बेमेतरा: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को हर वर्ष भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. गुरु के समर्पण, त्याग और दिए गए ज्ञान के प्रति आभार व्यक्त किए जाना वाला दिन बेमेतरा वासियों के लिए और भी खास है.
पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम 2013 में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह के अवसर पर बेमेतरा आये थे. उनके वाक्य आई कैन डू ईट, यू कैन डू इट, इंडिया कैन डू ईट मानो आज भी लोगों के जहन में गूंज रहा है.
डॉ कलाम ने नगर के ऐतिहासिक बेसिक स्कूल मैदान में अपने भाषण के माध्यम से बच्चों को माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करने की सलाह दी थी.
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प्रेरित हुए ये शिक्षक
कलाम साहब के हाथों सम्मानित मरका स्कूल के शिक्षक भूषण लाल साहू ने कहा कि 'उनके हाथों सम्मानित होना जीवन का अविस्मरणीय पल है. उनका भाषण सभी के लिए प्रेणनादायक था. वहीं से उन्हें प्रेणना मिली और आज वे पौधें रोप कर हरियाली अभियान चला रहे हैं'.
आज भी याद हैं कलाम के कहे शब्द
राज्यपाल पुरुस्कार से सम्मानित अंधियारखोर स्कूल के शिक्षक सुनील झा ने कलाम साहब को याद करते हुए कहा कि 'कलाम साहब के सरल भाषण और बच्चों के प्रति उनका प्रेम देखकर मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. बेमेतरा रेस्ट हाउस में उनके द्वारा लगाया गए रुद्राक्ष का वृक्ष आज भी उस गौरव के पल का साक्षी है'.
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कलाम के भाषण के अंश
'मुझे बेमेतरा में शिक्षक दिवस समारोह में भाग लेते हुए प्रसन्नता हो रही है. शिक्षक इस बात का संकल्प ले कि वे छात्रों को समान रूप से पढ़ाएंगे किसी भी सूरत में धर्म और जाति को व्यवहार में नही लाएंगे. छात्रों के सफलता पर प्रोत्साहन देंगे और आपके योगदान से राष्ट्र का विकास होगा'.