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तखतपुर में जयस ने मनाई बिरसा मुंडा की जयंती

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में जय आदिवासी युवा संगठन ने बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती मनाई.

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में जयस ने मनाया बिरसा मुंडा का 144वां जयंती
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Published : Nov 15, 2019, 11:58 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 1:27 AM IST

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) ने शुक्रवार को बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती मनाई. वहीं जयस अध्यक्ष ने आदिवासी कल्याण फंड ना मिलने पर प्रशासन पर आरोप भी लगाए है.

जय आदिवासी युवा संगठन ने बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती मनाई

जयस अध्यक्ष ने लगाया प्रशासन पर आरोप
बता दें कि आदिवासियों के इतिहास के क्रांतिकारी, युवा समाजसेवी, क्रांतीवीर बिरसा मुंडा का 144वां जयंती ग्रामीण युवाओं और बच्चों ने पारम्परिक रीति-रिवाज और धर्म संस्कृति के साथ बड़े उत्साह से मनाया.

आदिवासी युवाओं में नाराजगी
देश में जहां एक ओर किसी भी क्रांतिकारी के जयंती पर शासन-प्रशासन की ओर से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिेए सहयोग दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर आदिवासियों के युवा क्रांतिकारी के जयंती पर प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिलने से तखतपुर क्षेत्र के आदिवासी युवाओं में नाराजगी है.

पढ़े: रायपुर : बोरे में बंद मिला युवक का शव, गले में मिले वार के निशान

भारतीय आदिवासियों के साथ छत्तीसगढ़ को आदिवासियों का गढ़ माना जाता है, लेकिन क्षेत्र में आदिवासी विकास पर उनके अनुयायी के लिए सर्वसुविधा नहीं मिल पा रही है, जहां क्रांतिकारी समाज के युवा क्रांतिवीर ने समाज के लिए 25 साल की उम्र में समाज के प्रति निष्ठावान रहें और आदिवासियों के हक के लिए आंदोलन किए, जागरूकता अभियान चलाए. आदिवासी विकास का नींव डाली. ऐसे महान युवा क्रांतिकारी के जयंती पर शासन-प्रशासन की ओर से ग्रामीण आदिवासियों को सिर्फ 9 अगस्त के दिन विश्व आदिवासी दिवस मनाने का संयुक्त राष्ट्र संघ से अधिकार मिल पाया है, लेकिन आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और महान वीर योद्धा के नाम पर गुढ़ी विकास का कार्य शून्य है.

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) ने शुक्रवार को बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती मनाई. वहीं जयस अध्यक्ष ने आदिवासी कल्याण फंड ना मिलने पर प्रशासन पर आरोप भी लगाए है.

जय आदिवासी युवा संगठन ने बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती मनाई

जयस अध्यक्ष ने लगाया प्रशासन पर आरोप
बता दें कि आदिवासियों के इतिहास के क्रांतिकारी, युवा समाजसेवी, क्रांतीवीर बिरसा मुंडा का 144वां जयंती ग्रामीण युवाओं और बच्चों ने पारम्परिक रीति-रिवाज और धर्म संस्कृति के साथ बड़े उत्साह से मनाया.

आदिवासी युवाओं में नाराजगी
देश में जहां एक ओर किसी भी क्रांतिकारी के जयंती पर शासन-प्रशासन की ओर से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिेए सहयोग दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर आदिवासियों के युवा क्रांतिकारी के जयंती पर प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिलने से तखतपुर क्षेत्र के आदिवासी युवाओं में नाराजगी है.

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भारतीय आदिवासियों के साथ छत्तीसगढ़ को आदिवासियों का गढ़ माना जाता है, लेकिन क्षेत्र में आदिवासी विकास पर उनके अनुयायी के लिए सर्वसुविधा नहीं मिल पा रही है, जहां क्रांतिकारी समाज के युवा क्रांतिवीर ने समाज के लिए 25 साल की उम्र में समाज के प्रति निष्ठावान रहें और आदिवासियों के हक के लिए आंदोलन किए, जागरूकता अभियान चलाए. आदिवासी विकास का नींव डाली. ऐसे महान युवा क्रांतिकारी के जयंती पर शासन-प्रशासन की ओर से ग्रामीण आदिवासियों को सिर्फ 9 अगस्त के दिन विश्व आदिवासी दिवस मनाने का संयुक्त राष्ट्र संघ से अधिकार मिल पाया है, लेकिन आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और महान वीर योद्धा के नाम पर गुढ़ी विकास का कार्य शून्य है.

Intro:तखतपुर विधान सभा क्षेत्र में जयस द्वारा मनाया गया विरसा मुंडा का 144वां जयंती । जय आदिवासी युवा संगठन अध्यक्ष ने लगाया आदिवासी कल्याण फण्ड ना मिलने का आरोप ।Body:आपको बता दें कि आदिवासियों के इतिहास के क्रांतिकारी ,युवा समाजसेवी ,क्रांतीवीर बिरसा मुंडा का युवाओं बच्चों ने बड़े उत्साह से मनाया । ग्रामीण युवक पारम्परिक रिति रिवाज धर्म संस्कृति के साथ आदिवासी युवा क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा का 144वां जयंती में छत्तीसगढ़ शासन पर आदिवासियों के साथ हो रहे आर्थिक भेदभाव का आरोप लगाया । जिस देश में अन्य क्रांतिकारी जयंती पर शासन प्रशासन द्वारा कार्यक्रम सफल बनाने सहयोग दिया जाता है ,वहीं आदिवासियों के युवा क्रान्तिकारी के जयंती में शासन प्रशासन द्वारा सहयोग नहीं देने से तखतपुर क्षेत्र के आदिवासी युवाओं को ठेस पहुंचा। भारतीय आदिवासियों के साथ छत्तीसगढ़ को आदिवासियों का गढ़ माना जाता है परन्तु क्षेत्र में आदिवासी विकास पर उनके अनुयायी के लिए सर्व सुविधा नहीं मिल पा रहा है, अपने इतिहास के क्रांतिकारी समाज के युवा क्रांतिवीर समाज के लिए 25 वर्ष की उम्र में समाज के प्रति निष्ठावान रहे और आदिवासी हक के लिए आंदोलन किया जागरूकता अभियान चलाया। आदिवासी विकास का नींव डाली। ऐसे महान युवा क्रान्तिकारी के जयंती पर शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीण आदिवासियों को केवल नौ अगस्त विश्व आदिवासी दिवस मनाने संयुक्त राष्ट्र संघ से अधिकार मिला है परन्तु आदिवासियों के सामाजिक आर्थिक राजनीतिक एवं महान वीर योद्धा के नाम पर ,धार्मिक देव गुढी विकास शून्य है। Conclusion:जय आदिवासी युवा संगठन अध्यक्ष का बाइट।
सदस्य का बाइट।
रिपोर्ट नरेन्द्र ध्रुव तखतपुर बिलासपुर छत्तीसगढ़।
Last Updated : Nov 16, 2019, 1:27 AM IST
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