ETV Bharat / state

बेमेतरा: डेढ़ महीने में 84 लोग हुए सांप-बिच्छू के शिकार - बेमेतरा न्यूज अपडेट

बेमेतरा के जिला अस्पताल में सांप और बिच्छू के साथ ही जहरीले जीव के काटने से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ग्रामीणों की झाड़-फूंक से इलाज की वजह से लोगों की जान तक चली जाती है.

अस्पतालों में सर्पदंश के बढ़ रहे मरीज
author img

By

Published : Sep 17, 2019, 4:51 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 6:54 PM IST

बेमेतरा: जिले में बारिश के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है. उमस से सांप, बिच्छू और जहरीले जीव अपने ठिकानों से निकल कर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. अस्पताल में रोजाना जहरीले जीव के काटने से पीड़ित इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

अस्पताल में मौजूद हैं संबंधित दवाएं

जिला अस्पताल के आंखड़ों के हिसाब से 1 अगस्त से लेकर 15 सितंबर तक (डेढ़ महीने) में 84 ऐसे मरीज हैं, जो सांप और बिच्छू के दंश के शिकार हुए हैं. इनमें से 30 मरीज गंभीर पाए गए जिन्हें रायपुर रेफर किया गया है. ज्यादातर मरीज किसान हैं, जो कृषि कार्य करने के दौरान जहरीले जीव जंतुओं के शिकार हुए हैं.

अस्पतालों में सर्पदंश के बढ़ रहे मरीज
किसान और मजदूर गांवों में अंधविश्वास होने के कारण मरीज को अस्पताल की जगह झाड़-फूंक से उपचार कराते है और उनकी जान चली जाती है. पीड़िता रेखा रजक (30) निवासी सीतापार सनकपाट को सांप ने खेत में डस लिया था, वहीं सरोज साहू (40) निवासी रांका कठियां को निंदाई करने के दौरान बिच्छू ने डंक मारा था लिया था.

पढ़े:छात्रावास के खाने में निकला केंचुआ, अधीक्षिका ने कहा- छोटी-मोटी गलतियां हो जाती हैं

अस्पताल में मौजूद हैं संबंधित दवाएं
मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश शर्मा ने बताया कि 'बरसात के मौसम में ऐसे मामले ज्यादा आते हैं. इस तरह के केस में मरीज को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए. शासकीय चिकित्सालय में इससे संबंधित दवाएं उपलब्ध हैं.

बेमेतरा: जिले में बारिश के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है. उमस से सांप, बिच्छू और जहरीले जीव अपने ठिकानों से निकल कर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. अस्पताल में रोजाना जहरीले जीव के काटने से पीड़ित इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

अस्पताल में मौजूद हैं संबंधित दवाएं

जिला अस्पताल के आंखड़ों के हिसाब से 1 अगस्त से लेकर 15 सितंबर तक (डेढ़ महीने) में 84 ऐसे मरीज हैं, जो सांप और बिच्छू के दंश के शिकार हुए हैं. इनमें से 30 मरीज गंभीर पाए गए जिन्हें रायपुर रेफर किया गया है. ज्यादातर मरीज किसान हैं, जो कृषि कार्य करने के दौरान जहरीले जीव जंतुओं के शिकार हुए हैं.

अस्पतालों में सर्पदंश के बढ़ रहे मरीज
किसान और मजदूर गांवों में अंधविश्वास होने के कारण मरीज को अस्पताल की जगह झाड़-फूंक से उपचार कराते है और उनकी जान चली जाती है. पीड़िता रेखा रजक (30) निवासी सीतापार सनकपाट को सांप ने खेत में डस लिया था, वहीं सरोज साहू (40) निवासी रांका कठियां को निंदाई करने के दौरान बिच्छू ने डंक मारा था लिया था.

पढ़े:छात्रावास के खाने में निकला केंचुआ, अधीक्षिका ने कहा- छोटी-मोटी गलतियां हो जाती हैं

अस्पताल में मौजूद हैं संबंधित दवाएं
मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश शर्मा ने बताया कि 'बरसात के मौसम में ऐसे मामले ज्यादा आते हैं. इस तरह के केस में मरीज को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए. शासकीय चिकित्सालय में इससे संबंधित दवाएं उपलब्ध हैं.

Intro:एंकर-जिले में बारिश और उमस से अपने ठिकानों से बाहर निकले सांप बिच्छू व जहरीले जीव जंतु लोगो को अपना निशाना बना रहे है।इनके काटने की घटनाएं बढ़ गयी है जिला अस्पताल में रोजाना एक दो पीड़ित इलाज कराने पहुँच रहे है। जिला अस्पताल के आंकड़ों की माने तो 1 अगस्त से लेकर 15 सितम्बर तक यानी डेढ़ माह में 84 मरीज सर्प बिच्छु दंश के शिकार होकर अस्पताल पहुँचे है जिसमे 30 को गंभीर हालत में रायपुर रिफर गया है ।Body:बता दे कि इन दिनों जिला अस्पताल में सर्प और बिच्छू के दंश से संबंधित मरीज अधिकतर पहुँच रहे है। कृषि प्रधान जिला होने के कारण यहां के लोग कृषक समुदाय से आते है जो खेती किसानी के कार्य मे खेत जाते है और वहाँ उन्हें सर्प दंश का शिकार होना पडता हैं।
(अंधविश्वास बनी मुसीबत)
सर्प बिच्छु के दंश का शिकार अधिकतर कृषि कार्य करने निंदाई गुणाई के लिए खेतो में गए किसान एवम मजदूर बन रहे है जिन्हें आज भी गावो में अंधविश्वास के कारण झाड़ -फूक के जरिये गांव में ही बैगा से उपचार कराया जाता है और उनकी जान चली जाती है।Conclusion:जिला अस्पताल में सर्प दंश के मामले बढ़े है और आये दिन सर्प-बिच्छु से पीड़ित जिला अस्पताल पहुँच रहे है। अस्पताल में पीड़ित रेखा रजक 30 वर्ष निवासी सीतापार सनकपाट खेत मे सर्प ने डस लिया एवम सरोज साहू 40 वर्ष निवासी रांका कठियाँ को खेत मे निंदाई कार्य करते समय बिच्छु ने काटा ऐसे तमाम घटनाये बढ़ रही है।
मुख्य स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बरसात के मौसम को देखते हुए ऐसे केश ज्यादा आते है । यदि सर्प या बिच्छु काटे तो तत्काल नजदीकी शासकीय चिकित्सालय में ले जाये जहाँ तत्काल उपचार हो जाये और जहर फैल न पाए जिससे मरीजो को बचाया जा सके जिला अस्पताल में इससे संबंधित दवाएं उपलब्ध है।
बाईट-डॉ सतीश शर्मा सीएचएमओ बेमेतरा
Last Updated : Sep 17, 2019, 6:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.