बीजापुर: नक्सलियों ने इंजीनियर अशोक पवार और राज मिस्त्री आनंद यादव को मंगलवार को रिहा कर दिया था. उसके बाद उन्होंने बीजापुर पहुंचने पर बीजापुर के सीएएफ कैंप में रात बिताई. बुधवार को इंजीनियर अशोक पवार अपने परिवार से मिले. पत्नी और बच्चों को मिलकर अशोक भावुक हो गए. उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. इंजीनियर की बेटी पापा-पापा चिल्लाते हुए उनसे लिपट गई. इस दौरान उनकी पत्नी की आंखों में भी आंसू आ गए. राजमिस्त्री आनंद यादव भी परिवार से मिलकर भावुक हो गए. अशोक पवार की पत्नी ने मीडिया कर्मियों का आभार जताया
नक्सलियों ने नहीं की कोई मारपीट
इंजीनियर ने बताया कि नक्सलियों ने उनके साथ कोई मारपीट नहीं की है. उन्होंने बताया कि हम सकुशल हैं. इंजीनियर से पुलिस के आलाधिकारी आज बातचीत और पूछताछ करेंगे. दोनों को अगवा किये जाने के कारण का भी अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. हालांकि मुखबिरी के शक के चलते दोनों के अगवा किये जाने की आशंका जताई जा रही है. नक्सलियों ने उनसे क्या पूछा और क्या कुछ अल्टीमेटम दिया, इसका भी अभी तक खुलासा नहीं हुआ है.
बीजापुर इंजीनियर अशोक पवार अपहरण कांड: विधायक विक्रम शाह मंडावी की नक्सलियों से अपील
नक्सली आंख पर पट्टी बांधकर रखते थे-अशोक पवार
बंधक रहे इंजीनियर अशोक पवार और राजमिस्त्री आनंद यादव ने बताया कि नक्सली उनकी आंखों पर काली पट्टी बांधकर रखते थे. वह लगातार ठिकाना बदलते रहते थे. नक्सली उन्हें लगातार जंगलों में घुमाते रहते थे.अशोक पवार ने बताया कि नक्सली हर दिन दोनों से पूछताछ करते थे. दोनों के बारे में नक्सलियों ने पूरी जानकारी जुटाई. बंधक रहते नक्सलियों ने अशोक पवार को बताया कि उनके गांव और घर तक नक्सलियों ने पड़ताल की. जिसके बाद साफ छवि पाकर उन्हें रिहा करने का फैसला लिया. रिहाई के दौरान नक्सलियों ने ये हिदायत दी कि, अब वे नक्सली इलाकों में काम नही करें और बेदरे पुल का काम छोड़कर चले जाएं.