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Bijapur naxalite surrender: बीजापुर में आत्मसमर्पण के बाद नक्सली ने बयां किया अपना दर्द - नक्सली गोपी मडियामी

Bijapur naxalite surrender: बीजापुर में नक्सली गोपी ने आत्मसमर्पण कर दिया. जिसके बाद ईटीवी भारत से उसने आपबीती बताई. गोपी ने बताया कि लाल आतंक ने कैसे उसके जीवन को बर्बाद कर दिया.

Naxalites expressed their pain after surrender
आत्मसमर्पण के बाद नक्सली ने बयां किया अपना दर्द
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Published : Feb 2, 2022, 6:07 PM IST

बीजापुर: लाल आतंक कैसे किसी की जिंदगी बर्बाद कर देता है. इसकी कहानी खुद एक पूर्व नक्सली ने बताई है. कई वर्षों तक नक्सल संगठन से जुड़े रहने के बाद नक्सली गोपी ने सरेंडर कर दिया. दक्षिण पश्चिम बस्तर के बीजापुर में दो दशकों तक नक्सली संगठन में सक्रिय रहे नक्सली नेता ने बीजापुर के विभिन्न दलों में अर्श से लेकर फर्श तक कई महत्वपूर्ण पदों पर हर तरह के दायित्वों का पालन किया. इस दौरान उसे नक्सल विचारधारा में कई तरह की गड़बड़ी दिखाई दी. उसने देखा कि कैसे लाल आतंक हिंसा फैलाकर लोगों की जिंदगी ले रहा है. उसके बाद उसने समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने का फैसला लिया.

भाकपा नक्सली संगठन के गोपी का सरेंडर

आखिरकार साल 2021 में गोपी ने पुलिस बल के सामने हथियार डाल दिया. आत्मसमर्पित नक्सली ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि नक्सली संगठन को मजबूत करने के चक्कर में जीवन तबाह हो गया था. उसने आरोप लगाया कि नक्सली महिलाओं का भी शोषण करते हैं.

यह भी पढ़ें: Daughter raped by father in Bilaspur: बिलासपुर में बेटी से दुष्कर्म करने वाला 'पिता' पहुंचा जेल

ये है पूरी कहानी

साल 2021 के 18 मई को नक्सली गोपी ने सरेंडर किया. उसके बाद नक्सलियों के कमांडर ने जंगल में पर्चे फेंक कर उसे धमकी दी थी. नक्सलियों के एरिया कमेटी के सचिव दिनेश मोडियाम ने प्रेस नोट भी जारी कर समर्पित नक्सली गोपी मोडियाम को गद्दार बताते हुए जन अदालत में सजा देने की बात की थी. सरेंडर करने के बाद नक्सली गोपी को पुलिस की तरफ से सुरक्षा मिली. लेकिन फिर भी कई बार नक्सलियों ने गोपी को निशाना बनाने की कोशिश की. सरेंडर करने के बाद गोपी मड़ियामी ने बताया कि वह बेहतर जीवन जी रहा है.

कई और नक्सलियों ने सरेंडर किया था. लेकिन उनमें से सरेंडर करने वाले नक्सली शिवा को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया.

बीजापुर: लाल आतंक कैसे किसी की जिंदगी बर्बाद कर देता है. इसकी कहानी खुद एक पूर्व नक्सली ने बताई है. कई वर्षों तक नक्सल संगठन से जुड़े रहने के बाद नक्सली गोपी ने सरेंडर कर दिया. दक्षिण पश्चिम बस्तर के बीजापुर में दो दशकों तक नक्सली संगठन में सक्रिय रहे नक्सली नेता ने बीजापुर के विभिन्न दलों में अर्श से लेकर फर्श तक कई महत्वपूर्ण पदों पर हर तरह के दायित्वों का पालन किया. इस दौरान उसे नक्सल विचारधारा में कई तरह की गड़बड़ी दिखाई दी. उसने देखा कि कैसे लाल आतंक हिंसा फैलाकर लोगों की जिंदगी ले रहा है. उसके बाद उसने समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने का फैसला लिया.

भाकपा नक्सली संगठन के गोपी का सरेंडर

आखिरकार साल 2021 में गोपी ने पुलिस बल के सामने हथियार डाल दिया. आत्मसमर्पित नक्सली ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि नक्सली संगठन को मजबूत करने के चक्कर में जीवन तबाह हो गया था. उसने आरोप लगाया कि नक्सली महिलाओं का भी शोषण करते हैं.

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साल 2021 के 18 मई को नक्सली गोपी ने सरेंडर किया. उसके बाद नक्सलियों के कमांडर ने जंगल में पर्चे फेंक कर उसे धमकी दी थी. नक्सलियों के एरिया कमेटी के सचिव दिनेश मोडियाम ने प्रेस नोट भी जारी कर समर्पित नक्सली गोपी मोडियाम को गद्दार बताते हुए जन अदालत में सजा देने की बात की थी. सरेंडर करने के बाद नक्सली गोपी को पुलिस की तरफ से सुरक्षा मिली. लेकिन फिर भी कई बार नक्सलियों ने गोपी को निशाना बनाने की कोशिश की. सरेंडर करने के बाद गोपी मड़ियामी ने बताया कि वह बेहतर जीवन जी रहा है.

कई और नक्सलियों ने सरेंडर किया था. लेकिन उनमें से सरेंडर करने वाले नक्सली शिवा को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया.

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