लिए 124 और चंदुर 161 एवं मिंगाचल 51 फार्म कुल 336 फार्म जमा हुए जिसका कुल राजस्व इनकम तैतीस लाख साठ हजार रुपये की राजस्व इनकम जिला खनिज शाखा के खाते में जमा हुआ।जिसमें चंदुर से पदमा भदौरिया,तिमेड से सतीश गुप्ता,व मिंगाचल से के.साथी को मिला।


Conclusion:रेत खदान के टेंडर में छत्तीसगढ़ के निवासियों को ही प्राथमिकता दिया गया था लेकिन मजे की बात यह है कि तेलंगाना और महाराष्ट्र निवासरत लोगों ने छत्तीसगढ़ के निवासियों को अपना साथी बना कर फार्म भर वाया गया ,यह चर्चा का विषय बना हुआ है। बाईट आर.साहू...माइनिंग इंस्फेक्टर
Last Updated : Nov 16, 2019, 1:36 PM IST
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