बेमेतरा : आज से प्रदेश के पहले पक्षी महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है. जिले के नवागढ़ गिधवा- परसदा गांव में ये महोत्सव आयोजित किया जाएगा. तीन दिनों तक चलने वाले इस बर्ड फेस्टिवल में देशभर से आए पक्षी वैज्ञानिक अपने अनुभव साझा करेंगे. कार्यक्रम में शिरकत करने पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कनार्टक के पक्षी विज्ञानी और बर्ड वॉचर पहुंच रहे हैं. शनिवार शाम संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे ने गिधवा पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया था.
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डीएफओ धम्मशील गणवीर ने बताया कि गिधवा-परसदा में होने वाला बर्ड फेस्टिवल अपने तरह का अनोखा बर्ड फेस्टिवल है. छत्तीसगढ़ की धरती पक्षियों की अनेक प्रजातियों से समृद्ध रही है. छत्तीसगढ़ी भाषा में पक्षियों के अनेक तरह के नाम और उनके गुण से जुड़े हुए किस्से शामिल हैं. प्रवासी पक्षियों की भी अनेक किस्म यहां देखे जाते हैं. गिधवा-परसदा के बड़े सरोवरों में भी यह प्रवासी पक्षी जुटते हैं. इस धरोहर को सहेजने, ज्ञान साझा करने के लिए बर्ड फेस्टिवल को मनाने का निर्णय लिया गया. आयोजन में पक्षियों के सुंदर संसार के बारे में दिलचस्प बातें साझा की जाएंगी. इस फेस्टिवल के जरिए इनके संरक्षण के संबंध में भी लोग अधिक जागरूक हो सकेंगे.
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तीनदिवसीय कार्यक्रम में ये होंगे आयोजन
- 31 जनवरी को क्रो फाउंडेशन के रवि नायडू पक्षी दर्शन और उसका महत्व विषय पर व्याख्यान देंगे. नोवा नेचर वेल्फेयर सोसायटी के एम सूरज आर्द्र भूमि संरक्षण और जीविकोपार्जन विषय पर अपना व्याख्यान देंगें. शाम को डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी और सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे. स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता से यह कार्यक्रम होंगे.
- 1 फरवरी सोमवार को पक्षी विशेषज्ञ एमके भरोस का संबोधन होगा. इसके बाद ग्रामीणों के साथ पक्षियों के संरक्षण पर परिचर्चा होगी. पक्षी किसानी के लिए किस तरह से उपयोगी होते हैं, इस विषय पर कुरुद कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर हितेंद्र टंडन का व्याख्यान होगा. केसी बेबर्ता पक्षी और जल संरक्षण विषय पर अपना व्याख्यान देंगे. बर्ड फ्लू पर मानव जीवन का प्रभाव विषय पर वैज्ञानिक डाॅ. जसमीत सिंह अपना व्याख्यान देंगे.
- 2 फरवरी को पिनटेल मैराथन का आयोजन होगा. यह परसदा से गिधवा तक 7 किमी तक होगा. इसके बाद पक्षी और उनका रहवास विषय पर आलोक चंद्राकर का संबोधन होगा. हम और जल विषय पर इको सॉल्यूशन के यतेंद्र अग्रवाल का व्याख्यान होगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम का समापन करेंगे.
जलीय और थलीय दोनों ही पक्षी शामिल
गिधवा में 150 प्रकार के पक्षियों का अनूठा संसार है. जलीय और थलीय दोनों ही प्रकार के पक्षी शामिल हैं. ईको टूरिज्म का विकास और स्थानीय रोजगार की दृष्टि से गिधवा-परसदा सबसे पसंदीदा जगह बनता जा रहा है. वन विभाग और उसकी सहयोगी संस्था फाउंडेशन नोवा नेचर वाइल्डलाइफ वेलफेयर जशपुर के जरिए ये बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया है.