बेमेतरा: बेमौसम बारिश से धान उपार्जन केंद्रों में पड़े हजारों क्विंटल धान भीग रहे हैं. जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी खत्म हुए महीनों हो गया है, लेकिन अब भी हजारों क्विंटल धान का परिवहन नहीं हो पाया है. जो धान सेवा सहकारी समितियों में खुले में डंप किया गया है, वो बारिश की भेंट चढ़ रहा है.
बेमेतरा में पिछले एक सप्ताह से लगातार रोज शाम को मौसम का मिजाज बदल रहा है. जिससे सेवा सहकारी समितियों में रखा धान बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ रहा है. मंगलवार को सुबह 1 घंटे की झमाझम बारिश से उपार्जन केंद्रों में रखे हजारों क्विंटल धान भीग चुके हैं.
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नवागढ़ क्षेत्र के समितियों में अधिक नुकसान
धान खरीदी के महीनों बीत जाने के बाद भी अबतक धान उपार्जन केंद्रों से धान को संग्रहण केंद्र नहीं ले जाया जा सका है. आलम यह है कि नवागढ़ के कूड़ा सेवा सहकारी समिति में अभी 42 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है. अंधियारखोर सेवा सहकारी समिति में 22 हजार क्विंटल धान डंप पड़े हुए हैं. इस संबंध में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी आरके वारे ने बताया कि कहीं-कहीं धान भीगे हैं. संबंधितों से नुकसान की जानकारी मंगाई गई है. जिले में फिर से परिवहन शुरू कर दिया गया है.
बारिश से गन्ने की फसल को फायदा
बेमेतरा क्षेत्र में हो रही बारिश से डंप धान को नुकसान है. वहीं गन्ने की खेती कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी है. किसान जहां कड़ाके की धूप में गन्ने में पानी चला रहे थे उन्हें बारिश ने राहत पहुंचाई है. क्षेत्र के लोगों को भी तेज धूप और गर्मी से कुछ हद तक निजात जरूर मिली है.