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बीजापुर में सहायक आरक्षकों का आंदोलन खत्म

बीजापुर में सहायक आरक्षकों का आंदोलन (Auxiliary Constables Movement) दूसरे दिन भी जारी है. 10 थानों के एक हजार जवान आंदोलन कर रहे हैं. सहायक आरक्षक, अलग-अलग मांगों को लेकर नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान हथियार छोड़कर आंदोलन में उतर गए हैं.

The movement of assistant constables continues for the second day
सहायक आरक्षकों का दूसरे दिन भी जारी है आंदोलन
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Published : Dec 10, 2021, 9:39 AM IST

Updated : Dec 10, 2021, 12:25 PM IST

बीजापुर: बीजापुर में पुलिस परिवार के संयोजक उज्ज्वल दीवान ने सहायक आरक्षकों का आंदोलन खत्म करवाया है. दीवान ने जवानों को बताया कि परिवार की प्रतिनिधिमण्डल से सरकार की बात हुई है. सरकार ने पुलिस परिवार से एक महीने का समय मांगा है. एक माह में मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन करेंगे. करीब 2 से 3 घण्टे जवानों को समझाइश के बाद जवानों ने काम पर वापस लौटने का इरादा कर लिया है.

Movement of assistant constables in Bijapur
बीजापुर में सहायक आरक्षकों का आंदोलन

इससे पहले सहायक आरक्षकों का आंदोलन (Auxiliary Constables Movement) दूसरे दिन भी जारी था. पामेड़, कुटरू, फरसेगढ़, मिरतुर समेत करीब 10 थानों से एक हजार जवान आंदोलन कर रहे थे. अलग-अलग मांगों को लेकर नक्सल मोर्चे में तैनात जवान हथियार छोड़ आंदोलन कर रहे थे. SP कमलोचन कश्यप की समझाइश के बाद भी आंदोलन में जवान डटे हुए थे. पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और भाजपा नेता वेंकट गुज्जा आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे. जबकि पूर्व मंत्री को भी जावानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था.

हथियार जमा कर रहे आरक्षक

एसपी कार्यालय के लोहाडोंगरी के पास ही सहायक आरक्षक एकत्रित होकर बैठे हैं. बीते सोमवार को राजधानी रायपुर में अपनी मांगों को लेकर सहायक आरक्षकों के परिवार आंदोलन कर रहे थे. पुलिस की ओर से सहायक आरक्षकों के परिवार के महिलाओं के साथ मारपीट (Women of Family of Assistant Constables Were Beaten UP) और बदसलूकी करने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद से जिले के सहायक आरक्षकों में काफी आक्रोश है. सभी थानों कैंप में पदस्थ सहायक आरक्षक अपने अपने हथियार जिला मुख्यालय में जमा होने लगे हैं.

नक्सली बेंजाम मोहन गिरफ्तार, कैंप पर हमले की साजिश में था शामिल

बीजापुर जिले के अलग अलग थानों में पदस्थ सहायक आरक्षक (Auxiliary Constables) अपने अपने हथियार जमा करने के लिए लाइन लगना शुरू हो गई हैं. अब तक सैकड़ों जवान जिला मुख्यालय के लोह डोंगरी पार्क में जमा हो चुके है. जबकि जवानों के जमा होने का सिलसिला लगातार जारी है. पुलिस के आला अधिकारी लगातार जवानों के साथ बैठक कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं उनके मांगों पर भी गम्भीरता से विचार भी कर रहे हैं. सहायक आरक्षक अपनी मांगों को मनमाने की जिद पर अड़े हैं.

जिले सहायक आरक्षक दिनों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास लोहाडोंगरी में धरने में बैठे हुए थे. आंदोलन देर रात खत्म हो गया है. रायपुर में चले पुलिस परिवार की आंदोलन की दौरान बीजापुर और अन्य जिलों से गए परिवार के लोगों पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज की जाने से नाराज जिले के सहायक आरक्षक अलग-अलग थाना उसने हथियार जमा कर धन पर बैठ गए थे. पुलिस परिवार के संयोजक उज्जवल दीवाने ने धरना को खत्म करने के लिए रायपुर से पहुंच कर खत्म कराया था.

दीवाने ने जवानों को बताया कि परिवार के प्रतिनिधिमंडल से सरकार की किस-किस बात पर चर्चा हुई है. सरकार ने एक महीने का समय मांगा है. दीवान ने जवानों से यह भी कहा कि यदि सरकार मांगों को अनदेखी करती है तो एक महीने बाद उग्र आन्दोलन किया जाएगा.

बीजापुर: बीजापुर में पुलिस परिवार के संयोजक उज्ज्वल दीवान ने सहायक आरक्षकों का आंदोलन खत्म करवाया है. दीवान ने जवानों को बताया कि परिवार की प्रतिनिधिमण्डल से सरकार की बात हुई है. सरकार ने पुलिस परिवार से एक महीने का समय मांगा है. एक माह में मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन करेंगे. करीब 2 से 3 घण्टे जवानों को समझाइश के बाद जवानों ने काम पर वापस लौटने का इरादा कर लिया है.

Movement of assistant constables in Bijapur
बीजापुर में सहायक आरक्षकों का आंदोलन

इससे पहले सहायक आरक्षकों का आंदोलन (Auxiliary Constables Movement) दूसरे दिन भी जारी था. पामेड़, कुटरू, फरसेगढ़, मिरतुर समेत करीब 10 थानों से एक हजार जवान आंदोलन कर रहे थे. अलग-अलग मांगों को लेकर नक्सल मोर्चे में तैनात जवान हथियार छोड़ आंदोलन कर रहे थे. SP कमलोचन कश्यप की समझाइश के बाद भी आंदोलन में जवान डटे हुए थे. पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और भाजपा नेता वेंकट गुज्जा आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे. जबकि पूर्व मंत्री को भी जावानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था.

हथियार जमा कर रहे आरक्षक

एसपी कार्यालय के लोहाडोंगरी के पास ही सहायक आरक्षक एकत्रित होकर बैठे हैं. बीते सोमवार को राजधानी रायपुर में अपनी मांगों को लेकर सहायक आरक्षकों के परिवार आंदोलन कर रहे थे. पुलिस की ओर से सहायक आरक्षकों के परिवार के महिलाओं के साथ मारपीट (Women of Family of Assistant Constables Were Beaten UP) और बदसलूकी करने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद से जिले के सहायक आरक्षकों में काफी आक्रोश है. सभी थानों कैंप में पदस्थ सहायक आरक्षक अपने अपने हथियार जिला मुख्यालय में जमा होने लगे हैं.

नक्सली बेंजाम मोहन गिरफ्तार, कैंप पर हमले की साजिश में था शामिल

बीजापुर जिले के अलग अलग थानों में पदस्थ सहायक आरक्षक (Auxiliary Constables) अपने अपने हथियार जमा करने के लिए लाइन लगना शुरू हो गई हैं. अब तक सैकड़ों जवान जिला मुख्यालय के लोह डोंगरी पार्क में जमा हो चुके है. जबकि जवानों के जमा होने का सिलसिला लगातार जारी है. पुलिस के आला अधिकारी लगातार जवानों के साथ बैठक कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं उनके मांगों पर भी गम्भीरता से विचार भी कर रहे हैं. सहायक आरक्षक अपनी मांगों को मनमाने की जिद पर अड़े हैं.

जिले सहायक आरक्षक दिनों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास लोहाडोंगरी में धरने में बैठे हुए थे. आंदोलन देर रात खत्म हो गया है. रायपुर में चले पुलिस परिवार की आंदोलन की दौरान बीजापुर और अन्य जिलों से गए परिवार के लोगों पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज की जाने से नाराज जिले के सहायक आरक्षक अलग-अलग थाना उसने हथियार जमा कर धन पर बैठ गए थे. पुलिस परिवार के संयोजक उज्जवल दीवाने ने धरना को खत्म करने के लिए रायपुर से पहुंच कर खत्म कराया था.

दीवाने ने जवानों को बताया कि परिवार के प्रतिनिधिमंडल से सरकार की किस-किस बात पर चर्चा हुई है. सरकार ने एक महीने का समय मांगा है. दीवान ने जवानों से यह भी कहा कि यदि सरकार मांगों को अनदेखी करती है तो एक महीने बाद उग्र आन्दोलन किया जाएगा.

Last Updated : Dec 10, 2021, 12:25 PM IST

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