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यहां भोले के दर्शन को पार करनी पड़ती है 2 नदियां, इस कहते हैं छग का 'सोमनाथ' - shivling size is increasing somnath

भोल के दर्श्न को इस मंदिर में पहुंचने के लिए दो नदियों को पार करना होता है. सावन भर यहां भक्तों का मेला लगा रहता है. शिवलिंग का बढ़ता आकार भी लोगों के लिए उत्सुकता का विषय है.

मंदिर पहुंचने के लिए पार करनी होती है दो नदियां
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Published : Aug 12, 2019, 2:54 PM IST

Updated : Aug 12, 2019, 5:34 PM IST

बेमेतरा : क्या आप छत्तीसगढ़ के भगवान सोमनाथ को जानते हैं ? जहां सावनभर शिव के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. जी हां, छतीसगढ़ का सोमनाथ धाम जो रायपुर के सिमगा के पास शिवनाथ-खारून के किनारे स्थित है.

मंदिर पहुंचने के लिए पार करनी होती है दो नदियां

पुजारी की 18वीं पीढ़ी कर रही पूजा-अर्चना
भक्तों का कहना है कि बेलपत्रों से घिरे हुए बगीचे के बीच बसे इस शिव मंदिर के शिवलिंग का आकार लगातार बढ़ता रहा है, जो लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. बताया जाता है कि ये शिवलिंग हजारों साल पुराना है.

shivling size is increasing in somnath dham chhattisgarh
हजारों साल पुराने शिवलिंग का लगातार बढ़ रहा आकार

पुजारी की 18वीं पीढ़ी पूजा-अर्चना कर रही है.
नदी के तट और बगीचे की वजह से ये जगह बेहद ही सुंदर और मनमोहक है. इस मंदिर में शिवलिंग के बढ़ते आकार और सुंदर वातावरण की वजह से यहां श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन करने पहुंचते हैं. सावन भर यहां भक्तों का मेला लगा रहता है.

shivling size is increasing in somnath dham chhattisgarh
सावन भर लगा रहता है भक्तों का रेला

पढ़ें-अंतिम सावन सोमवार को भोरमदेव में जलाभिषेक करने पहुंचे 10 हजार कांवरिए

मंदिर पहुंचने के लिए पार करना पड़ता है संगम
इस मंदिर में पहुंचने के लिए दो नदियों को पार करना होता है. मंदिर के आस-पास मछुआरों का समूह पर्यटकों को संगम के पार मंदिर पहुंचाते हैं. यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है.

shivling size is increasing in somnath dham chhattisgarh
पुजारी की 18वीं पीढ़ी कर रही पूजा-अर्चना

पढ़ें-बिलासपुर : आखिरी सावन सोमवार को जलाभिषेक करने शिवालयों में लगा भक्तों का तांता

आस्था का प्रतीक
श्रद्धालु धनराज साहू ने बताया कि वो सात साल से लगातार मंदिर आ रहे हैं और शिवलिंग की बढ़ती ऊंचाई आस्था का केंद्र है. कांवरिया राजाराम निषाद ने कहा कि, 'हम सावन में जल अर्पण करने यहा लगातार पांच सालों से आ रहे हैं. मंदिर में सावन भर रामचरित मानस का पाठ होता है.

बेमेतरा : क्या आप छत्तीसगढ़ के भगवान सोमनाथ को जानते हैं ? जहां सावनभर शिव के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. जी हां, छतीसगढ़ का सोमनाथ धाम जो रायपुर के सिमगा के पास शिवनाथ-खारून के किनारे स्थित है.

मंदिर पहुंचने के लिए पार करनी होती है दो नदियां

पुजारी की 18वीं पीढ़ी कर रही पूजा-अर्चना
भक्तों का कहना है कि बेलपत्रों से घिरे हुए बगीचे के बीच बसे इस शिव मंदिर के शिवलिंग का आकार लगातार बढ़ता रहा है, जो लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. बताया जाता है कि ये शिवलिंग हजारों साल पुराना है.

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हजारों साल पुराने शिवलिंग का लगातार बढ़ रहा आकार

पुजारी की 18वीं पीढ़ी पूजा-अर्चना कर रही है.
नदी के तट और बगीचे की वजह से ये जगह बेहद ही सुंदर और मनमोहक है. इस मंदिर में शिवलिंग के बढ़ते आकार और सुंदर वातावरण की वजह से यहां श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन करने पहुंचते हैं. सावन भर यहां भक्तों का मेला लगा रहता है.

shivling size is increasing in somnath dham chhattisgarh
सावन भर लगा रहता है भक्तों का रेला

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मंदिर पहुंचने के लिए पार करना पड़ता है संगम
इस मंदिर में पहुंचने के लिए दो नदियों को पार करना होता है. मंदिर के आस-पास मछुआरों का समूह पर्यटकों को संगम के पार मंदिर पहुंचाते हैं. यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है.

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पुजारी की 18वीं पीढ़ी कर रही पूजा-अर्चना

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आस्था का प्रतीक
श्रद्धालु धनराज साहू ने बताया कि वो सात साल से लगातार मंदिर आ रहे हैं और शिवलिंग की बढ़ती ऊंचाई आस्था का केंद्र है. कांवरिया राजाराम निषाद ने कहा कि, 'हम सावन में जल अर्पण करने यहा लगातार पांच सालों से आ रहे हैं. मंदिर में सावन भर रामचरित मानस का पाठ होता है.

Intro:एंकर-छतीसगढ़ का सोमनाथ जी हाँ हम बात कर रहे छतीसगढ़ के सोमनाथ धाम की जो रायपुर जिले के सिमगा के निकट शिवनाथ -खारुन के संगम तट पर स्थित है। बेलपत्रों से आच्छादित बगीचे में मध्य शिव मंदिर के शिवलिंग लगातार बढ़ते क्रम में है जो लोगो के आस्था के केंद्र है। शिवलिंग हज़ारो वर्ष प्राचीन है पुजारी की 18 वा वंश वर्तमान में पूजा कर रहा है।Body:संगम तट और बगीचे के कारण यह बेहद सुरम्य एवम मनोहारी स्थान है ।शिवलिंग हज़ारो वर्षो पुराना है इसकी लगातार बढ़ती ऊँचाई लोगो के आस्था का केंद्र बनी हुई है सावन भर यहाँ मेला लगता है और रविवार सोमवार को भीड़ देखने को मिलती है मंदिर के आसपास मछुआरों का समूह रहता है जो पर्यटको को संगम पार करा मंदिर पहुँचाते है। पास हो गार्डन है जहाँ बच्चे खेलते है यहाँ के मंदिर से बंदरो का पुराना नाता है जो बेहद निडर और लोगो के बीच मे रहते है ।धीरे धीरे यह मंदिर वृहद होते जा रही है रायपुर सिमगा बेमेतरा बलौदाबाजार जिले के श्रदालु यहाँ पहुँचते है।Conclusion:सोमनाथ सिमगा से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित है बेमेतरा जिले के दर्शनार्थी नदी के दूसरे पाट पर बसे ग्राम किरितपुर से नाव में बैठकर सोमनाथ जाते है मंदिर में श्रद्धालु धनराज साहू ने बताया कि 7 वर्षो से लगातार मंदिर आ रहे शिवलिंग की बढ़ती ऊँचाई आस्था का केंद्र है वही काँवरिया राजाराम निषाद ने कहा कि हम सावन में जल अर्पण करने यहा लगातार 5 वर्षो से आ रहे है।मंदिर में सावन भर रामचरित मानस पाठ होता है एवम मंदिर में मुख्य मंदिर के अलावा राम कृष्ण हनुमान की मंदिर है मुख्य मंदिर के सीध में नंदी विराजमान है ।
बाईट-राजाराम निषाद काँवरिया
बाईट-धनराज साहू श्रदालू
Last Updated : Aug 12, 2019, 5:34 PM IST
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