बीजापुरः नक्सली हादसों के कारण शिफ्ट की गई शराब दुकान जेल बाड़ा के शिविर के रहवासियों के लिए मुसीबत बन गई है. सलवा जुडूम के बाद जेलबाड़ा शिविर में हजारों ग्रामीणों ने शरण ली थी. इसके साथ ही नक्सली दहशत की वजह से यहां अंग्रेजी शराब दुकान को भी शिफ्ट किया गया था. लेकिन अब शराब दुकान की वजह से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है.
शिविर के पास शराब दुकान होने की वजह से शराब पीकर लोग बोतल यहां-वहां फेंक देते हैं. इस कारण पूरे शिविर में बोतल जमा हो गया है, जिससे यहां गंदी फैल रही है. कई बार शराबी नशे में शिविर में रहने वाली महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हैं.
शरणार्थियों ने प्रशासन से लगाई गुहार
पीड़ित शरणार्थियों ने शराब दुकान हटाने के लिए कई बार जिला प्रशासन से गुहार भी लगाई है. साथ ही धरना प्रदर्शन और रैलियां भी निकाली हैं. इसके बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई अब तक नहीं की है.
खोखला वादा
लगभग एक साल पहले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जून 2018 को कांग्रेस ने शरणार्थियों की मांग का समर्थन किया था. साथ ही वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद बस्ती से शराब दुकान हटा दिया जाएगा, लेकिन अब ये वादा खोखला साबित हो रहा है.
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ग्रामीणों का आरोप
सलवा जुडूम के शरणार्थियों का आरोप है कि नक्सल समस्या खत्म होने का आश्वासन देकर तत्कालीन सरकार ने उन्हें शिविर में शरण दिया था. लेकिन यहां की महिलाओं को असामाजिक तत्वों से होने वाली परेशानी से सरकार निजात नहीं दिला पा रही है.