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बीजापुर: प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी, कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए निर्देश - पेयजल व्यवस्था के निर्देश

बीजापुर में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभा कक्ष में कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में संबंधित विभागों को जिम्मेदारियां दी गईं और कमर कसने के निर्देश दिए गए.

Bijapur Collector gave instructions to officers to deal with natural disasters
प्राक़तिक आपदाओं को लेकर बैठक
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Published : Jun 5, 2020, 11:05 AM IST

बीजापुर: जिले में बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए गठित आपदा प्रबंधन समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभा कक्ष में कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई. बैठक में आगामी मानसून में बाढ़ और बारिश से उत्पन्न विपत्तियों से निपटने की तैयारियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में जिला और तहसीलस्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित आपदा प्रबंधन के लिए कार्य योजना के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया.

बैठक में कार्ययोजना के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सौंपे गए दायित्व की समीक्षा की गई. बैठक में अनुविभागीय दण्डाधिकारी और प्रभारी आपदा प्रबंधन ए.आर.राणा ने बताया कि बाढ़ और नैसर्गिक विपत्तियों में निपटने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है. इसी तरह पर तहसील स्तर कक्ष की स्थापना किए जाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए. बैठक में विपत्तियों से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है. इसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम को पहुंच विहीन क्षेत्रों में बाढ़ की हालत में जहां पहुंच पाना संभव नहीं होता है. वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री नमक, केरोसीन, जीवन रक्षक दवाएं आदि पहले से ही संग्रहित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल व्यवस्था के निर्देश

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पेयजल की शुद्धता रखते हुए, कुआं, हैण्डपंप और अन्य पेयजल स्त्रोतों के लिए ब्लीचिंग पाउडर इत्यादि की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए, जिन क्षेत्रों में हर साल बाढ़ आती है. उन क्षेत्रों में पूरी निगरानी रखने की विशेष व्यवस्था की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे क्षेत्र के लोेगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और ठहरने के लिए कैम्प आदि की सम्पूर्ण कार्य योजना तैयार कर आवश्यक कार्रवाई करने की जिम्मेदारी तहसीलदारों को दी गई है.

नगर पालिका अधिकारी को साफ-सफाई के निर्देश

इधर नगर सेना को जिम्मेदारी दी गई है कि वे बाढ़ से बचाव से संबंधित जो भी उपकरण जिले में उपलब्ध है उन्हें ठीक करवाए. नागरीय विभाग के नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्र में नाले-नालियों की निरंतर साफ-सफाई करवाए. नगरीय क्षेत्र में जर्जर भवनों की पहचान कर जरूरत के अनुसार मानसून के दौरान भवनों की निगरानी करें.

पढ़ें- बीजापुर: पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप, यहां दूसरी बीमारी पसार रही पांव

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को भी दी गई जिम्मेदारी

इसके साथ ही उन मकानों में रह रहे परिवारों को कहीं दूसरी जगह बसाए जाने की व्यवस्था करें. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी ये होगी कि बाढ़ की हालत में संक्रामण बीमारियों की संभावनाओं को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल का गठन कर आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करें. बैठक में अनुविभागीय दण्डाधिकारी डाॅ. हेमेन्द्र भूआर्य, ए आर राणा, सुरेन्द्र ठाकुर सहित सभी तहसीलदार, नगरपालिका अधिकारी और जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद रहे.

बीजापुर: जिले में बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए गठित आपदा प्रबंधन समिति की बैठक जिला कार्यालय के सभा कक्ष में कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई. बैठक में आगामी मानसून में बाढ़ और बारिश से उत्पन्न विपत्तियों से निपटने की तैयारियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में जिला और तहसीलस्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित आपदा प्रबंधन के लिए कार्य योजना के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया.

बैठक में कार्ययोजना के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सौंपे गए दायित्व की समीक्षा की गई. बैठक में अनुविभागीय दण्डाधिकारी और प्रभारी आपदा प्रबंधन ए.आर.राणा ने बताया कि बाढ़ और नैसर्गिक विपत्तियों में निपटने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है. इसी तरह पर तहसील स्तर कक्ष की स्थापना किए जाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए. बैठक में विपत्तियों से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है. इसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम को पहुंच विहीन क्षेत्रों में बाढ़ की हालत में जहां पहुंच पाना संभव नहीं होता है. वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री नमक, केरोसीन, जीवन रक्षक दवाएं आदि पहले से ही संग्रहित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल व्यवस्था के निर्देश

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पेयजल की शुद्धता रखते हुए, कुआं, हैण्डपंप और अन्य पेयजल स्त्रोतों के लिए ब्लीचिंग पाउडर इत्यादि की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए, जिन क्षेत्रों में हर साल बाढ़ आती है. उन क्षेत्रों में पूरी निगरानी रखने की विशेष व्यवस्था की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे क्षेत्र के लोेगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और ठहरने के लिए कैम्प आदि की सम्पूर्ण कार्य योजना तैयार कर आवश्यक कार्रवाई करने की जिम्मेदारी तहसीलदारों को दी गई है.

नगर पालिका अधिकारी को साफ-सफाई के निर्देश

इधर नगर सेना को जिम्मेदारी दी गई है कि वे बाढ़ से बचाव से संबंधित जो भी उपकरण जिले में उपलब्ध है उन्हें ठीक करवाए. नागरीय विभाग के नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्र में नाले-नालियों की निरंतर साफ-सफाई करवाए. नगरीय क्षेत्र में जर्जर भवनों की पहचान कर जरूरत के अनुसार मानसून के दौरान भवनों की निगरानी करें.

पढ़ें- बीजापुर: पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप, यहां दूसरी बीमारी पसार रही पांव

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को भी दी गई जिम्मेदारी

इसके साथ ही उन मकानों में रह रहे परिवारों को कहीं दूसरी जगह बसाए जाने की व्यवस्था करें. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी ये होगी कि बाढ़ की हालत में संक्रामण बीमारियों की संभावनाओं को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल का गठन कर आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करें. बैठक में अनुविभागीय दण्डाधिकारी डाॅ. हेमेन्द्र भूआर्य, ए आर राणा, सुरेन्द्र ठाकुर सहित सभी तहसीलदार, नगरपालिका अधिकारी और जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद रहे.

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