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बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली दंपती का सरेंडर

बीजापुर में नक्सली ने अपनी पत्नी के साथ सरेंडर किया है.नक्सली के ऊपर लाखों रुपए का इनाम भी था.नक्सली समीर की माने तो उसका संगठन में ही एक महिला नक्सली अनुप्रिया से प्रेम प्रसंग हो गया था. जिसके बाद से ही कमेटी के अन्य सदस्य उसके साथ भेदभावपूर्ण रवैया करने लगे थे. इसलिए उसने खोखली विचारधारा से तंग आकर बीजापुर पुलिस के सामने सरेंडर किया है.

बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली का सरेंडर
बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली दंपती का सरेंडर
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Published : Sep 10, 2022, 1:25 PM IST

Updated : Sep 10, 2022, 4:36 PM IST

बीजापुर : इनामी नक्सली ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया (Naxalite surrender in Bijapur ) है. नक्सली झारखंड रीजनल कमेटी में सक्रिय था. झारखंड के नक्सलियों की नाराजगी और भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण सरेंडर किया है. DIG और एसपी आंजनेय वार्ष्णेय, CRPF अफसरों के सामने नक्सली समीर ने सरेंडर किया (Bijapur police station area) है. नक्सली 13 सालों से संगठन में सक्रिय था. अब तक कुल 12 बड़ी वारदातों में शामिल होने की जानकारी आई है.

बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली दंपती का सरेंडर
बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली दंपती का सरेंडर

कब हुआ था संगठन में भर्ती : आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली जून 2009 में गंगालूर एरिया कमेटी में पीएलजीए सदस्य के पद पर भर्ती हुआ. जहां संगठन में संत्री डयूटी और संदेश लाना ले जाना और पुलिस मुखबीरी का काम करता था. मार्च 2010 में पार्टी सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया. मई 2014 में सीसीएम सुधाकर की गार्ड टीम में एसीएम की पद पर पदोन्नत कर नई जिम्मेदारी दी गई. कुछ दिनों बाद सीसीएम सुधाकर के गार्ड टीम में एसीएम पद के साथ सब जोनल कमेटी सदस्य की नई जिम्मेदारी दी गई. इस दौरान सुधाकर एवं माधवी की टीम के साथ बिहार रीजनल कमेटी क्षेत्र में काम किया. साल 2018 में जेआरसी सदस्य (झारखण्ड रीजनल कमेटी सदस्य) की जिम्मेदारी दी गई . जहां पीबीएम (पोलित ब्यूरो मेंबर) मिसीर बेसरा उर्फ प्रधान उर्फ सागर के साथ काम किया. वर्ष 2018 से 04 मार्च 2022 तक जेआरसी सदस्य के पद पर संगठन में कार्य किया .

बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली का सरेंडर

किन घटनाओं में रहा शामिल : नक्सली घटना में वर्ष 2010 में रेड्डी के जंगलों में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटना, साल 2013 में डीआरजी की पार्टी पर हिरोली के जंगलों में पुलिस पार्टी पर हमला की घटना,वर्ष 2015 में बीआरसी क्षेत्र अन्तर्गत जिला गढ़वा झारखण्ड व छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस माओवादी के बीच मुठभेड़ में शामिल औऱ वर्ष 2016 में बीआरसी क्षेत्र अन्तर्गत जिला लातेहार झारखण्ड के हेनार गांव जंगाल में पुलिस माओवादी मुठभेड़ की घटना,वर्ष 2017 में बीआरसी क्षेत्र के मगध जोन, जेआरसी क्षेत्र के ग्राम रेला, पराल , बोरोये के पहाड़ी जंगल में पुलिस -माओवादी मुठभेड़ में शामिल था. जिसमें 03 पुलिस के जवान घायल हुए थे.

बीजापुर : इनामी नक्सली ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया (Naxalite surrender in Bijapur ) है. नक्सली झारखंड रीजनल कमेटी में सक्रिय था. झारखंड के नक्सलियों की नाराजगी और भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण सरेंडर किया है. DIG और एसपी आंजनेय वार्ष्णेय, CRPF अफसरों के सामने नक्सली समीर ने सरेंडर किया (Bijapur police station area) है. नक्सली 13 सालों से संगठन में सक्रिय था. अब तक कुल 12 बड़ी वारदातों में शामिल होने की जानकारी आई है.

बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली दंपती का सरेंडर
बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली दंपती का सरेंडर

कब हुआ था संगठन में भर्ती : आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली जून 2009 में गंगालूर एरिया कमेटी में पीएलजीए सदस्य के पद पर भर्ती हुआ. जहां संगठन में संत्री डयूटी और संदेश लाना ले जाना और पुलिस मुखबीरी का काम करता था. मार्च 2010 में पार्टी सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया. मई 2014 में सीसीएम सुधाकर की गार्ड टीम में एसीएम की पद पर पदोन्नत कर नई जिम्मेदारी दी गई. कुछ दिनों बाद सीसीएम सुधाकर के गार्ड टीम में एसीएम पद के साथ सब जोनल कमेटी सदस्य की नई जिम्मेदारी दी गई. इस दौरान सुधाकर एवं माधवी की टीम के साथ बिहार रीजनल कमेटी क्षेत्र में काम किया. साल 2018 में जेआरसी सदस्य (झारखण्ड रीजनल कमेटी सदस्य) की जिम्मेदारी दी गई . जहां पीबीएम (पोलित ब्यूरो मेंबर) मिसीर बेसरा उर्फ प्रधान उर्फ सागर के साथ काम किया. वर्ष 2018 से 04 मार्च 2022 तक जेआरसी सदस्य के पद पर संगठन में कार्य किया .

बीजापुर पुलिस के सामने नक्सली का सरेंडर

किन घटनाओं में रहा शामिल : नक्सली घटना में वर्ष 2010 में रेड्डी के जंगलों में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटना, साल 2013 में डीआरजी की पार्टी पर हिरोली के जंगलों में पुलिस पार्टी पर हमला की घटना,वर्ष 2015 में बीआरसी क्षेत्र अन्तर्गत जिला गढ़वा झारखण्ड व छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस माओवादी के बीच मुठभेड़ में शामिल औऱ वर्ष 2016 में बीआरसी क्षेत्र अन्तर्गत जिला लातेहार झारखण्ड के हेनार गांव जंगाल में पुलिस माओवादी मुठभेड़ की घटना,वर्ष 2017 में बीआरसी क्षेत्र के मगध जोन, जेआरसी क्षेत्र के ग्राम रेला, पराल , बोरोये के पहाड़ी जंगल में पुलिस -माओवादी मुठभेड़ में शामिल था. जिसमें 03 पुलिस के जवान घायल हुए थे.

Last Updated : Sep 10, 2022, 4:36 PM IST
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