बेमेतरा: नवागढ ब्लॉक के नगर पंचायत मारो से सटे भिलौनी मार्ग से शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर बुधवार को भिलौनी गांव के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया. महिलाएं और पुरुष शराब दुकान के बाहर धरने पर बैठ गए. मामले में आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी शाम तक ग्रामीणों को मनाने में लगे रहे. वहीं ग्रामीण अपनी मांग पर अडिग रहे. जिससे धरना के बाद कोई निर्णय नहीं हो पाया और बातचीत बेनतीजा रही.
आखिर क्या है पूरा मामला ?
पूरा मामला जिले में नगर पंचायत मारो से सटे भिलौनी मार्ग का है. जहां प्रशासन शराब दुकान का संचालन कर रहा है. ग्रामीण गांव के मुख्य मार्ग में शराब दुकान के संचालन का विरोध कर रहे हैं. जिन्हें आसपास कें गांव के ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं. फरवरी महीने में जब ग्रामीणों ने शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर जमीन पर अड़े थे. तब जिला प्रशासन ने आनन फानन में अपना दामन बचने ग्रामीणों के साथ 18 फरवरी को जिला कलेक्टोरेट परिसर में बैठक की थी. जिसमें जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से 3 महीने का समय मांगा था. 3 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने जब शराब दुकान नहीं हटाया. जिसके बाद ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया. शराब दुकान के बाहर बड़ी संख्या में महिलाएँ बैठ गई. जिसे देखते हुए आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की.
रायपुर पुलिस के 'मास्क अप रायपुर' अभियान का समापन
आखिर ग्रामीणों ने क्यों शुरू किया विरोध
मामले में भिलौनी के ग्रामीणों के कहना है कि गांव के मार्ग के शराब दुकान का संचालन हम नहीं करने देंगे. इसी मार्ग से स्कूली बच्चे स्कूल आते जाते हैं. वहीं शराब दुकान के संचालन से उन पर गलत असर पड़ेगा. गांव के निकट में शराब दुकान होने से बच्चो में शराब की लत होगी. समाज मे अराजकता का माहौल बनेगा.वहीं ग्रामीण शराब दुकान का संचालन दूसरे जगह करना चाहते हैं.
अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण में 10 प्रतिशत की सीमा शिथिल करने का कई परिवारों को मिला लाभ
कोरोना के कारण वादा नहीं हुआ पूरा: आबकारी अधिकारी
मामले में क्षेत्रीय आबकारी अधिकारी ने कहा की ग्रामीणों को 3 माह बाद शराब दुकान हटाने आश्वासन दिया गया था. कोरोना काल के कारण काम प्रभावित हुए हैं. दूसरे स्थान का चयन नहीं किया जा सका है. आगामी दिनों में बदलाव संभव है.