बेमेतरा: धान खरीदी के दौरान 102 सहकारी समितियों के अन्तर्गत 113 धान उपार्जन केन्द्रों में अब तक 4 लाख 26 हजार 863 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. वहीं धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी और परिवहन की समस्या को लेकर पूर्व सहकारिता मंत्री दयाल दास बघेल ने सवाल खड़े किए हैं.
धान खरीदी में बारदाना और परिवहन बनी समस्या
जिले में धान खरीदी के बीच बारदाना और परिवहन की समस्या लगातार बनी हुई है, जो धान खरीदी को लगातार प्रभावित कर रही है. पूर्व में किसानों से 50 फीसदी बारदाना लेने की बात कही गई थी, लेकिन अब किसानों से 80 से 100 बारदाना लेकर उनके धान की खरीदी की जा रही है. दूसरी सबसे बड़ी समस्या परिवहन की है, जिले में लगभग 60 फीसदी धान की खरीदी हो चुकी है, लेकिन धीमी गति से उठाव का काम किया जा रहा है. इससे धान खरीदी केंद्रों में बफर स्टॉक होने के कारण खरीदी प्रभावित हो रही है.
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पिछले वर्ष के बारदानों का नहीं हुआ भुगतान
पिछले साल बारदाना संकट के समय सरकार ने किसानों के बारदाने में ही धान खरीदी की थी और बदले में उन्हें राशि देने की बात कही थी. जिले के 54 सेवा सहकारी समितियों के किसानों से कुल 10 लाख 85 हजार 757 बारदाना किसानों से लिया गया था. उसमें शासन की ओर से निर्धारित प्रति बोरी 12 रुपए की दर से शुल्क दिए जाने की बात कही गई थी. इसके अलावा अन्य समितियों के जरिए एकत्रित किए गए बारदानों के 91 लाख 42 हजार की राशि किसानों को देनी बाकी है. इस लिहाज से जिले में बारदाने के 2 करोड़ से अधिक की राशि अभी किसानों और समितियों को देना बकाया है.
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बारदाना संकट पर गरमाई राजनीति
धान खरीदी खत्म होने में महज 20 दिन बचे हैं और लगभग 60 फीसदी धान की खरीदी हो चुकी है. वहीं धान खरीदी केंद्रों में हो रहे बारदाना संकट के बीच जिले में राजनीति गरमा गई है और अब भाजपा को कांग्रेस पर आरोप लगाने का सुनहरा मौका मिल गया है. भाजपा ने बारदाना संकट को लेकर 13 जनवरी से 22 जनवरी तक जिलास्तरीय प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल ने धान खरीदी को लेकर बारदाना संकट और भुगतान को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.